झूलन गोस्वामी वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली महिला गेंदबाज हैं (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी को इस बात का अफसोस है कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम की फाइनल में पहुंचने के बावजूद इसे जीत नहीं पाई. महिला क्रिकेट की तेज गेंदबाजों में शुमार झूलन ने माना कि जब तक हमारी टीम कोई बड़ी प्रतियोगिता नहीं जीत लेगी जब तक फाइनल में मिली 9 रन की हार हर खिलाड़ी को सालती रही. झूलन का ध्यान अब महिला टी20 वर्ल्डकप में टीम और अपने अच्छे प्रदर्शन पर टिका हुआ है. झूलन गोस्वामी ने यह विचार NDTV conclave के दौरान चर्चा में व्यक्त किए.
उन्होंने कहा कि वर्ल्डकप2017 में सबसे अच्छी बात यह रही कि हमने यूनिट के रूप में अच्छा प्रदर्शन किया. हम एक व्यक्ति के प्रदर्शन पर निर्भर नहीं रहे. किसी मैच में मिताली, किसी में पूनम राउत तो किसी में स्मृति मंधाना ने अच्छा प्रदर्शन किया. फाइनल में झूलन गोस्वामी ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए तीन विकेट हासिल किए. टूर्नामेंट के अपने अनुभव के बारे में उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे भारतीय टीम जीतती गई. लोगों की हमसे उम्मीद बढ़ती गई. भारतीय टीम के पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले तो लोगों की भावनाएं पूरे उफान पर थीं. वे हर हाल में इस मैच में हमसे जीत चाहते थे. झूलन ने बताया कि मैच के बाद इंग्लैंड में रह रहे पाकिस्तानी मूल के लोगों ने भी जीत की बधाई देते हुए हमारे प्रदर्शन को सराहा.
यह भी पढ़ें : अच्छे प्रदर्शन का तेज गेंदबाज झूलन को मिला यह 'तोहफा'
पश्चिम बंगाल में रहने वाली झूलन को क्रिकेट के अलावा फुटबॉल भी बहुत पसंद है. अर्जेंटीना के डिएगो मेराडोना उनके पसंदीदा फुटबॉल खिलाड़ी हैं. झूलन ने अपनी आंटी के यहां रहते हुए क्रिकेट खेलना शुरू किया और फिर वे इसी खेल की होकर रह गईं. अपनी लंबाई और स्वाभाविक एक्शन के कारण वे गेंदों को अच्छी गति देने में सफल रहती हैं. उन्होंने बताया कि जब मैंने क्रिकेट खेलना गंभीरता से शुरू किया. मैंने कोच को बताया कि मैं बैटिंग और बॉलिंग, दोनों करती हूं. कोच में मुझे गेंदबाजी करने को कहा. उन्होंने कद और एक्शन को ध्यान में रखकर गेंदबाजी पर ही ध्यान देने को कहा. इसके बाद तो मैं गेंदबाज बनकर ही रह गई. चर्चा के दौरान झूलन ने क्रिकेट के लिए अपने संघर्ष के उन दिनों को भी याद किया जब वे इस खेल की खातिर दिन में 60 से 70 किमी तक का सफर ट्रेन से करती थीं.
वीडियो : भारतीय महिला क्रिकेट टीम से खास बातचीत
तेज गेंदबाज के तौर पर झूलन आज महिला क्रिकेट में इतना बड़ा नाम बन चुकी हैं कि पाकिस्तान की कायनात इम्तियाज ने उन्हें देखकर ही इस खेल में करियर बनाया. झूलन ने क्रिकेटप्रेमियों से अनुरोध किया कि क्रिकेट के खेल को महिला और पुरुष के टैग में नहीं बांध जाए और जो भी प्रदर्शन करे, उसकी सराहना की जाए. पुराने दिनों को याद करते हुए झूलन ने बताया कि शुरुआत में लोग उन जैसी महिला क्रिकेटरों से कहते थे क्यों खेल में समय बरबाद करती हो. बहरहाल, उन्हें टीम इंडिया के पुरुष क्रिकेटरों की ओर से मिले प्रोत्साहन का विशेष रूप से जिक्र किया. झूलन ने बताया कि राहुल द्रविड़, जहीर खान, इरफान पठान और मो. शमी जैसे क्रिकेटरों ने हमारे प्रदर्शन की जमकर सराहना की और हमारा हौसला बढ़ाया.
