विनोद राय चार सदस्यीय प्रशासकों के दल की अगुवाई करेंगे
पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) विनोद राय चार सदस्यीय प्रशासकों के उस दल की अगुवाई करेंगे जो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का संचालन करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राय के अलावा मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा, आईडीएफसी क प्रबंध निदेशक विक्रम लिमये और पूर्व महिला क्रिकेटर डायना एडुलजी को भी इसमें स्थान मिला है. शीर्ष अदालत ने कहा कि बीसीसीआई के संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी और विक्रम लिमये फरवरी माह के प्रथम सप्ताह में होने वाली इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) की बैठक में बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व करेंगे. प्रशासकों की नियुक्ति मामले में जुड़ी खास बातें...
1. सुप्रीम कोर्ट ने 24 जनवरी को बीसीसीआई से प्रशासक के लिए नाम सुझाने को कहा था. एमिकस क्यूरी गोपाल सुब्रमण्यम और एडवोकेट अनिल दीवान की से सुझाए गए 9 नामों को बहुत अधिक मानते हुए कोर्ट ने यह निर्देश दिया था.
2.अपनी नियुक्ति पर पूर्व कैग विनोद राय ने NDTV से चर्चा में कहा, 'मुझें लगता है कि मेरी भूमिका नाइट वॉचमैन की होगी जिसका काम सुचारू संचालन सुनिश्चित करना होगा. ' उन्होंने कहा कि मेरी पास बीसीसीआई में काम करने का अनुभव नहीं है लेकिन मैं क्रिकेट के खेल का दीवाना हूं.' (पढ़ें, सुप्रीम कोर्ट ने विनोद राय की अगुवाई में नियुक्त किए BCCI के 4 नए प्रशासक)
3. इस मामले की सुनवाई उस समय 30 जनवरी तक टाल दी गई थी जब बीसीसीआई और केंद्र ने दलील दी थी कि उन्हें भी सीलंबंद लिफाफे में नाम देने की इजाजत दी जाए.
4. जस्टिस दीपक मिश्रा, एएम खानविलकर और डीवाय चंद्रचूड़ की बेंच ने बीसीसीआई को आईसीसी की बैठक का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपने उन पदाधिकारियों में से तीन नाम चुनने को कहा था जो अभी ऑफिस संभालने की योग्यता रखते हैं.
5.अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने बीसीसीआई के लिए प्रशासक की नियुक्ति का विरोध किया था. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रमण्यम और दीवान की ओर से सुझाए नाम को अंतिम रूप देने का फैस्ला टालने का आग्रह किया था.
6.यूनिवर्सिटीज, रेलवे और सेना का प्रतिनिधित्व करते हुए अटार्नी जनरल ने 18 जुलाई 2016 के सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को भी वापस लेने को कहा था जिसमें बीसीसीआई को लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को पूरी तरह लागू करने का निर्देश दिया गया था. उन्होंने आग्रह किया था की सरकारी अधिकारियों को इन संस्थाओं के ऑफिस संभालने की इजाजत दी गई और इन्हें वोटिंग राइट भी मिले.
7. शीर्ष अदालत ने इस बात की पुष्टि की थी कि सौंपे गए नौ नामों में कुछ पूर्व क्रिकेटरों के नाम भी हैं, हालांकि इन नामों का खुलासा नहीं किया गया था.
8. सुप्रीम कोर्ट ने दो जनवरी को अनुराग ठाकुर को बीसीसीआई प्रमुख पद से हटाने का आदेश दिया था. इसके साथ ही बोर्ड सचिव अजय शिर्के को भी हटाया गया था. कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा था कि लोढ़ा पैनल की सिफारिशों लागू की जानी चाहिए.
9.सुप्रीम कोर्ट ने 20 जनवरी के अपने आदेश में यह साफ किया था कि राज्य एसोसिएशनों और बीसीसीआई में पदाधिकारी के तौर पर नौ वर्ष के कार्यकाल को एक साथ (cumulatively)नहीं गिना जाएगा यानी वे राज्य क्रिकेट संघों और बीसीसीआई में अलग-अलग नौ-नौ साल का कार्यकाल कर सकते हैं.
