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This Article is From Jan 05, 2025

IND vs AUS: 'सवाल, सवाल, सवाल...', 11 गलतियां जिसने टीम इंडिया को डुबोया, BGT सीरीज हार के बाद बन गई सवालों की लंबी लिस्ट

IND vs AUS; Eleven Reason Why Team India Lose BGT 2024: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 1-3 से हार के बाद कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट करियर को लेकर सवाल उठ रहे हैं

IND vs AUS: 'सवाल, सवाल, सवाल...', 11 गलतियां जिसने टीम इंडिया को डुबोया, BGT सीरीज हार के बाद बन गई सवालों की लंबी लिस्ट
IND vs AUS BGT 2024 Team India Reason

IND vs AUS; Eleven Reason Why Team India Lose BGT 2024: सिडनी टेस्ट में 6 विकेट से हार लंबे समय तक याद रहेगी. कई मायने में भारतीय क्रिकेट का दर्द बढ़ाती रहेगी. ये टीस देर तक भारतीय फैंस महसूस करते रहेंगे. भारत को 3-1 से सीरीज़ में हार का सामना करना पड़ा. बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी हाथ से गई. लगातार तीसरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलने से चूके. सबसे बड़ी बात ये भी हुई कि जीत के कई मौके मिले, लेकिन नए साल में टीम इंडिया हार के साथ लौट रही है.   

11 खिलाड़ियों के इस गेम में गलतियां एक नहीं ग्यारह हुईं

1. बैटर्स ने फ्लॉप बनायी सीरीज: 10 पारी में 3 भारतीय शतक, बॉर्डर गावस्कर सीरीज के पहले टेस्ट में यशस्वी जायसवाल और विराट कोहली ने शतकीय पारी खेली और भारत ने पर्थ में ऑस्ट्रेलिया को 295 रन से हराकर धमाकेदार शुरुआत की. लेकिन इसके बाद विराट कोहली, रोहित शर्मा और सभी टॉप और मिडिल ऑर्डर में फ्लॉप रहे.
विराट कोहली ने पहले मैच के शतक के अलावा 8 पारियों में केवल 90 रन बनाये. 10 पारियों की सीरीज में भारत के सभी बैटर्स की ओर से सिर्फ 3 शतक लगे. इनमें एक शतक लोअर ऑर्डर की ओर से नीतीश रेड्डी ने भी लगाया जो बोनस की तरह ही आया. 

2. विकेट के पीछे कैच देते रहे विराट: 'रणजी खेलें विराट कोहली'विराट कोहली ने पर्थ में शतक लगाया लेकिन उसके बाद 8 पारियों में उनके नाम 90 रन रहे. विराट ने ऑस्ट्रेलिया में 100, 5, 7,11, 3, 36, 5, 17, 6 रन बनाये.  पूर्व टेस्ट क्रिकेटर इरफान पठान ने Star Sports को दिये गये इंटरव्यू में कहते हैं, "मैंने भी दस साल टेस्ट खेले. कई बड़े खिलाड़ियों को आउट किये. कई बार मार भी खाये. मैंने किसी खिलाड़ी को इस तरह आउट होते नहीं देखा." उन्होंने ये भी सवाल उठाया कि आपने विराट कोहली को आखिरी बार कब रणजी मैच खेलते देखा गया है.. 

पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने Star Sports को दिये गये इंटरव्यू में कहा, "23 जनवरी से रणजी साइकिल शुरू होने वाली है. मैं देखना चाहूंगा कि कौन से खिलाड़ी रणजी में जाकर प्रैक्टिस करते हैं." यहां तक कि कोच गौतम गंभीर ने भी कहा, "डोमेस्टिक  क्रिकेट में जाकर रेड बॉल क्रिकेट खेलना सबके लिए ज़रूरी होना चाहिए." इन सबने सीधे और परोक्ष रूप से विराट के रणजी खेलने  पर ज़ोर दिया है. 


3. बैटिंग ऑर्डर कभी सेटल नहीं: 'रोहित कभी नीचे, कभी ऊपर, कभी बाहर' ,कप्तान रोहित शर्मा पर्थ टेस्ट के लिए निजी वजहों से नहीं पहुंचे. एडिलेड में रोहित पांचवें नंबर पर गए. केएल राहुल ने पर्थ, ब्रिसबेन और एडिलेड में यशस्वी के साथ ओपनिंग की. लेकिन मेलबर्न में रोहित शर्मा वापस ओपनिंग के लिए आए और केएल राहुल को तीसरे नंबर पर आना पड़ा. भारतीय बैटिंग का ऑर्डर का लय बिगड़ा और खेल बिगड़ता गया.    


4. अपने फॉर्म की तलाश में ही रहे रोहित: सिडनी टेस्ट से पहले खुद को ड्रॉप कर इतिहास बनाया. रोहित शर्मा ने बांग्लादेश, न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 16 पारियों में 2024-25 में सिर्फ एक अर्द्धशतक लगाया. बाक़ी 15 पारियों में उनका स्कोर 25 से भी कम रहा है. बांग्लादेश के खिलाफ रोहित ने बनाए 6,5, 23 और 8 रन. न्यूजीलैंड के खिलाफ बनाए: 2, 52, 0, 8, 18, 11 रन. 

