दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में साइबर ठग राजकुमार और सुरेंद्र.
नई दिल्ली:
झारखंड का जामताड़ा इलाका साइबर फ्रॉड करने वालों का एक बड़ा अड्डा माना जाता है. दिल्ली और मुंबई से सैकड़ों किलोमीटर दूर जामताड़ा इलाके में बैठे साइबर ठग वहीं से लोगों की जेब पर डाका डाल रहे हैं. ऐसे ही एक बड़े गैंग का मास्टरमाइंड है राजकुमार मंडल उर्फ सीताराम मंडल, जिसकी तलाश 26 राज्यों की पुलिस को थी. उसे दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है. पुलिस का दावा है कि राजकुमार मंडल खुद तो साइबर फ्रॉड करने में मास्टर है ही वह अपने इलाके में 300 से ज्यादा लोगों को साइबर अपराध करने की ट्रेनिंग दे चुका है.
शाहदरा जिले की डीसीपी नूपुर प्रसाद के मुताबिक उनकी टीम आनंद विहार की रहने वाली एक बुज़ुर्ग महिला की शिकायत पर पुलिस इस अपराधी तक पहुंची. पीड़ित महिला के बैंक से पैसे उड़ गए थे. वह तुरंत पुलिस के पास पहुंच गई. केस साइबर सेल को ट्रांसफर हो गया. पुलिस ने जब पता लगाया तो जानकारी मिली कि सारे पैसे अलग-अलग ई-वालेट में चले गए हैं. पुलिस ने तुंरत सर्विस प्रोवाइडर से बात करके 40 हजार तो वापस मंगा लिए लेकिन उन्हें पता लगा कि बाकी की रकम से अलग-अलग लोगों का बिजली का बिल भर दिया गया है. पुलिस ने जब उन लोगों के बारे में पता किया जिनके बिल ई-वालेट से भरे गए थे तो उन सबके पते राजस्थान के जोधपुर के निकले. इसके बाद पुलिस को ये भी पता लगा कि ये सारे बिल एक ठेकेदार सुरेंद्र ने भरे हैं.
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पुलिस की एक टीम तुंरत जोधपुर पहुंच गई और सुरेंद्र को हिरासत में ले लिया. सुरेंद्र ने पुलिस को बताया कि उसका काम सिर्फ शाबिर के कहने पर बिल भरने का है. दरअसल ई-वालेट से कोई भी कैश नहीं निकाल सकता. ई-वालेट का इस्तेमाल सिर्फ बिजली पानी के बिल या फिर इसी तरह की दूसरी जरूरतों का बिल भरने के लिए किया जाता है. इस केस की जांच करते-करते पुलिस ने गैंग के मास्टरमाइंड राजकुमार समेत चार लोगों को गिरफ़्तार कर लिया.
बताया जाता है कि राजकुमार मंडल 2011 में मुंबई गया था. वहां उसने मोबाइल रिचार्ज करने का काम शुरू किया. उसी दौरान उसने मोबाइल हैकिंग भी सीखा और मोबाइल रिचार्ज के जरिए दूसरों के एकॉउंट में सेंध लगाने लगा. इसके बाद वह जामताड़ा आया. यहां मंडल ने करीब 300 से ज्यादा लड़कों को साइबर क्राइम करने की ट्रेनिंग दी. इसका नंबर सभी लड़कों के मोबाइल में सेव था. सभी लड़के राजकुमार को 'हैलो मास्टर' के नाम से पुकारते थे.
झारखंड के जामताड़ा का रहने वाला राजकुमार मंडल उर्फ सीताराम कभी बैंक मैनेजर बनकर तो कभी आरबीआई के नाम पर देशभर के लोगों को जामताड़ा से ही फोन करता था. वह फोन पर कहता- हम एटीएम कस्टमर केयर से बोल रहे हैं...कभी बोलता, हम आरबीआई से बोल रहे हैं, आपका एकांउट बंद हो जाएगा जल्दी आप अपने एकाउंट एटीएम पासवर्ड हमें बताइए, हम उसे बदल देंगे. अपना आधार बैंक लिंक करवाएं. उसके बाद जैसे ही इनके झांसे में लोग आते थे वह उनसे ओटीपी पूछकर उसके जरिए पैसों का ट्रांजेक्शन कर लेता था. राजकुमार के गांव वाले कहते हैं कि राजकुमार ने फ़िल्म स्टार अभिताभ बच्चन को भी नहीं बख्शा. उनसे भी 5 लाख ठग लिए.
