अरविंद केजरीवाल ने भिखारियों के लिए राहतभरी खबर दी है (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शहर में भिखारियों के खिलाफ अभियान शुरू करने की समाज कल्याण मंत्री संदीप कुमार की योजना को शुक्रवार को ‘‘अमानवीय’’ और ‘‘निरर्थक’’ बताते हुए उस पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया।
इस कदम पर ट्विटर के जरिये रोक लगाने का केजरीवाल का निर्देश पिछले कुछ सप्ताह से इस अभियान पर बल दे रहे समाज कल्याण मंत्री संदीप कुमार के लिए अप्रत्याशित है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मंत्री संदीप ने सोमवार से दिल्ली की सड़कों के किनारे से भिखारियों को हटाने के लिए अभियान छेड़ने की योजना बनाई थी। इसके तहत उन्हें वहां से उठाकर राज्य सरकार की ओर से संचालित किसी घर में ले जाना था। इस पर सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस योजना में बड़ी खामी है, क्योंकि इसमें उनके पुनर्वास के उपाय शामिल नहीं है।
केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा, ‘‘समाज कल्याण विभाग का कदम सबसे अधिक अमानवीय और निरर्थक है। मैं उन लोगों को तत्काल इसे रोकने का निर्देश देता हूं।’’
माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर मुख्यमंत्री की टिप्पणी के तत्काल बाद समझा जाता है कि कुमार ने अपनी टीम से इस प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाने का निर्देश दिया।
मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, मंत्री संदीप की योजना के तहत यह अभियान 10 दिनों तक चलना था और इसे 10 टीमों की ओर संचालित किया जाना था। इसके बाद भिखारियों को कोर्ट में पेश किया जाना था, जो इस पर निर्णय करती कि उन्हें किसी सरकारी रैनबसेरे में रखना है या छोड़ देना है।
पीटीआई के अनुसार, एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया, 'यह अत्यधिक जटिल मसला है और इसे बेहद संवेदनशीलता के साथ डील किया जाना था। मंत्री की ओर से तैयार किए गए ब्लूप्रिंट में कई वैचारिक खामियां थीं, जिनसे विवाद तो होना ही था।'
सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर ने कहा, 'शहर को भिखारियों से मुक्त करने के दो उपाय हैं। पहला कमजोर और निराश्रित लोगों के लिए एक सामाजिक सुरक्षा तंत्र स्थापित करना और दूसरा उन्हें खदेड़ देना। धमकी का सहारा लोगों को डराने के लिए लिया जाता है।'
(इनपुट भाषा से भी)
इस कदम पर ट्विटर के जरिये रोक लगाने का केजरीवाल का निर्देश पिछले कुछ सप्ताह से इस अभियान पर बल दे रहे समाज कल्याण मंत्री संदीप कुमार के लिए अप्रत्याशित है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मंत्री संदीप ने सोमवार से दिल्ली की सड़कों के किनारे से भिखारियों को हटाने के लिए अभियान छेड़ने की योजना बनाई थी। इसके तहत उन्हें वहां से उठाकर राज्य सरकार की ओर से संचालित किसी घर में ले जाना था। इस पर सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस योजना में बड़ी खामी है, क्योंकि इसमें उनके पुनर्वास के उपाय शामिल नहीं है।
केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा, ‘‘समाज कल्याण विभाग का कदम सबसे अधिक अमानवीय और निरर्थक है। मैं उन लोगों को तत्काल इसे रोकने का निर्देश देता हूं।’’
Most inhuman n futile exercise that social welfare dept cud think of. Am directing them to stop it immediately pic.twitter.com/nUmAUMDsd1
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 15, 2016
माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर मुख्यमंत्री की टिप्पणी के तत्काल बाद समझा जाता है कि कुमार ने अपनी टीम से इस प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाने का निर्देश दिया।
मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, मंत्री संदीप की योजना के तहत यह अभियान 10 दिनों तक चलना था और इसे 10 टीमों की ओर संचालित किया जाना था। इसके बाद भिखारियों को कोर्ट में पेश किया जाना था, जो इस पर निर्णय करती कि उन्हें किसी सरकारी रैनबसेरे में रखना है या छोड़ देना है।
पीटीआई के अनुसार, एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया, 'यह अत्यधिक जटिल मसला है और इसे बेहद संवेदनशीलता के साथ डील किया जाना था। मंत्री की ओर से तैयार किए गए ब्लूप्रिंट में कई वैचारिक खामियां थीं, जिनसे विवाद तो होना ही था।'
सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर ने कहा, 'शहर को भिखारियों से मुक्त करने के दो उपाय हैं। पहला कमजोर और निराश्रित लोगों के लिए एक सामाजिक सुरक्षा तंत्र स्थापित करना और दूसरा उन्हें खदेड़ देना। धमकी का सहारा लोगों को डराने के लिए लिया जाता है।'
(इनपुट भाषा से भी)
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