
सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) में सुधार इसे पीछे नहीं धकेलेंगे। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि उसका इरादा बोर्ड की लोकप्रियता घटाना या उसकी वृद्धि में बाधा उत्पन्न करने का नहीं है, बल्कि वह ढांचागत सुधार चाहती है जो बीसीसीआई को ज्यादा पारदर्शी बनाएंगे।
प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, 'हम आपकी (बीसीसीआई) लोकप्रियता कम करना नहीं चाहते, हम चाहते हैं कि आप बेहतर करें। इसलिए हमने ढांचागत सुधारों के सुझाव के लिए एक समिति बनाई। आपको यह चिंता नहीं करनी चाहिए कि सुधार आपको पीछे धकेलेंगे।'
'सुधार की दिशा में आप आधा रास्ता चल चुके हैं'
पीठ ने कहा कि बीसीसीआई पहले ही सुधार की दिशा में आधे रास्ते तक पहुंच गई है क्योंकि वह न्यायमूर्ति आरएम लोढा समिति की कुछ सिफारिशों को लागू कर चुकी है। इस पीठ में न्यायमूर्ति एफएमआई कलीफुल्ला भी शामिल थे।
शीर्ष अदालत ने ये टिप्पणियां उस समय कीं, जब बीसीसीआई की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता केके वेणुगोपाल ने कहा कि एक समय था जब प्लेबैक सिंगर लता मंगेशकर को क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए कोष जुटाने के लिए कार्यक्रम आयोजित करना पड़ा था।
IPL जैसा दुनिया में कोई नहीं
वेणुगोपाल ने कहा कि आईपीएल टूर्नामेंट का विश्व में कोई प्रतिस्पर्धी नहीं है और यह बहुत सफल है जो भारत को दुनियाभर में पेश करता है।
उन्होंने कहा, 'यह देश के युवा खिलाड़ियों को विदेशी खिलाड़ियों के साथ खेलने का अवसर और दिशा देता है।' दलीलें सुनने के बाद पीठ ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए 30 जून की तारीख तय की।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, 'हम आपकी (बीसीसीआई) लोकप्रियता कम करना नहीं चाहते, हम चाहते हैं कि आप बेहतर करें। इसलिए हमने ढांचागत सुधारों के सुझाव के लिए एक समिति बनाई। आपको यह चिंता नहीं करनी चाहिए कि सुधार आपको पीछे धकेलेंगे।'
'सुधार की दिशा में आप आधा रास्ता चल चुके हैं'
पीठ ने कहा कि बीसीसीआई पहले ही सुधार की दिशा में आधे रास्ते तक पहुंच गई है क्योंकि वह न्यायमूर्ति आरएम लोढा समिति की कुछ सिफारिशों को लागू कर चुकी है। इस पीठ में न्यायमूर्ति एफएमआई कलीफुल्ला भी शामिल थे।
शीर्ष अदालत ने ये टिप्पणियां उस समय कीं, जब बीसीसीआई की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता केके वेणुगोपाल ने कहा कि एक समय था जब प्लेबैक सिंगर लता मंगेशकर को क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए कोष जुटाने के लिए कार्यक्रम आयोजित करना पड़ा था।
IPL जैसा दुनिया में कोई नहीं
वेणुगोपाल ने कहा कि आईपीएल टूर्नामेंट का विश्व में कोई प्रतिस्पर्धी नहीं है और यह बहुत सफल है जो भारत को दुनियाभर में पेश करता है।
उन्होंने कहा, 'यह देश के युवा खिलाड़ियों को विदेशी खिलाड़ियों के साथ खेलने का अवसर और दिशा देता है।' दलीलें सुनने के बाद पीठ ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए 30 जून की तारीख तय की।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)