VIDEO : आरबीआई की बैंकों को हिदायत
डीसीपी शहादरा नूपुर प्रसाद के मुताबिक जनवरी से लेकर अब तक रामकुमार के केवल एक ही बैंक खाते में एक करोड़ से ज्यादा का ट्रांजेक्शन हुआ. उसके बाकी बैंक खातों की जांच चल रही है. झारखंड में राजकुमार का करोड़ों का आलीशान बंगला है जो रिमोट के जरिए खुलता है. बताते हैं कि राजकुमार जामताड़ा के कर्माटर गांव का रॉबिनहुड था. यही वजह थी कि जब-जब पुलिस इस इलाके में रेड करने पहुंची, खाली हाथ ही वापस आई.
शाहदरा जिले की डीसीपी नूपुर प्रसाद के मुताबिक उनकी टीम आनंद विहार की रहने वाली एक बुज़ुर्ग महिला की शिकायत पर पुलिस इस अपराधी तक पहुंची. पीड़ित महिला के बैंक से पैसे उड़ गए थे. वह तुरंत पुलिस के पास पहुंच गई. केस साइबर सेल को ट्रांसफर हो गया. पुलिस ने जब पता लगाया तो जानकारी मिली कि सारे पैसे अलग-अलग ई-वालेट में चले गए हैं. पुलिस ने तुंरत सर्विस प्रोवाइडर से बात करके 40 हजार तो वापस मंगा लिए लेकिन उन्हें पता लगा कि बाकी की रकम से अलग-अलग लोगों का बिजली का बिल भर दिया गया है. पुलिस ने जब उन लोगों के बारे में पता किया जिनके बिल ई-वालेट से भरे गए थे तो उन सबके पते राजस्थान के जोधपुर के निकले. इसके बाद पुलिस को ये भी पता लगा कि ये सारे बिल एक ठेकेदार सुरेंद्र ने भरे हैं.
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पुलिस की एक टीम तुंरत जोधपुर पहुंच गई और सुरेंद्र को हिरासत में ले लिया. सुरेंद्र ने पुलिस को बताया कि उसका काम सिर्फ शाबिर के कहने पर बिल भरने का है. दरअसल ई-वालेट से कोई भी कैश नहीं निकाल सकता. ई-वालेट का इस्तेमाल सिर्फ बिजली पानी के बिल या फिर इसी तरह की दूसरी जरूरतों का बिल भरने के लिए किया जाता है. इस केस की जांच करते-करते पुलिस ने गैंग के मास्टरमाइंड राजकुमार समेत चार लोगों को गिरफ़्तार कर लिया.
बताया जाता है कि राजकुमार मंडल 2011 में मुंबई गया था. वहां उसने मोबाइल रिचार्ज करने का काम शुरू किया. उसी दौरान उसने मोबाइल हैकिंग भी सीखा और मोबाइल रिचार्ज के जरिए दूसरों के एकॉउंट में सेंध लगाने लगा. इसके बाद वह जामताड़ा आया. यहां मंडल ने करीब 300 से ज्यादा लड़कों को साइबर क्राइम करने की ट्रेनिंग दी. इसका नंबर सभी लड़कों के मोबाइल में सेव था. सभी लड़के राजकुमार को 'हैलो मास्टर' के नाम से पुकारते थे.
झारखंड के जामताड़ा का रहने वाला राजकुमार मंडल उर्फ सीताराम कभी बैंक मैनेजर बनकर तो कभी आरबीआई के नाम पर देशभर के लोगों को जामताड़ा से ही फोन करता था. वह फोन पर कहता- हम एटीएम कस्टमर केयर से बोल रहे हैं...कभी बोलता, हम आरबीआई से बोल रहे हैं, आपका एकांउट बंद हो जाएगा जल्दी आप अपने एकाउंट एटीएम पासवर्ड हमें बताइए, हम उसे बदल देंगे. अपना आधार बैंक लिंक करवाएं. उसके बाद जैसे ही इनके झांसे में लोग आते थे वह उनसे ओटीपी पूछकर उसके जरिए पैसों का ट्रांजेक्शन कर लेता था. राजकुमार के गांव वाले कहते हैं कि राजकुमार ने फ़िल्म स्टार अभिताभ बच्चन को भी नहीं बख्शा. उनसे भी 5 लाख ठग लिए.
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डीसीपी शहादरा नूपुर प्रसाद के मुताबिक जनवरी से लेकर अब तक रामकुमार के केवल एक ही बैंक खाते में एक करोड़ से ज्यादा का ट्रांजेक्शन हुआ. उसके बाकी बैंक खातों की जांच चल रही है. झारखंड में राजकुमार का करोड़ों का आलीशान बंगला है जो रिमोट के जरिए खुलता है. बताते हैं कि राजकुमार जामताड़ा के कर्माटर गांव का रॉबिनहुड था. यही वजह थी कि जब-जब पुलिस इस इलाके में रेड करने पहुंची, खाली हाथ ही वापस आई.
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