उन्होंने कहा कि वर्ल्डकप2017 में सबसे अच्छी बात यह रही कि हमने यूनिट के रूप में अच्छा प्रदर्शन किया. हम एक व्यक्ति के प्रदर्शन पर निर्भर नहीं रहे. किसी मैच में मिताली, किसी में पूनम राउत तो किसी में स्मृति मंधाना ने अच्छा प्रदर्शन किया. फाइनल में झूलन गोस्वामी ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए तीन विकेट हासिल किए. टूर्नामेंट के अपने अनुभव के बारे में उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे भारतीय टीम जीतती गई. लोगों की हमसे उम्मीद बढ़ती गई. भारतीय टीम के पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले तो लोगों की भावनाएं पूरे उफान पर थीं. वे हर हाल में इस मैच में हमसे जीत चाहते थे. झूलन ने बताया कि मैच के बाद इंग्लैंड में रह रहे पाकिस्तानी मूल के लोगों ने भी जीत की बधाई देते हुए हमारे प्रदर्शन को सराहा.
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पश्चिम बंगाल में रहने वाली झूलन को क्रिकेट के अलावा फुटबॉल भी बहुत पसंद है. अर्जेंटीना के डिएगो मेराडोना उनके पसंदीदा फुटबॉल खिलाड़ी हैं. झूलन ने अपनी आंटी के यहां रहते हुए क्रिकेट खेलना शुरू किया और फिर वे इसी खेल की होकर रह गईं. अपनी लंबाई और स्वाभाविक एक्शन के कारण वे गेंदों को अच्छी गति देने में सफल रहती हैं. उन्होंने बताया कि जब मैंने क्रिकेट खेलना गंभीरता से शुरू किया. मैंने कोच को बताया कि मैं बैटिंग और बॉलिंग, दोनों करती हूं. कोच में मुझे गेंदबाजी करने को कहा. उन्होंने कद और एक्शन को ध्यान में रखकर गेंदबाजी पर ही ध्यान देने को कहा. इसके बाद तो मैं गेंदबाज बनकर ही रह गई. चर्चा के दौरान झूलन ने क्रिकेट के लिए अपने संघर्ष के उन दिनों को भी याद किया जब वे इस खेल की खातिर दिन में 60 से 70 किमी तक का सफर ट्रेन से करती थीं.
वीडियो : भारतीय महिला क्रिकेट टीम से खास बातचीत
तेज गेंदबाज के तौर पर झूलन आज महिला क्रिकेट में इतना बड़ा नाम बन चुकी हैं कि पाकिस्तान की कायनात इम्तियाज ने उन्हें देखकर ही इस खेल में करियर बनाया. झूलन ने क्रिकेटप्रेमियों से अनुरोध किया कि क्रिकेट के खेल को महिला और पुरुष के टैग में नहीं बांध जाए और जो भी प्रदर्शन करे, उसकी सराहना की जाए. पुराने दिनों को याद करते हुए झूलन ने बताया कि शुरुआत में लोग उन जैसी महिला क्रिकेटरों से कहते थे क्यों खेल में समय बरबाद करती हो. बहरहाल, उन्हें टीम इंडिया के पुरुष क्रिकेटरों की ओर से मिले प्रोत्साहन का विशेष रूप से जिक्र किया. झूलन ने बताया कि राहुल द्रविड़, जहीर खान, इरफान पठान और मो. शमी जैसे क्रिकेटरों ने हमारे प्रदर्शन की जमकर सराहना की और हमारा हौसला बढ़ाया.
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