कटक:
खिताब की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुके भारत ने कप्तान मिताली राज के नाबाद शतक की बदौलत गुरुवार को चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को छह विकेट से हराकर आईसीसी महिला विश्वकप क्रिकेट में सांत्वना जीत दर्ज करके सातवां स्थान हासिल किया।
पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की, लेकिन नैन अबीदी (58) और निदा डार (नाबाद 68) को छोड़कर उसकी कोई भी बल्लेबाज टिककर नहीं खेल पाई। पाकिस्तान ने सात विकेट पर 192 रन बनाए। भारत के लिए नागराजन निरंजना ने 35 रन देकर तीन और झूलन गोस्वामी ने 17 रन देकर दो विकेट लिए।
मिताली ने इसके बाद नाबाद 103 रन की कप्तानी पारी खेली, जो एक-दिवसीय मैचों में उनका चौथा शतक है। मिताली की इस बेजोड़ पारी से भारत ने शुरुआती झटकों से उबरते हुए 46 ओवर में चार विकेट पर 195 रन बनाकर जीत दर्ज की। भारत ग्रुप ए में इंग्लैंड और श्रीलंका से हारकर सुपर सिक्स की दौड़ से बाहर हो गया था और उसके लिए यह मैच प्रतिष्ठा से जुड़ा था।
तिरुष कामिनी और हरमनप्रीत कौर के बाद मिताली तीसरी भारतीय बल्लेबाज हैं, जिन्होंने इस विश्वकप में शतक लगाया। उन्होंने अपनी पारी में 141 गेंदें खेलीं तथा 13 चौके और एक छक्का लगाया। मिताली और रीमा मल्होत्रा (25) ने पांचवें विकेट के लिए 87 रन की अटूट साझेदारी करके भारत को लक्ष्य तक पहुंचाया।
मिताली ने हालांकि एक छोर संभाले रखा और इस बीच उन्होंने स्कोर बोर्ड भी चलायमान रखा। रीमा ने दूसरे छोर से विकेट गिरने का क्रम रोककर भारत को किसी तरह के संकट में नहीं पड़ने दिया। पाकिस्तान को इस तरह से टूर्नामेंट में चौथी हार झेलनी पड़ी। उसने लीग चरण में ग्रुप बी के अपने सभी मैच गंवाए थे।
इससे पहले भारतीय टीम ने पाकिस्तान के दोनों सलामी बल्लेबाजों को 11 ओवर के अंदर ही पैवेलियन भेज दिया था। उस समय स्कोर बोर्ड पर सिर्फ 28 रन टंगे थे। आबिदी ने हालांकि इसके बाद मोर्चा संभालते हुए बिमाह मारूफ (15) के साथ 32 रन जोड़े। उन्होंने डार के साथ भी 80 रन की साझेदारी की। आबिदी ने अपनी पारी में 113 गेंद की पारी में पांच चौके लगाए। गोस्वामी की गेंद पर तिरूष कामिनी ने उन्हें पैवेलियन भेजा। यह साझेदारी टूटने के बाद पाकिस्तान आखिरी ओवरों में रनगति नहीं बढ़ा सका।
भारत के लिए एकता बिष्ट ने भी एक विकेट लिया, लेकिन नौ ओवर में उसने 50 रन दे डाले।
पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की, लेकिन नैन अबीदी (58) और निदा डार (नाबाद 68) को छोड़कर उसकी कोई भी बल्लेबाज टिककर नहीं खेल पाई। पाकिस्तान ने सात विकेट पर 192 रन बनाए। भारत के लिए नागराजन निरंजना ने 35 रन देकर तीन और झूलन गोस्वामी ने 17 रन देकर दो विकेट लिए।
मिताली ने इसके बाद नाबाद 103 रन की कप्तानी पारी खेली, जो एक-दिवसीय मैचों में उनका चौथा शतक है। मिताली की इस बेजोड़ पारी से भारत ने शुरुआती झटकों से उबरते हुए 46 ओवर में चार विकेट पर 195 रन बनाकर जीत दर्ज की। भारत ग्रुप ए में इंग्लैंड और श्रीलंका से हारकर सुपर सिक्स की दौड़ से बाहर हो गया था और उसके लिए यह मैच प्रतिष्ठा से जुड़ा था।
तिरुष कामिनी और हरमनप्रीत कौर के बाद मिताली तीसरी भारतीय बल्लेबाज हैं, जिन्होंने इस विश्वकप में शतक लगाया। उन्होंने अपनी पारी में 141 गेंदें खेलीं तथा 13 चौके और एक छक्का लगाया। मिताली और रीमा मल्होत्रा (25) ने पांचवें विकेट के लिए 87 रन की अटूट साझेदारी करके भारत को लक्ष्य तक पहुंचाया।
मिताली ने हालांकि एक छोर संभाले रखा और इस बीच उन्होंने स्कोर बोर्ड भी चलायमान रखा। रीमा ने दूसरे छोर से विकेट गिरने का क्रम रोककर भारत को किसी तरह के संकट में नहीं पड़ने दिया। पाकिस्तान को इस तरह से टूर्नामेंट में चौथी हार झेलनी पड़ी। उसने लीग चरण में ग्रुप बी के अपने सभी मैच गंवाए थे।
इससे पहले भारतीय टीम ने पाकिस्तान के दोनों सलामी बल्लेबाजों को 11 ओवर के अंदर ही पैवेलियन भेज दिया था। उस समय स्कोर बोर्ड पर सिर्फ 28 रन टंगे थे। आबिदी ने हालांकि इसके बाद मोर्चा संभालते हुए बिमाह मारूफ (15) के साथ 32 रन जोड़े। उन्होंने डार के साथ भी 80 रन की साझेदारी की। आबिदी ने अपनी पारी में 113 गेंद की पारी में पांच चौके लगाए। गोस्वामी की गेंद पर तिरूष कामिनी ने उन्हें पैवेलियन भेजा। यह साझेदारी टूटने के बाद पाकिस्तान आखिरी ओवरों में रनगति नहीं बढ़ा सका।
भारत के लिए एकता बिष्ट ने भी एक विकेट लिया, लेकिन नौ ओवर में उसने 50 रन दे डाले।
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