- इटावा में कथावाचकों की चोटी काटने का मामला बढ़ता जा रहा है.
- पुलिस ने कथावाचकों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है.
- सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने उन्हें सम्मानित भी किया है.
- मामले का असर देवरिया, औरेया, कौशांबी और बिहार तक देखा जा रहा है.
इटावा में कथावाचकों की चोटी काटे जाने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. कानपुर के रहने वाले कथावाचक मुकुट मणि, संत सिंह यादव और उनके साथियों ने ब्राह्मणों पर मारपीट और अमानवीय हरकत करने का आरोप लगाया था. यह मामला इटावा के दादरपुर गांव में 22 जून को घटित हुआ था. इस मामले में इटावा पुलिस ने दोनों कथा वाचकों पर एफआईआर दर्ज की है. एफआईआर में दोनों पर धोखाधड़ी जालसाजी करने का आरोप लगाया गया है. वहीं अब इस मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया है.
महिला के बयान से आया नया रंग
इस पूरे एपिसोड में भागवत कथा की परीक्षित महिला रेनू तिवारी ने बयान दिया. उन्होंने कथावाचकों पर छेड़खानी का आरोप लगाया है. रेनू तिवारी ने मीडिया का आभार जताते हुए कहा की वो सब मीडिया की वजह से ही सुरक्षित हैं जिन्होंने उनकी बात सीएम योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाई. रेनू तिवारी ने बताया कि गुरुवार को यदुवंशियों ने हमला भी किया है और पुलिस की गाड़ियां भी तोड़ी है. उनका कहना था कि उन्हें भी धमकियां मिल रही हैं .
रेनू तिवारी का आरोप मुकुट मणि यादव के पास दो आधार कार्ड
रेनू तिवारी ने आरोप लगाया था कि मुकुट मणि यादव के पास दो आधार कार्ड मिले थे. उन्होंने कहा कि मुकुट मणि पर एक ही फोटो और एक ही पते पर दो आधार कार्ड बनवाने का आरोप है. एक में उसका नाम मुकुट मणि अग्निहोत्री दर्ज है. इसी नाम से ब्राह्मण बता कर मुकुट मणि कथा करने गए थे. इसके बाद ही उनके साथ मारपीट की घटना हुई थी. मुकुट मणि और उनके साथी संत सिंह यादव पर इटावा के थाना बकेवर में मुकदमा दर्ज कराया गया है. इस मामले में दादरपुर निवासी जयप्रकाश तिवारी की शिकायत पर दर्ज किया गया है. पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 299,318(4),319(2),336(3), 338 व 340(2) में एफआईआर दर्ज की है. शिकायतकर्ता ने दोनों कथा वाचकों पर धोखाधड़ी और जालसाजी करने के आरोप लगाए गए हैं.
एफआईआर दर्ज होते ही भड़के लोग, इटावा में प्रदर्शन, कौशांबी में भी असर
इटावा के बकेवर थाने मे कथवाचकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही यादव समाज लामबंद हो गया. अहीर रेजिमेंट के 500 से 1000 यादव समाज के युवकों ने गुरुवार को थाने का घेराव किया. पुलिस की ओर से खदेड़े जाने के बाद सैंकड़ो की संख्या मे यादव समाज के लोग नेशनल हाईवे होते हुए दांदरपुर गांव पहुंच गए जहां पुलिस ने उन्हें खदेड़ा. घटना की संवेदनशीलता और बवाल की आशंका को देखते हुए इटावा के जिलाधिकारी शुभरान्त कुमार शुक्ल और एसएसपी ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव बकेवर थाने पहुंच गए.
बुधवार को स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि पुलिस को हवाई फायरिंग तक करनी पड़ी और 12 थानों की फोर्स बुलानी पड़ गई. प्रदर्शनकारियों ने आगरा-कानपुर नेशनल हाइवे पर चक्का जाम कर दिया था. औरया और कौशांबी में भी इसका असर देखने को मिल रहा है. वहीं बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने भी अब इसे एक बड़ा मुद्दा बना लिया है.
सीएम योगी ने एसएसपी को फटकारा
इस बीच बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इटावा के एसएसपी ब्रजेश श्रीवास्तव को जमकर फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि कुछ लोग यूपी में जातीय हिंसा करना चाहते हैं और पुलिस इसे रोक नहीं पा रही है. उन्होंने औरैया और कौशांबी जिलों के एसपी को भी फटकारा है. इन दोनों जिलों में भी इसी तरह की घटनाएं हुई हैं. प्रदेश के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ बैठक में सीएम योगी ने कहा कि जिस जिले में ऐसी घटनाएं होंगी, वहां अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी.
अखिलेश यादव ने कथावाचकों को सम्मानित करके मामले को दिया नया रंग
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने लखनऊ में पार्टी के दफ्तर में यादव कथावाचकों को सम्मानित करके मामले को एक नया रंग दे दिया है. अखिलेश ने कथावाचकों को 51-51 हजार रुपये की राशि भी दी. इसके बाद से ही देवरिया के ब्राह्मण समाज में काफी नाराजगी है. देवरिया में ब्राह्मण समाज के लोग गुरुवार को काफी संख्या में धोती कुर्ता पहन कर कलेक्ट्रेट पहुंचे. आचार्य दुर्गेश पांडेय ने यहां पर उन्होंने राज्यपाल को संबोधित करते हुए एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा है.
समाज की तरफ से जमकर नारेबाजी की गई और सपा मुखिया की तरफ से कथावाचकों का सम्मानित किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी. देवरिया में ब्राह्मण समाज से सुधांशु मिश्रा ने बताया कि यादव बिरादरी के लोग अपनी जाति छिपा कर धर्म के नाम पर शोषण कर रहे हैं और पाखंड रच रहे हैं और हम इसका विरोध करते हैं. उनका कहना था कि कथा कोई भी करे, उनसे विरोध नहीं है. हमारा विरोध सिर्फ इतना है कि कथा कहने वाले जजमान से अपना नाम बताएं और जाति न छिपाएं. ब्राह्मण समाज यह बर्दाश्त नहीं करेगा की पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी ऐसे घृणित लोगों को सपा ऑफिस में बुलाकर सम्मानित कर रहे हैं.
क्या है पूरा मामला
पूरा मामला यह है कि इटावा के दादरपुर गांव में 22 जून को ब्राह्मणों ने एक कथावाचक और उनके साथियों से मारपीट की थी. कानपुर के रहने वाले मुकुट मणि सिंह के मुताबिक, ब्राह्मणों ने पहले उनकी जाति पूछी. जब उन्होंने बताया कि वे यादव बिरादरी से हैं, तो उन पर दलित होने का आरोप लगाते हुए उन्हें धमकाया गया.उन्होंने बताया है कि उन्हें कहा गया कि ब्राह्मणों के गांव में भागवत पाठ करने की हिम्मत कैसे की. इसके बाद उनकी चोटी काट दी गई और सिर मुंडवा दिया गया. एक महिला के पैर पर नाक रगड़वाई गई. उनके साथियों के साथ भी मारपीट की गई. उनका भी सिर मुंडवाया गया और उनके साजो-सामान तोड़ दिए गए.
कथावाचक ने 23 जून को इटावा के सपा सांसद जितेंद्र दोहरे के साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) बृजेश कुमार श्रीवास्तव से मुलाकात की. एसएसपी के आदेश पर कोतवाली में चार नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एसएसपी से 10 दिन में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है.
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