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This Article is From Nov 21, 2018

BCCI के CEO राहुल जौहरी यौन उत्पीड़न मामले में दोषमुक्त, जांच के नतीजे पर COA में मतभेद..

प्रशासकों की समिति (COA)की ओर से नियुक्त तीन सदस्यीय जांच समिति ने बोर्ड के सीईओ राहुल जौहरी ( Rahul Johri )को यौन उत्पीड़न (Sexual harassment case) के आरोपों से दोषमुक्त करार दिया है.

BCCI के CEO राहुल जौहरी यौन उत्पीड़न मामले में दोषमुक्त, जांच के नतीजे पर COA में मतभेद..
जांच समिति ने राहुल जौहरी पर लगाए गए आरोपों को मनगढ़ंत बताया है
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
तीन सदस्‍यीय जांच समिति ने लगे आरोपों को मनगढ़ंत बताया
एक सदस्‍य ने जौहरी के लिए 'काउंसिलिंग' की सिफारिश की
इस मामले में सीओए के दो सदस्‍यों की थी अलग-अलग राय
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की प्रशासकों की समिति (COA)की ओर से नियुक्त तीन सदस्यीय जांच समिति ने बोर्ड के सीईओ राहुल जौहरी ( Rahul Johri )को यौन उत्पीड़न (Sexual harassment case) के आरोपों से दोषमुक्त (clean chit) करार दिया है. इस समिति ने कम से कम दो महिलाओं के अरोपों को खारिज करते हुए इन्हें ‘मनगढ़ंत' बताया. गौरतलब है कि जौहरी को पिछले तीन हफ्ते से छुट्टी पर जाने को बाध्य किया गया लेकिन अब वह काम पर लौट सकते हैं. जांच समिति के एक सदस्य ने हालांकि उनके लिए ‘लैंगिक संवेदनशील काउंसिलिंग' की सिफारिश की है. इस मुद्दे पर दो सदस्यीय प्रशासकों की समिति का रुख बंटा हुआ था. सीओए प्रमुख विनोद राय ने जहां जौहरी के काम पर लौटने को स्वीकृति दी जबकि डायना एडुल्जी ने कुछ सिफारिशों के आधार पर उनके इस्तीफे की मांग की जिसमें काउंसिलिंग भी शामिल है.

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जांच समिति के प्रमुख न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राकेश शर्मा ने अपने निष्कर्ष में कहा, ‘कार्यालय या कहीं और यौन उत्पीड़न के आरोप झूठे, आधारहीन और मनगढ़ंत हैं जिनका मकसद राहुल जौहरी को नुकसान पहुंचाना था.'तीन सदस्यीय जांच समिति में दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह और वकील कार्यकर्ता वीना गौड़ा भी शामिल थीं. वीना ने बर्मिंघम में चैंपियन्स ट्रॉफी के दौरान एक शिकायतकर्ता से ‘अनुचित बर्ताव' के लिए जौहरी की काउंसिलिंग की सलाह दी. वीना ने हालांकि कहा कि जौहरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का कोई मामला नहीं बनता. सीओए ने 25 अक्टूबर को गठित इस समिति को जांच पूरी करने के लिए 15 दिन का समय दिया था. इसकी रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय को भी सौंपी जाएगी.

सीओए की सदस्य एडुल्जी चाहती हैं कि बुधवार को यह रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हो और उन्होंने मांग की कि इसका अध्ययन करने के लिए उन्हें कम से कम कुछ दिन का समय दिया जाए. सीओए प्रमुख विनोद राय ने हालांकि समिति के सदस्यों और बीसीसीआई की विधि टीम के समक्ष रिपोर्ट को खोल दिया. एडुल्जी समिति के गठन के खिलाफ थी और चाहती थी कि आरोपों के आधार पर जौहरी को बर्खास्त किया जाए जबकि राय का मानना था कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के अनुसार किसी कार्रवाई से पहले जांच जरूरी है. जौहरी के खिलाफ सबसे पहले यौन दुराचार के आरोप एक गुमनाम ई-मेल में लगाए गए थे जिसे ट्विटर पर डाला गया लेकिन बाद में इस पोस्ट को हटा दिया गया.

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आरोपी का दावा था कि जौहरी की पिछली नौकरी में वह उसके साथ काम करती थी. इसके बाद दो और आरोप लगाए गए. इसमें से एक सिंगापुर में रहने वाली मीडिया पेशेवर और एक अन्य महिला थी जो जौहरी के साथ उनके पिछले संस्थान में काम कर चुकी थी. इन दोनों महिलाओं ने स्काइप के जरिए सुनवाई में हिस्सा लिया. इसके अलावा बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी इकाई के पूर्व प्रमुख नीरज कुमार, बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी, आईपीएल याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा और मुंबई के पूर्व कप्तान शिशिर हट्टनगड़ी ने भी सुनवाई में हिस्सा लिया. इसके अलावा जौहरी के खिलाफ बीसीसीआई की महिला कर्मचारी के साथ भी अनुचित व्यवहार का आरोप लगा. इस महिला कर्मचारी ने हालांकि सुनवाई में हिस्सा नहीं लिया. जौहरी गवाही के लिए पहुंचने वाले अंतिम व्यक्ति थे जो दो दिन चली. (इनपुट: भाषा)

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