प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
सीबीआई ने रेलवे के तत्काल रिजर्वेशन सिस्टम को ध्वस्त करते हुए एक ही बार में सैकड़ों टिकटों का आरक्षण करने वाले एक अवैध सॉफ्टवेयर का निर्माण करने के आरोप में अपने सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर को गिरफ्तार किया है. अजय गर्ग नामक इस शख्स को साकेत की एक विशेष अदालत में बुधवार को पेश किया गया, जहां से उसे पांच दिनों की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया. गर्ग ने 2012 में सीबीआई में सहायक प्रोग्रामर के तौर पर अपनी सेवाएं शुरू की थी. उसका चयन एक प्रक्रिया के तहत किया गया था. इससे पहले वह 2007 से 2011 के बीच आईआरसीटीसी के लिए काम करता था. वहीं उसे रेलवे टिकटिंग सिस्टम के बारे में गहराई से पता चला. सूत्रों ने बताया कि गर्ग ने एक अवैध सॉफ्टवेयर बनाया, जिसके जरिये एजेंट एक बार में सैकड़ों टिकट बुक कर सकते थे. वहीं जरूरतमंद यात्री टिकट से वंचित रह जाते थे. गर्ग को उसके मुख्य सहयोगी अनिल गुप्ता के साथ गिरफ्तार किया गया है. यह सहयोगी एजेंटों को सॉफ्टवेयर बेचा करता था. इनके अलावा 10 एजेंटों की पहचान की गई है, जिनमें से सात जौनपुर और तीन मुंबई में हैं. सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा कि गुप्ता को उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले स्थित उसके घर से मंगलवार को गिरफ्तार किया गया और उसे ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया.
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रात भर चले ऑपरेशन के दौरान सीबीआई ने दिल्ली, मुंबई और जौनपुर में 14 स्थानों पर छापेमारी की. यहां से 89.42 लाख रुपये की नकदी, 61.29 लाख रुपये के सोने के गहने जिसमें एक किलो की दो सोने की छड़ें, 15 लैपटॉप, 15 हार्ड डिस्क, 52 मोबाइल फोन, 24 सिम कार्ड, 10 नोटबुक, छह राउटर, चार डोंगल और 19 पेन ड्राइव के साथ-साथ अभियुक्तों के परिसर और अन्य लोगों के परिसर से कुछ आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है.
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सीबीआई अधिकारी ने कहा, 'गर्ग पर आरोप है कि उसने आईआरसीटीसी द्वारा चलाए जा रहे तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली में छेड़छाड़ के लिए एक अवैध सॉफ्टवेयर विकसित किया था. यह साजिश अनिल कुमार गुप्ता के साथ रची थी. इन लोगों ने सॉफ्टवेयर को निजी व्यक्तियों को भारी भरकम रकम में अवैध इस्तेमाल के लिए बेच दिया था.'
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सीबीआई ने गर्ग और गुप्ता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश रचने, कंप्यूटर से जुड़े अपराधों और कंप्यूटर और कंप्यूटर सिस्टम को नुकसान पहुंचाने, रेलवे टिकटों की खरीद और आपूर्ति के अवैध कारोबार के आरोप में मामला दर्ज किया है. (इनपुट एजेंसियों से)
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सीबीआई अधिकारी ने कहा, 'गर्ग पर आरोप है कि उसने आईआरसीटीसी द्वारा चलाए जा रहे तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली में छेड़छाड़ के लिए एक अवैध सॉफ्टवेयर विकसित किया था. यह साजिश अनिल कुमार गुप्ता के साथ रची थी. इन लोगों ने सॉफ्टवेयर को निजी व्यक्तियों को भारी भरकम रकम में अवैध इस्तेमाल के लिए बेच दिया था.'
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