10.जस्टिस आरएम लोढ़ा की अगुवाई में तीन सदस्यीय लोढ़ा पैनल को सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2015 में नियुक्त किया था और इसे बीसीसीआई की कार्यप्रणाली और सुधारों के बारे में सिफारिशें देनी थीं.
1. सुप्रीम कोर्ट ने 24 जनवरी को बीसीसीआई से प्रशासक के लिए नाम सुझाने को कहा था. एमिकस क्यूरी गोपाल सुब्रमण्यम और एडवोकेट अनिल दीवान की से सुझाए गए 9 नामों को बहुत अधिक मानते हुए कोर्ट ने यह निर्देश दिया था.
2.अपनी नियुक्ति पर पूर्व कैग विनोद राय ने NDTV से चर्चा में कहा, 'मुझें लगता है कि मेरी भूमिका नाइट वॉचमैन की होगी जिसका काम सुचारू संचालन सुनिश्चित करना होगा. ' उन्होंने कहा कि मेरी पास बीसीसीआई में काम करने का अनुभव नहीं है लेकिन मैं क्रिकेट के खेल का दीवाना हूं.' (पढ़ें, सुप्रीम कोर्ट ने विनोद राय की अगुवाई में नियुक्त किए BCCI के 4 नए प्रशासक)
3. इस मामले की सुनवाई उस समय 30 जनवरी तक टाल दी गई थी जब बीसीसीआई और केंद्र ने दलील दी थी कि उन्हें भी सीलंबंद लिफाफे में नाम देने की इजाजत दी जाए.
4. जस्टिस दीपक मिश्रा, एएम खानविलकर और डीवाय चंद्रचूड़ की बेंच ने बीसीसीआई को आईसीसी की बैठक का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपने उन पदाधिकारियों में से तीन नाम चुनने को कहा था जो अभी ऑफिस संभालने की योग्यता रखते हैं.
5.अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने बीसीसीआई के लिए प्रशासक की नियुक्ति का विरोध किया था. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रमण्यम और दीवान की ओर से सुझाए नाम को अंतिम रूप देने का फैस्ला टालने का आग्रह किया था.
6.यूनिवर्सिटीज, रेलवे और सेना का प्रतिनिधित्व करते हुए अटार्नी जनरल ने 18 जुलाई 2016 के सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को भी वापस लेने को कहा था जिसमें बीसीसीआई को लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को पूरी तरह लागू करने का निर्देश दिया गया था. उन्होंने आग्रह किया था की सरकारी अधिकारियों को इन संस्थाओं के ऑफिस संभालने की इजाजत दी गई और इन्हें वोटिंग राइट भी मिले.
7. शीर्ष अदालत ने इस बात की पुष्टि की थी कि सौंपे गए नौ नामों में कुछ पूर्व क्रिकेटरों के नाम भी हैं, हालांकि इन नामों का खुलासा नहीं किया गया था.
8. सुप्रीम कोर्ट ने दो जनवरी को अनुराग ठाकुर को बीसीसीआई प्रमुख पद से हटाने का आदेश दिया था. इसके साथ ही बोर्ड सचिव अजय शिर्के को भी हटाया गया था. कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा था कि लोढ़ा पैनल की सिफारिशों लागू की जानी चाहिए.
9.सुप्रीम कोर्ट ने 20 जनवरी के अपने आदेश में यह साफ किया था कि राज्य एसोसिएशनों और बीसीसीआई में पदाधिकारी के तौर पर नौ वर्ष के कार्यकाल को एक साथ (cumulatively)नहीं गिना जाएगा यानी वे राज्य क्रिकेट संघों और बीसीसीआई में अलग-अलग नौ-नौ साल का कार्यकाल कर सकते हैं.
10.जस्टिस आरएम लोढ़ा की अगुवाई में तीन सदस्यीय लोढ़ा पैनल को सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2015 में नियुक्त किया था और इसे बीसीसीआई की कार्यप्रणाली और सुधारों के बारे में सिफारिशें देनी थीं.
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