
Abhishek Sharma makes super century: जिंबाब्वे के खिलाफ रविवार को हरारे स्पोर्ट्स क्लब में खेले गए पांच टी20 मैचों की सीरीज के दूसरे मैच के बाद अगर किसी के नाम के सबसे ज्यादा चर्चे हैं, तो वह कोई और नहीं, बल्कि अभिषेक शर्मा (Abhishek Sharma) हैं. लेफ्टी बल्लेबाज ने जिंबाब्वे की ऐसी बखिया उधेड़ी कि हर कोई उनका मुरीद बन गया. मैच के बाद उन्हें ही प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया, तो उन्होंने अपने दिल की बात कही. वहीं, अभिषेक ने अपनी खेल शैली को लेकर भी एक बड़ी बात बोल दी.
अभिषेक ने भारत की जीत के बाद कहा कि मुझे लगता है कि यह मेरी अच्छी परफॉरमेंस रही. शनिवार को मेजबानों से हार झेलने के बाद यह हमारे लिए आसान नहीं था. उन्होंने कहा कि मैंने महसूस किया कि आज मेरा दिन है और मैंने इसे यादगार बना दिया. मुझे लगता है कि टी20 फॉर्मेट कुल मिलाकर प्रवाह की बात है और मैं इसे आज आखिर तक लेकर गया.
अभिषेक बोले कि मैं भरोसा बनाए रखने के लिए अपने कोचों, कप्तान और टीम प्रबंधन का खासतौर पर जिक्र करना चाहूंगा. मैंने हमेशा ही यह महसूस किया है कि अगर यह आपका दिन है, तो आपको खुलकर अपना खेल खेलना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऋतुराज और मैं हर ओवर के बाद आपस में बात कर रहे थे. उसने कहा कि मुझे जिम्मेदारी लेनी चाहिए. मुझे अपनी क्षमता में हमेशा भरोसा रहा है. अगर गेंद मेरे एरिया में है, और अगर यह मैच की पहली ही गेंद क्यों न हो, मैं इस पर प्रहार लगाऊंगा.
कुछ ऐसे मैच जीता टीम इंडिया ने
जिंबाब्वे के खिलाफ शनिवार को हरारे में शुरू हुई पांच मैचों की सीरीज के दूसरे टी20 मुकाबले में रविवार को हरारे के हरारे स्पोर्ट्स क्लब मैदान पर टीम इंडिया की युवा ब्रिगेड ने मेजबानों का आइना दिखाते और कड़ा सबक सिखाते हुए उसे 100 रनों से रौंद दिया. जीत के साथ ही भारत ने सीरीज में 1-1 से बराबरी पर आते हुए पहले मैच में मिली शर्मनाक हार से गुस्साए करोड़ों फैंस को भी शांत करते हुए मैसेज दे दिया कि पहले मैच की हार बस दिन विशेष का मसला था. वास्तव में दूसरे टी20 में जिंबाब्वे की हार तभी तय हो गई थी, जब अभिषेक शर्मा (100) की अगुवाई में भारतीय बल्लेबाजों ने प्रचंड प्रहार लगाते हुए मेजबानों के सामने 235 रनों का विशाल लक्ष्य सामने रख दिया था. यहां से यही देखना बाकी था कि हार कितनी रनों से होती है. और दिन की समाप्ति पर यह पूरे सौ रन से हुई और टीम इंडिया ने जिंबाब्वे को बुरी तरह से पटक दिया. शतकवीर अभिषेक शर्मा को प्लेयर ऑफ द मैच पुरस्कार के लिए दूर-दूर तक कोई चैलेंज नहीं था.
जिंबाब्वे की ओर से ओपनर वेसली माधेवेरे (43) और निचले क्रम में ल्यूक जांग्वे (33) ही ऐसे बल्लेबाज रहे, जिन्होंने पिच पर टिकने की मनोदशा दिकाई. उसके सात बल्लेबाज दो दहाई का भी आंकड़ा नहीं छू सके और बड़े स्कोर के दबाव में अंट-शंट स्ट्रोक खेलते रहे. बड़ा वार आवेश खान ने चौथे ओवर में किया, जब उन्होंने टीम के स्टार बल्लेबाज और कप्तान सिकंदर रजा (4) और मायर्स (0) को पांच गेंदों के भीतर चलकर उसकी मनोदशा पर जोरदार प्रहार किया, तो इसके बाद रवि बिश्नोई, वॉशिंगटन सुंदर का काम और आसान हो गया. भारत के लिए मुकेश खुमार और आवेश ने तीन-तीन, जबकि बिश्नोई ने दो और सुंदर ने एक विकेट लिया.
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