उमेश यादव अभी तक 33 टेस्ट और 70 वनडे खेल चुके हैं (फाइल फोटो)
कैंडी:
टीम इंडिया के प्रमुख गेंदबाज उमेश यादव का कहना है कि जब 20 वर्ष की उम्र में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उन्होंने आगाज किया था तो उन्हें लाल रंग की एसजी टेस्ट गेंद से खेलने का अंदाजा नहीं था लेकिन भारत के इस प्रमुख तेज गेंदबाज ने कहा कि वह शुरू से ही जानते थे कि अपनी रफ्तार हासिल करने की क्षमता से उच्च स्तर पर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी.
यह भी पढ़ें: टीम इंडिया के स्टार गेंदबाज उमेश यादव छोड़ने वाले थे क्रिकेट, फिर पत्नी ने अपनाया यह तरीका
अपने अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण के सात साल बाद भारत के मुख्य तेज गेंदबाज को लगता है कि वह अंतत: अपनी काबिलियत के मुताबिक गेंदबाजी कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें: तेज गेंदबाज उमेश यादव के फ्लैट से 45,000 रुपये कैश और 2 मोबाइल फोन उड़ा ले गए चोर
अभी तक 33 टेस्ट और 70 वनडे खेल चुके यादव ने शनिवार से श्रीलंका के खिलाफ शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट से पहले ‘बीसीसीआई डाट टीवी’ से कहा कि आप बचपन से क्रिकेट खेल रहे हो तो आपको खेल के बारे में काफी चीजें पता चल जाती हैं. लेकिन अगर आपको अचानक से कुछ अलग चीज करने को कहा जाए तो आपके लिए मुश्किल हो सकती है.
यह भी पढ़ें: उमेश यादव- बैटिंग कोच संजय बांगर ने बताया किस कारण मेरी लाइन-लेंथ हो रही थी प्रभावित
टेस्ट में 92 और वनडे में 98 विकेट हासिल कर चुके इस गेंदबाज ने कहा, ‘मैंने टेनिस और रबड़ की गेंद से खेलना शुरू किया और जब तक मैं 20 साल का नहीं हो गया तब तक मैंने क्रिकेट में आमतौर पर इस्तेमाल की जानी वाली गेंद नहीं पकड़ी थी. एक तेज गेंदबाज के लिए यह काफी देर से हुआ था. इसलिए जब ऐसा हुआ तो मुझे नहीं पता था कि इस गेंद से क्या करूं.’ और इसके साथ गेंदबाजी करने को समझने में उन्हें करीब दो साल लग गए. उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं जानता था कि गेंद को कहां पिच करूं, पहले दो वर्षों में मैं यह नहीं समझ सका कि कब गेंद बाहर जाएगी और कब यह अंदर या फिर सीधी जाएगी. ’
VIDEO: टीम इंडिया की 'बैटिंग डेप्थ' नंबर 10 तक है : सुनील गावस्कर यादव ने कहा कि ऐसे समय में कोचों ने उनकी मदद की. कोच ने बताया कि अगर आपको गेंद पर नियंत्रण बनाने में मुश्किल हो रही है तो यह बिलकुल सामान्य सी बात है. अभी केवल अपनी लेंथ पर ध्यान दो. इसके बाद अपने एक्शन पर काम करना शुरू किया और पता चला कि एक्शन में बायें हाथ की भूमिका अहम होती है. इसके बाद से उमेश यादव हमेशा के लिए बदल गया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह भी पढ़ें: टीम इंडिया के स्टार गेंदबाज उमेश यादव छोड़ने वाले थे क्रिकेट, फिर पत्नी ने अपनाया यह तरीका
अपने अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण के सात साल बाद भारत के मुख्य तेज गेंदबाज को लगता है कि वह अंतत: अपनी काबिलियत के मुताबिक गेंदबाजी कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें: तेज गेंदबाज उमेश यादव के फ्लैट से 45,000 रुपये कैश और 2 मोबाइल फोन उड़ा ले गए चोर
अभी तक 33 टेस्ट और 70 वनडे खेल चुके यादव ने शनिवार से श्रीलंका के खिलाफ शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट से पहले ‘बीसीसीआई डाट टीवी’ से कहा कि आप बचपन से क्रिकेट खेल रहे हो तो आपको खेल के बारे में काफी चीजें पता चल जाती हैं. लेकिन अगर आपको अचानक से कुछ अलग चीज करने को कहा जाए तो आपके लिए मुश्किल हो सकती है.
यह भी पढ़ें: उमेश यादव- बैटिंग कोच संजय बांगर ने बताया किस कारण मेरी लाइन-लेंथ हो रही थी प्रभावित
टेस्ट में 92 और वनडे में 98 विकेट हासिल कर चुके इस गेंदबाज ने कहा, ‘मैंने टेनिस और रबड़ की गेंद से खेलना शुरू किया और जब तक मैं 20 साल का नहीं हो गया तब तक मैंने क्रिकेट में आमतौर पर इस्तेमाल की जानी वाली गेंद नहीं पकड़ी थी. एक तेज गेंदबाज के लिए यह काफी देर से हुआ था. इसलिए जब ऐसा हुआ तो मुझे नहीं पता था कि इस गेंद से क्या करूं.’ और इसके साथ गेंदबाजी करने को समझने में उन्हें करीब दो साल लग गए. उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं जानता था कि गेंद को कहां पिच करूं, पहले दो वर्षों में मैं यह नहीं समझ सका कि कब गेंद बाहर जाएगी और कब यह अंदर या फिर सीधी जाएगी. ’
VIDEO: टीम इंडिया की 'बैटिंग डेप्थ' नंबर 10 तक है : सुनील गावस्कर यादव ने कहा कि ऐसे समय में कोचों ने उनकी मदद की. कोच ने बताया कि अगर आपको गेंद पर नियंत्रण बनाने में मुश्किल हो रही है तो यह बिलकुल सामान्य सी बात है. अभी केवल अपनी लेंथ पर ध्यान दो. इसके बाद अपने एक्शन पर काम करना शुरू किया और पता चला कि एक्शन में बायें हाथ की भूमिका अहम होती है. इसके बाद से उमेश यादव हमेशा के लिए बदल गया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं