राहुल द्रविड़ (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
कभी टीम इंडिया की 'दीवार' और कप्तान रहे राहुल द्रविड़ का आज जन्मदिन है। द्रविड़ का जन्म 11 जनवरी, 1973 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था, लेकिन परवरिश बेंगलुरू में हुई। द्रविड़ ने 12 वर्ष की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया और अंडर-15, अंडर-17 और अंडर-19 के स्तर पर उन्होंने राज्य का प्रतिनिधित्व किया। शायद कम ही लोग जानते होंगे कि वो क्रिकेट से पहले हॉकी खेला करते थे।
राहुल द्रविड़ ने स्कूल लेवल पर कई अवॉर्ड भी जीते। उन्होंने अपने पिता से क्रिकेट सीखा था। राहुल द्रविड़ ने साल 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी।
अक्टूबर 2005 में वो भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान के रूप में नियुक्त किए गए और सिंतबर 2007 में उन्होंने अपने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। 16 साल तक भारत का प्रतिनिधित्व करते रहने के बाद उन्होंने मार्च 2012 में अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से सन्यास ले लिया था।
द्रविड़ के करियर के अहम फैक्ट्स...
राहुल द्रविड़ ने स्कूल लेवल पर कई अवॉर्ड भी जीते। उन्होंने अपने पिता से क्रिकेट सीखा था। राहुल द्रविड़ ने साल 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी।
अक्टूबर 2005 में वो भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान के रूप में नियुक्त किए गए और सिंतबर 2007 में उन्होंने अपने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। 16 साल तक भारत का प्रतिनिधित्व करते रहने के बाद उन्होंने मार्च 2012 में अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से सन्यास ले लिया था।
द्रविड़ के करियर के अहम फैक्ट्स...
- 164 टेस्ट मैचों की 286 पारियों में उन्होंने 36 सेन्चुरी और 63 हाफ सेन्चुरी की मदद से 13,288 रन बनाए। वह इस दौरान 32 बार नाबाद रहे।
- सुनील गावसकर और सचिन तेंदुलकर के बाद द्रविड़ तीसरे ऐसे भारतीय बल्लेबाज हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार से ज्यादा रन बनाए।
- 344 वनडे में उन्होंने 12 सेन्चुरी और 83 हाफ सेन्चुरी की मदद से 10,889 रन बनाए।
- द्रविड़ ने 18 अलग-अलग खिलाड़ियों के साथ 75 बार सेन्चुरी पार्टनरशिप की है, जो कि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है।
- द्रविड़ पहले ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने सभी 10 टेस्ट खेलने वाले देशों के खिलाफ सेन्चुरी बनाई है।
- द्रविड़ (180) ने वीवीएस लक्ष्मण (281) के साथ मिलकर मशहूर कोलकाता टेस्ट में फॉलोऑन के बाद आस्ट्रेलिया की दिग्गज टीम को ऐतिहासिक हार की ओर धकेल दिया था। इसके बाद जैसे लक्ष्मण और द्रविड़ आस्ट्रेलिया के लिए हमेशा दीवार बने रहे। दोनों ने इसके बाद कई सालों तक आस्ट्रेलिया को अपनी शानदार से बल्लेबाज किए रखा।
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