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Steven Smith: लेग स्पिनर के तौर पर शुरू हुआ करियर, फिर करियर ने लिया 360 डिग्री टर्न, अब बना 'दुनिया का नंबर-1' बल्लेबाज

Steve Smith World Record: जब लॉर्ड्स मैदान पर 13 जुलाई 2010 को पाकिस्तान के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया के लिए बतौर लेग स्पिनर स्टीव स्मिथ ने अपना टेस्ट करियर शुरू किया था, तब किसी को नहीं पता था कि एक दिन यह स्पिनर गेंदबाजी में नहीं बल्कि बल्लेबाजी में जो धमाल मचाएगा, वो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा.

Steven Smith: लेग स्पिनर के तौर पर शुरू हुआ करियर, फिर करियर ने लिया 360 डिग्री टर्न, अब बना 'दुनिया का नंबर-1' बल्लेबाज
Steven Smith: स्टीव स्मिथ ने बतौर लेग स्पिनर अपने करियर का आगाज किया था.

जब लॉर्ड्स मैदान पर 13 जुलाई 2010 को पाकिस्तान के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया के लिए बतौर लेग स्पिनर स्टीव स्मिथ ने अपना टेस्ट करियर शुरू किया था, तब किसी को नहीं पता था कि एक दिन यह स्पिनर गेंदबाजी में नहीं बल्कि बल्लेबाजी में जो धमाल मचाएगा, वो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा. 415वें नंबर की बैगी ग्रीन हासिल करने वाले स्टीव स्मिथ का क्रिकेट करियर उतार चढ़ाव भरा रहा. स्मिथ को अपने डेब्यू के पांच साल बाद ही ऑस्ट्रेलियाई टीम की अगुवाई करने का अवसर मिला था. लेकिन इसके बाद उन्हें बैन का दंश भी झेलना पड़ा.

साल 2008 में अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू करने के दो साल बाद ही स्मिथ को ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम के लिए डेब्यू का मौका मिला था. पाकिस्तान के खिलाफ अपने डेब्यू मैच में उन्होंने नंबर-8 पर बल्लेबाजी की थी और तीन विकेट झटके थे.  

अपने टेस्ट करियर की शुरुआत में नंबर-8 पर बल्लेबाजी के लिए आने वाले स्मिथ को लेकर एक बार जस्टिन लैंगर ने कहा था कि "वह बल्लेबाजी नहीं कर सकता, हम अपना समय बर्बाद कर रहे हैं."

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स्मिथ ने पाकिस्तान के खिलाफ अपने करियर के शुरुआती दो मैचों की चार पारियों में 25 की औसत से 100 रन बनाए थे. लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू एशेज सीरीज के दौरान वो बुरी तरह से फ्लॉप हुए थे. वह इस सीरीज में तीन बार जेम्स एंडरसन की बाहर जाती गेंद पर आउट हुए थे. बैक फुट पर बल्लेबाजी के दौरान उनकी बैटिंग में तकनीकि दिक्कत भी थी.

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फेल होने के बाद टीम से बाहर और फिर किया संघर्ष

21 साल के स्मिथ ने छह महीनों में पांच टेस्ट खेले थे, लेकिन उन्होंने कोई योगदान नहीं दिया था. उन्होंने 62 ओवरों में तीन विकेट लिए थे और बैटिंग ऑर्डर में छठे से नौंवे क्रम तक बल्लेबाजी कर रहे थे. स्मिथ ने इसके बाद लैंगर के साथ काम किया और इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट की दूसरी पारी में नाबाद 54 रन की पारी खेली. इस दौरान उन्होंने कुछ बेहतरीन शॉट जरुर खेले. हालांकि, इसके बाद उन्हें दो साल तक ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम में शामिल नहीं किया गया था.

स्मिथ ने इसके बाद फिर से घरेलू क्रिकेट का रुख किया. प्रथम श्रेणी स्तर पर उन्होंने बल्लेबाजी पर अधिक फोकस किया. जहां 2009-10 सीजन में उन्होंने लगभग 220 ओवर गेंदबाजी की थी, तो इसके अगले तीन शील्ड सीज़न में उन्होंने इसे इस हद तक कम कर दिया कि 2012-13 में उन्होंने केवल 22 ओवर फेंके. इसके बाद उन्होंने 15 शेफील्ड शील्ड मैचों में 980 रन बनाए.

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स्मिथ को इसके बाद चयनकर्ताओं ने 2013 में भारत दौरे के लिए टीम में मौका दिया था. इस दौरान घरेलू क्रिकेट में उनका औसत  44.21 का हो गया था, जबकि रिकी पोंटिंग, माइक हसी जैसे बल्लेबाजों ने संन्यास का ऐलान कर दिया था.  भारत के खिलाफ सीरीज के शुरुआती दो टेस्ट में सलामी जोड़ी के विफल रहने के बाद स्मिथ को ओपनिंग का मौका मिला था. स्मिथ अपने टेस्ट करियर में पहली बार नंबर-6 से ऊपर बल्लेबाजी कर रहे थे.