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में तो सिर्फ एक बार उनके बल्ले ने दहाई का अंक देखा, जहां उनके रन रहे: 3,6,10,3 और 9 रन. उन्होंने खुद को सिडनी में ड्रॉप कर मिसाल तो रखी. लेकिन आगे उनका क्रिकेट कितना लंबा होगा, ये सवाल बरकरार है. 


5. सिडनी की पिच पर परेशान करता घास: 'गाय चरने जैसी घास वाली पिच' पर बैटिंग पर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के आखिरी टेस्ट के दौरान पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने (मज़ाक में) कहा, "सिडनी की पिच पर गायें जमकर घास चर सकती थीं." इस पिच को लेकर भारतीय टीम ने शिकायत नहीं की. सिडनी की पिच पर मेजबान ऑस्ट्रेलिया के बैटर्स को भी परेशानी हुई. बुमराह ने ज़रूर कहा, "गेंदबाज़ों के लिए सबसे जूसी (बेहतरीन) विकेट पर चोट की वजह से मौका चूकना अफसोसजनक रहा."


6. मेलबर्न के आखिरी दिन जीत का मौका चूके: मेल्बर्न में आखिरी सत्र में गिरे 7 विकेट, मेलबर्न टेस्ट की दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया को 234 पर समेट कर गेंदबाज़ों ने भारतीय टीम के लिए जीत का एक मौका बनाया. भारत को आखिरी दिन जीत के लिए टारगेट मिला 340 का. यशस्वी जायसवाल के 84 के अलावा ऋषभ पंत के बल्ले से 30 रन आए. बाकी 9 खिलाड़ियों ने 10 से भी कम बनाए. रोहित शर्मा 9, केएल राहुल 0, विराट कोहली 5, रविंद्र जडेजा ने 2 और नीतीश रेड्डी 1 रन बना सके. ऐसे में जीत कैसे मुमकिन हो सकती थी?


7. बुमराह पड़े अकेले: शमी की कमी खूब खली, सोशल मीडिया पर पिछले साल एक मीम खूब वायरल रही. एक बच्चा स्टेडियम में बुमराह बोलने की कोशिश में ब्रुंबराह...ब्रुंबराह... बोलिशांगटन सुंदर, ता रहा. बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में टीम इंडिया और भारतीय फैंस ऐसे ही बुमराह को पुकारते रहे. बुमराह ने सीरीज में 13 के औसत से 32 विकेट निकाले. ऑस्ट्रलियाई बैटर्स को डराते रहे, पैवेलियन भेजते रहे. लेकिन मो. शमी की कमी साफ तौर पर खली. प्रसिद्ध कृष्णा का इस्तेमाल किया भी तो देर हो गई. 


8. प्लेइंग इलेवन में बार-बार बदलाव: वाशिंगटन सुंदर, प्रसिद्ध कृष्णा, शुभमन गिल नीतीश का रोल क्लियर नहीं, पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर कहते हैं, "तीसरे नंबर पर शुभमन गिल नहीं चले तो बैटिंग मजबूत करनी थी. टीम में बॉलिंग ऑलराउंडर से उम्मीद करते रहे, जबकि बैटिंग को मजबूत करने की ज़रूरत थी." टीम मैनेजमेंट से बड़ी चूक होती रही, भारत मैच हारता रहा. 

9. शुभमन गिल ने किया निराश: ट्रांजिशन के वक्त बेंच मजबूत नहीं दिख रहा, तीन मैच की पांच पारियों में टॉप ऑर्डर में तीसरे नंबर पर खेलते हुए लते हुए शुभमन गिल ने बनाए 93 रन. 18.6 का औसत और एक भी अर्द्धशतक नहीं. शुभमन लगातार फ्लॉप होते रहे. टीम मैनेजमेंट इसका तोड़ नहीं निकाल सकी. गावस्कर कहते हैं, "कोचिंग स्टाफ से भी पूछना चाहिए उन्होंने क्या किया?"


10. सिडनी टेस्ट से पहले कन्फ्यूज़न: कप्तान रोहित बाहर, लेकिन विपक्ष को ठोस संदेश नहीं था. सिडनी टेस्ट से पहले कोच गौतम गंभीर प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए तो आए. लेकिन उनके पास विपक्ष के लिए जवाब और तेवर से ज़्यादा अपनी टीम के लिए सवाल थे. ऑस्ट्रेलिया मैच से पहले माइंड गेम्स जीतती नज़र आई. बाकी की टीम इंडिया की मुश्किलें सिडनी में भी हल होती नहीं नज़र आईं. 


11. कोच गौतम गंभीर खुद बन गये सवाल: लगातार टीम इंडिया के साथ मिल रही है नाकामी, कोच गौतम गंभीर तेवर से कई बार ज़रूर तीखे नज़र आते हैं. कड़े फैसले लेने की बात भी करते हैं. लेकिन उनके नाम नाकामियों की फेहरिस्त लंबी हो गई है. 27 साल बाद श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज़ में हार, 36 साल बाद न्यूज़ीलैंड से घरेलू सीरीज़ में हार, 12 साल बाद घरेलू टेस्ट सीरीज़ में हार, 10 साल बाद बॉर्डर गावस्कर सीरीज़ में हार और वर्ल्ड टेस्ट सीरीज़ के फाइनल में पहुंचने में नाकामी. पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने Star Sports  से कहा, "चैंपियंस सीरीज के बाद कोचिंग स्टाफ को लेकर भी सवाल पूछे जाने की ज़रूरत है."

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