नई दिल्ली:
'मैं कई सालों से बच्चों को स्पिन गेंदबाजी की बारीकियां सिखाता आ रहा हूं। इस काम में मुझे मजा आता है। इस बात की खुशी है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई ) ने मुझे इसी का मौका दिया।' यह बात लेग स्पिनर और पूर्व चयनकर्ता नरेंद्र हिरवानी ने बीसीसीआई की ओर से उन्हें राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में स्पिन गेंदबाजी कोच नियुक्त किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कही।
रूटीन काम की तरह लेना चाहता हूं
हिरवानी ने कहा, 'निश्चित रूप से यह बड़ी जिम्मेदारी है, लेकिन मैं इसे चुनौती के रूप में नहीं ले रहा। मैं इसे रूटीन काम की तरह ही लेना चाहता हूं। अपने ऊपर दबाव नहीं लाना चाहता, तभी अच्छे परिणाम दे पाऊंगा।'
अपने पहले ही टेस्ट में 16 विकेट लेकर धमाका करने वाले हीरू को बुधवार शाम तक अपनी नई जिम्मेदारी के बारे में बोर्ड की ओर से आधिकारिक सूचना नहीं मिली थी। उन्होंने कहा, मीडिया से जुड़े लोगों से ही मुझे इस बारे में जानकारी मिली है। वैसे, बोर्ड के एक बड़े पदाधिकारी ने करीब दस दिन पहले मुझसे इस बारे में बात की थी और मैंने अपनी सहमति जता दी थी।
अपने अनुभव का लाभ युवा स्पिनरों को देने को बेताब
रंजी ट्राफी में मध्य प्रदेश की टीम का प्रतिनिधित्व करते रहे हिरवानी अपनी नई जिम्मेदारी को लेकर बेहद बेताब हैं। उन्होंने कहा, देश में इस समय कुलदीप यादव, जयंत यादव, अक्षय वाखरे और जलज सक्सेना जैसे अच्छे स्पिन गेंदबाज हैं। क्रिकेट के खेल से जो भी सीखा, मेरी कोशिश उसके जरिये युवा पीढ़ी को बेहतर बनाने की होगी।
गौरतलब है कि दाएं हाथ के लेग स्पिनर हिरवानी ने वर्ष 1988 से 1996 तक देश का प्रतिनिधित्व करते हुए 17 टेस्ट खेले और 30.10 के औसत से 66 विकेट झटके। वनडे में भी वे 23 विकेट उनके नाम पर हैं। इसके साथ ही प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 'हीरू' के नाम पर 700 से अधिक विकेट दर्ज हैं।
रूटीन काम की तरह लेना चाहता हूं
हिरवानी ने कहा, 'निश्चित रूप से यह बड़ी जिम्मेदारी है, लेकिन मैं इसे चुनौती के रूप में नहीं ले रहा। मैं इसे रूटीन काम की तरह ही लेना चाहता हूं। अपने ऊपर दबाव नहीं लाना चाहता, तभी अच्छे परिणाम दे पाऊंगा।'
अपने पहले ही टेस्ट में 16 विकेट लेकर धमाका करने वाले हीरू को बुधवार शाम तक अपनी नई जिम्मेदारी के बारे में बोर्ड की ओर से आधिकारिक सूचना नहीं मिली थी। उन्होंने कहा, मीडिया से जुड़े लोगों से ही मुझे इस बारे में जानकारी मिली है। वैसे, बोर्ड के एक बड़े पदाधिकारी ने करीब दस दिन पहले मुझसे इस बारे में बात की थी और मैंने अपनी सहमति जता दी थी।
अपने अनुभव का लाभ युवा स्पिनरों को देने को बेताब
रंजी ट्राफी में मध्य प्रदेश की टीम का प्रतिनिधित्व करते रहे हिरवानी अपनी नई जिम्मेदारी को लेकर बेहद बेताब हैं। उन्होंने कहा, देश में इस समय कुलदीप यादव, जयंत यादव, अक्षय वाखरे और जलज सक्सेना जैसे अच्छे स्पिन गेंदबाज हैं। क्रिकेट के खेल से जो भी सीखा, मेरी कोशिश उसके जरिये युवा पीढ़ी को बेहतर बनाने की होगी।
गौरतलब है कि दाएं हाथ के लेग स्पिनर हिरवानी ने वर्ष 1988 से 1996 तक देश का प्रतिनिधित्व करते हुए 17 टेस्ट खेले और 30.10 के औसत से 66 विकेट झटके। वनडे में भी वे 23 विकेट उनके नाम पर हैं। इसके साथ ही प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 'हीरू' के नाम पर 700 से अधिक विकेट दर्ज हैं।
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