
कप्तान शुभमन गिल बर्मिंघम में मैदान पर उतरे और रिले टीम की तरह अकेले चारों रेसर की भूमिका निबाते रहे, एक के बाद एक तारीख लिखते रहे. पहले सुनील गावस्कर के बेस्ट 236 का आंकड़ा पार किया, थोड़ी ही देर में सचिन तेंदुलकर के 241 को पीछे छोड़ा और फिर किंग कोहली के बेस्ट 254 से भी आगे निकल गए. कमाल की बात ये है कि शुभमन गिल का टेस्ट में ये पहला दोहरा शतक है.
गिल का का सटीक जवाब
बर्मिंघम में कप्तान गिल सवालों के सैलाब के साथ आए. लेकिन कभी तकनीक में सुनील गावस्कर और जीत के जज़्बे में एमएस धोनी की तरह अपनी एक अलग छवि वर्ल्ड क्रिकेट में मज़बूत करते रहे. पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर SONY SPORTS Network से कहते हैं, “गेंदबाज़ उनकी दया पर टिके दिख रहे हैं और यहां उन्हें उनकी बल्लेबाज़ी के लिए पूरे अंक मिलेंगे. गावस्कर ये भी कहते हैं, “वो नये कप्तान हैं और खुद को कप्तान के तौर पर स्थापित कर रहे हैं.”
संकटमोचक पारी
बर्मिंघम टेस्ट के पहले दिन 208 के स्कोर पर उपकप्तान ऋषभ पंत के रुप में भारत का चौथा विकेट गिरा और टीम इंडिया पर इंग्लैंड की टीम दबाव बनाती दिखी. इससे पहले केएल राहुल, करुण नायर और यशस्वी जायसवाल के आउट हो चुके थे. एक गिल का विकेट लेकर इंग्लैंड की टीम पूरी तरह टीम इंडिया पर शिकंजा कस सकती थी. मगर गिल है कि मानता नहीं..
गावस्कर जैसी तकनीक
इस टेस्ट के पहले दिन गिल ने 96% परफेक्ट क्रिकेटिंग शॉट्स खेले और सुनील गावस्कर के सत्तर और अस्सी के दशक की टेस्ट क्रिकेट की तकनीक फिल्म बनकर दर्शकों को लुभाने लगीं. गिल के बल्ले से पहले दिन सिर्फ़ 4% ग़लत जैसे शॉट्स दिखे. ये गिल की तकनीक के साथ उनके फोकस की भी शानदार मिसाल है. कप्तान गिल ने दुनिया की राय से अलग इस टेस्ट में ना सिर्फ़ अपने खिलाड़ियों पर भरोसा दिकाकर अपनी प्लेइंग XI बनाई है. उनसे अबतक रिज़्लट भी हासिल करते दिख रहे हैं.
धोनी जैसे आउट ऑफ़ बॉक्स फैसले
वाशिंगटन सुंदर (42 रन) के साथ गिल ने 144 रनों की साझेदारी कर इंग्लैंड को बैकफुट पर धकेल दिया है. धोनी ने 2007 वर्ल्ड कप में जोगिन्दर शर्मा पर भरोसा दिखाकर और ना ही ऐसे कितने फैसले लिए कि लोग उन्हें ‘क्रिकेट का गैम्बलर' कहने लगे. लेकिन धोनी के फैसलों का अपना लॉजिक था जो वो बार-बार सही साबित करते रहे. कप्तान गिल धोनी की तरह ‘कैप्टन कूल' और टेस्ट में उनसे भी आगे बढ़ने के संकेत दे रहे हैं.
ये गिल मांगे मोर..!
गिल वनडे क्रिकेट में इससे पहले ही एक दोहरा शतक लगा चुके हैं. टेस्ट का दोहरा शतक लगाने में उन्हें पांच साल और 34 टेस्ट मैच का सफर तय करना पड़ा है. मगर ये सफर बेहद लंबा होने वाला है. ये गिल मांगे मोर..!
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