
पिछले दो वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी मार्केट ने जबरदस्त तेज़ी देखी है. Bitcoin और Ether जैसे लोकप्रिय टोकन्स के साथ-साथ कई नए टोकन्स ने भी दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की की है. निश्चित तौर पर इससे बहुत से निवेशकों ने मोटा मुनाफा भी कमाया है. पिछले वर्ष क्रिप्टो इनवेस्टर्स का कुल प्रॉफिट 162.7 अरब डॉलर का रहा, जो इससे एक वर्ष पहले की अवधि से लगभग 130 अरब डॉलर अधिक है. पिछले वर्ष Bitcoin में 64 प्रतिशत और Ethereum में 393 प्रतिशत की बढ़ोतरी से साथ क्रिप्टो एसेट्स की ग्रोथ तेजी से बढ़ी है.
ब्लॉकचेन डेटा प्लेटफॉर्म Chainalysis की रिपोर्ट के अनुसार, क्रिप्टो में तेजी का सबसे अधिक फायदा पिछले वर्ष अमेरिकी लोगों को मिला. इनका प्रॉफिट 47 अरब डॉलर रहा. इसके बाद ब्रिटेन के लोगों के लिए 431 प्रतिशत और जर्मनी के लिए 43 प्रतिशत का प्रॉफिट रहा. पिछले वर्ष चीन का क्रिप्टो से कुल प्रॉफिट लगभग 5.1 अरब डॉलर रहा, जो एक वर्ष पहले से 1.7 अरब डॉलर या 194 प्रतिशत अधिक है. चीन में प्रॉफिट कम रहने का बड़ा कारण सरकार की ओर से पिछले वर्ष क्रिप्टो से जुड़ी एक्टिविटीज पर रोक लगाना था. चीन ने मई में क्रिप्टो सेगमेंट पर शिकंजा कसना शुरू किया था और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस और पेमेंट फर्मों पर क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़ी सर्विसेज देने पर रोक लगाई थी. इसके बाद सितंबर में इसने सभी क्रिप्टो ट्रांजैक्शंस और माइनिंग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था.
पिछले वर्ष क्रिप्टो सेगमेंट में प्रॉफिट के लिहाज से भारत 21वें स्थान पर रहा. भारत के क्रिप्टो इनवेस्टर्स ने 1.85 अरब डॉलर का प्रॉफिट कमाया. पिछले वर्ष के डेटा से पता चलता है कि इमर्जिंग मार्केट्स में क्रिप्टोकरेंसीज यूजर्स के लिए इकोनॉमिक अवसर का एक बड़ा सोर्स बनी हुई हैं. हालांकि, इस वर्ष क्रिप्टोकरेंसीज में ग्रोथ धीमी रही है. दुनिया भर में रेगुलेटर्स भी इस सेगमेंट पर नियंत्रण करने के तरीकों पर विचार कर रहे हैं. क्रिप्टो सेगमेंट में ग्रोथ घटने से इनवेस्टर्स की दिलचस्पी नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) में बढ़ी है.
भारत में इस महीने की शुरुआत से डिजिटल एसेट्स के लिए टैक्स कानून लागू होने के बाद क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग की वॉल्यूम में काफी गिरावट आई है. फरवरी में बजट में क्रिप्टो ट्रेडिंग पर टैक्स लगाने की घोषणा की गई थी और इसके बाद से यह मुद्दा क्रिप्टो इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के बीच विवाद का एक कारण बना है. इंडस्ट्री के बहुत से एक्सपर्ट्स और क्रिप्टो से जुड़े लोगों ने इस सेगमेंट पर प्रतिबंध लगाने के बजाय इसे रेगुलेट करने के सरकार के रवैये की प्रशंसा की है, जबकि कुछ अन्य का मानना है कि क्रिप्टो से मिलने वाले प्रॉफिट पर टैक्स की दर कम होनी चाहिए.