तिलकरत्ने दिलशान का फाइल फोटो
कोलंबो:
श्रीलंका के चोटी के बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान ने युवा बल्लेबाजों को मौका देने के लिए टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है और वह इसकी औपचारिक घोषणा गुरुवार को करेंगे। श्रीलंका क्रिकेट की विज्ञप्ति में दिलशान ने कहा कि वह जिम्बाब्वे के खिलाफ टेस्ट शृंखला के बाद संन्यास लेना चाहते थे, लेकिन यह दौरा स्थगित कर दिया गया। श्रीलंका को पूर्व कार्यक्रम के अनुसार, इसी महीने जिम्बाब्वे दौरे पर दो टेस्ट मैच खेलने थे।
दिलशान ने कहा, मैंने यह फैसला श्रीलंका क्रिकेट को मेरे स्थान पर किसी अन्य युवा खिलाड़ी को तैयार करने का मौका देने के लिए किया है। मैं जिम्बाब्वे टेस्ट शृंखला के बाद संन्यास की घोषणा करता लेकिन दुर्भाग्य से वह शृंखला टाल दी गई। पिछले 14 साल में 87 टेस्ट मैच में 40.98 की औसत से 5492 रन बनाने वाले दिलशान हालांकि सीमित ओवरों की क्रिकेट में बने रहेंगे। उनका लक्ष्य 2015 विश्व कप तक खेलने का है। दिलशान ने कहा, मैं राष्ट्रीय चयनकर्ताओं के साथ अपने भविष्य को लेकर बात करूंगा और यदि वे चाहेंगे तो मैं 2015 विश्व कप तक खेलना चाहूंगा। इस आक्रामक सलामी बल्लेबाज ने जिम्बाब्वे के खिलाफ ही बुलावायो में 1999 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और दूसरे मैच में 163 रन की पारी खेली। उन्होंने अपने करियर में 16 शतक लगाए। उनका उच्चतम स्कोर 193 रन रहा जो उन्होंने कप्तान के रूप में 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ लार्डस में लगाया था। ऑफ स्पिनर के रूप में दिलशान ने 43.87 की औसत से 39 टेस्ट विकेट भी लिए।
दिलशान 11 टेस्ट मैचों में श्रीलंका के कप्तान भी रहे लेकिन इससे उनका प्रदर्शन प्रभावित हुआ। इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्डस में खेली गई 193 रन की पारी के अलावा वह कप्तान के रूप में कभी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। उन्होंने बतौर कप्तान 11 मैचों में 33.60 की औसत से 672 रन बनाए, जिसमें एक शतक और चार अर्धशतक शामिल हैं। उनकी कप्तानी में श्रीलंका ने एक मैच (दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ) जीता जबकि पांच मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा।
दिलशान ने कहा, मैंने यह फैसला श्रीलंका क्रिकेट को मेरे स्थान पर किसी अन्य युवा खिलाड़ी को तैयार करने का मौका देने के लिए किया है। मैं जिम्बाब्वे टेस्ट शृंखला के बाद संन्यास की घोषणा करता लेकिन दुर्भाग्य से वह शृंखला टाल दी गई। पिछले 14 साल में 87 टेस्ट मैच में 40.98 की औसत से 5492 रन बनाने वाले दिलशान हालांकि सीमित ओवरों की क्रिकेट में बने रहेंगे। उनका लक्ष्य 2015 विश्व कप तक खेलने का है। दिलशान ने कहा, मैं राष्ट्रीय चयनकर्ताओं के साथ अपने भविष्य को लेकर बात करूंगा और यदि वे चाहेंगे तो मैं 2015 विश्व कप तक खेलना चाहूंगा। इस आक्रामक सलामी बल्लेबाज ने जिम्बाब्वे के खिलाफ ही बुलावायो में 1999 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और दूसरे मैच में 163 रन की पारी खेली। उन्होंने अपने करियर में 16 शतक लगाए। उनका उच्चतम स्कोर 193 रन रहा जो उन्होंने कप्तान के रूप में 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ लार्डस में लगाया था। ऑफ स्पिनर के रूप में दिलशान ने 43.87 की औसत से 39 टेस्ट विकेट भी लिए।
दिलशान 11 टेस्ट मैचों में श्रीलंका के कप्तान भी रहे लेकिन इससे उनका प्रदर्शन प्रभावित हुआ। इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्डस में खेली गई 193 रन की पारी के अलावा वह कप्तान के रूप में कभी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। उन्होंने बतौर कप्तान 11 मैचों में 33.60 की औसत से 672 रन बनाए, जिसमें एक शतक और चार अर्धशतक शामिल हैं। उनकी कप्तानी में श्रीलंका ने एक मैच (दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ) जीता जबकि पांच मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा।
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