
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
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आरोपी नेताओं ने खुद को अदालत में निर्दोष बताया और मुकदमा चलाने को कहा
जेटली के खातों से जुड़ी जानकारी मांगने की केजरीवाल की याचिका हुई थी खारिज
जेटली ने 2015 में मानहानि का केस करते हुए 10 करोड़ मुआवजे की मांग की थी
हालांकि, मामले से जुड़े लोगों को अदालत कक्ष में मौजूद रहने को कहा गया. सीएमएम ने केजरीवाल और ‘आप’ के अन्य नेताओं - आशुतोष, कुमार विश्वास, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक वाजपेयी - के खिलाफ आरोप तय किए. इन नेताओं ने खुद को निर्दोष बताया और मुकदमा चलाने को कहा. इससे पहले, 30 जनवरी को अदालत ने केजरीवाल की वह अर्जी खारिज कर दी थी जिसमें आरोप तय करने के मुद्दे पर सुनवाई की मांग की गई थी. जेटली ने आपराधिक मानहानि की शिकायत में आरोप लगाया था कि आरोपियों ने डीडीसीए के बाबत पैदा हुए एक विवाद में उनकी मानहानि की थी जब जेटली डीडीसीए के अध्यक्ष थे.
इससे पहले एक मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट ने वित्तमंत्री अरुण जेटली के बैंक खातों, टैक्स रिटर्न और अन्य वित्तीय रिकॉर्डों से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि जेटली के परिवार के सदस्यों के बैंक खातों के लेन-देन और उनकी और परिजन की 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी वाली कंपनियों की जानकारी मांगने वाली केजरीवाल की याचिका ‘बेवजह की पूछताछ’ है और इसमें कोई दम नहीं है.
जेटली ने वर्ष 2015 में मानहानि का मुकदमा दायर करते हुए केजरीवाल, राघव चड्ढा, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह और दीपक वाजपेयी से 10 करोड़ रूपए के मुआवजे की मांग की थी. आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन में कथित अनियमितताओं और आर्थिक गड़बड़ियों को लेकर जेटली और उनके परिवार के सदस्यों पर सोशल मीडिया समेत कई मंचों से कथित तौर पर निशाना साधा था. जेटली करीब 13 साल वर्ष 2013 तक डीडीसीए के अध्यक्ष रहे थे. जेटली पहले ही इन आरोपों से इनकार कर चुके हैं.
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