मोहाली में स्मिथ ने 92 रनों की पारी खेली थी, जबकि इसके बाद दिल्ली में स्पिन ट्रैक पर उन्होंने 46 और 18 रन बनाए. हालांकि, चयनकर्ताओं को स्मिथ पर अब भी भरोसा नहीं आया था. इसके बाद स्मिथ को ऑस्ट्रेलिया की कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट से बाहर कर दिया गया था. वहीं उसके बाद उन्हें एशेज के लिए भी नहीं चुना गया. हालांकि, उन्हें ऑस्ट्रेलिया ए टूर के लिए मौका दिया गया.

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अपने 24वें जन्मदिन के कुछ ही दिनों बाद स्मिथ ने चीजें अपने हाथ में ली. अनुशासनात्मक आधार पर वॉर्नर को बाहर कर दिया गया था, जबकि माइकल क्लार्क के फिट होने की संभावना कम थी. चयनकर्ता बैकअप ओपनर की तलाश में थे.स्मिथ ने ब्रिट्रिश दौरे पर 22 रन देते हुए 2 विकेट हासिल किए थे और 133 रनों की शानदार पारी खेली थी. ऐसे में उन्हें एशेज के लिए मौका मिला.

2013- 2014 सीजन रहा करियर का टर्निंग प्वाइंट

इस सीरीज के दौरान स्मिथ ने मोनका ओवर में 90 रनों की पारी खेली. लेकिन इसके बाद फिर स्मिथ फ्लॉप हुए. हालांकि, ओवल में हुए मुकाबले में उन्होंने अपने करियर का पहला शतक जड़ा. 2013- 2014 सीजन स्टीव स्मिथ के करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ. जहां सबको स्टीव स्मिथ 2.0 देखने को मिला. एशेज के बाद उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में कुछ अहम पारियां खेली. उन्होंने भारत के खिलाफ घरेलू सीरीज में उसके बाद कैरिबियाई धरती और फिर ब्रिटेन में शतकीय पारियां खेलीं और उसके बाद रूकने का नाम नहीं लिया.

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साल 2018 में सैंड पेपर स्कैंडल के चलते बैन होने के पहले स्मिथ ने अपने पहले शतक के बाद से 50 टेस्ट में  73.47 के औसत से  5,437 रन बनाए थे. इस दौरान उनके बल्ले से 23 शतक और 18 अर्द्धशतक आए थे. बैन हटने के बाद जब स्मिथ ने वापसी की तो उनकी यह वापसी और शानदार रही. स्मिथ ने 2019 में एशेज में 774 रन बनाए. स्मिथ ने जुलाई 2022 से जुलाई 2023 के बीच 13 पारियों में पांच शतक जड़े थे.

स्मिथ का करियर कितना उतार चढ़ाव भरा रहा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह खिलाड़ी जो एक समय टीम में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करता था, उसने 25 की उम्र तक आते -आते ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी की थी.

स्मिथ ने 35वें टेस्ट शतक के दौरान तोड़े कई रिकॉर्ड

स्मिथ अभी श्रीलंका में हैं, जहां वो अपने करियर का 115वां टेस्ट खेल रहे हैं. इस मैच में उन्होंने अपने टेस्ट करियर का 35वां टेस्ट शतक जड़ा है और टेस्ट में सबसे तेज 35 शतक लगाने के मामले में वह तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं. इस मैच में जैसे ही उन्होंने एक रन बनाया, वैसे ही उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपने 10 हजार रनों का आंकड़ा भी पार किया. स्मिथ ने 205वीं पारी में अपना 35वां टेस्ट शतक बनाया है. इस मामले में वे केवल रिकी पोंटिंग (195) और सचिन तेंदुलकर (200) से पीछे हैं.

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Photo Credit: AFP

इस उपलब्धि के साथ ही उनका कप्तानी का रिकॉर्ड भी बेहतर हुआ है. ऑस्ट्रेलिया के कप्तान के रूप में स्मिथ का यह उनके करियर का 16वां टेस्ट शतक था. उन्होंने एलन बॉर्डर और स्टीव वॉ को पीछे छोड़ दिया, जिनके नाम 15-15 शतक थे. ऑस्ट्रेलियाई कप्तानों में केवल पोंटिंग (19) ने ही अधिक शतक बनाए हैं. जबकि वैश्विक स्तर पर स्मिथ ग्रीम स्मिथ (25), विराट कोहली (20) और पोंटिंग के बाद चौथे स्थान पर हैं. स्मिथ ने कप्तान के रूप में 4,000 टेस्ट रन पूरे कर लिए हैं, जिसमें उनका औसत 68 से अधिक है - कम से कम 3,000 टेस्ट रन बनाने वाले कप्तानों में डॉन ब्रैडमैन के असाधारण 101 के बाद दूसरे स्थान पर.

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