कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और टीम इंडिया के सदस्य (फाइल फोटो)
विशाखापत्तनम:
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ पांचवें और अंतिम एकदिवसीय मैच में शानदार जीत के लिए अपने गेंदबाजों की जमकर तारीफ करते हुए 'इसे गेंदबाजों का सर्वश्रेष्ठ में से एक प्रदर्शन' करार दिया. लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने 18 रन देकर 5 विकेट लिए जिससे भारत ने 190 रन से जीत दर्ज करके 5 मैचों की सीरीज 3-2 से जीती. यह भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए दीवाली का शानदार तोहफा था.
धोनी ने मैच के बाद कहा, ‘‘यह गेंदबाजों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में से एक था. इस मैच में स्पिनरों को काफी मदद मिल रही थी. इससे पहले जब पहले गेंदबाजी करते थे तो पहली पारी में विकेट बल्लेबाजी के लिए अच्छा रहता था. यह बेजोड़ प्रदर्शन था क्योंकि थोड़ी ओस भी पड़ रही थी. स्पिनरों ने जिस लय से गेंदबाजी की वह शानदार थी. ’’ भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘मिश्रा की गेंदबाजी की खूबसूरती यह है कि वह धीमी गेंद करता है और विकेटकीपर होने के कारण आपके पास बल्लेबाज को स्टंप करने के लिए गेंद पकड़ने का समय होता है. अक्षर पटेल सपाट और तेज गेंद करता है और यह बहुत अच्छा है. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘विराट ने बल्लेबाजी में शानदार प्रदर्शन किया. हमने अच्छी शुरुआत की. जब रोहित शर्मा चोटिल हो गए तब उनके लिए संदेश था कि यदि उन्हें लगता है कि वह आगे पारी नहीं खींच सकते तो अपने शाट खेलें. जब वह आउट हुआ तो हमारी कुछ लय बन गई थी. ’’
धोनी ने कहा, ‘‘हमें महसूस हो गया था कि इस विकेट पर स्ट्राइक रोटेट करना आसान नहीं है और इसलिए हमने बड़े शाट खेलने का फैसला किया. हम जानते थे कि 270 के स्कोर का बचाव किया जा सकता है लेकिन ओस भी एक कारक था.’’ भारतीय कप्तान ने रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा जैसे खिलाड़ियों को इस सीरीज में विश्राम देने के चयनकर्ताओं के फैसले को सही करार दिया और साथ ही कहा कि नए खिलाड़ियों को बेहतर बनने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘खेल में किस तरह से खुद को ढालना है उसके कुछ तरीके हैं. एक आईपीएल है जिसमें आप लक्ष्य का पीछा करते हुए हिटिंग करते हो लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आप नाकाम हो सकते हो और तब आप अधिक सोच समझकर चलते हो. यह जरूरी नहीं है कि आप 40 ओवर में जीत दर्ज करो. आप 50 ओवर में भी ऐसा कर सकते हो.’’ मिश्रा ने 18 रन देकर पांच विकेट लिये. उन्होंने सीरीज में 14.33 की औसत से 15 विकेट भी हासिल किए. इस शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज चुना गया. मिश्रा ने कहा, ‘‘यदि मैं इस तरह से प्रदर्शन करता रहा तो यह टीम के लिए अच्छा है. सभी खिलाड़ियों ने मुश्किल दौर में मेरा साथ दिया. शुरुआत में मैं थोड़ा तनाव में था लेकिन धोनी ने मुझे शांतचित रहने के लिए कहा. मैंने विकेट पर गेंद की और सब कुछ मेरे अनुरूप रहा. पिच में उछाल और स्पिन थी और इसलिए धीमे से गेंदबाजी करना मेरे लिए सही रहा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस बार में अनिल भाई ने भी मैच से पहले मुझसे बात की थी कि मैं अपनी उछाल लेती गेंदों पर विश्वास रखना. अक्षर पटेल भी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और उसने महत्वपूर्ण मोड़ पर विकेट दिलाया. यदि नए खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो यह भारत के लिए अच्छा है. उम्मीद है कि मैं आगे भी ऐसा प्रदर्शन जारी रखूंगा. मेरे कोच, धोनी, कोहली, अजिंक्य सभी को श्रेय जाता है जिन्होंने मेरा साथ दिया.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
धोनी ने मैच के बाद कहा, ‘‘यह गेंदबाजों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में से एक था. इस मैच में स्पिनरों को काफी मदद मिल रही थी. इससे पहले जब पहले गेंदबाजी करते थे तो पहली पारी में विकेट बल्लेबाजी के लिए अच्छा रहता था. यह बेजोड़ प्रदर्शन था क्योंकि थोड़ी ओस भी पड़ रही थी. स्पिनरों ने जिस लय से गेंदबाजी की वह शानदार थी. ’’ भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘मिश्रा की गेंदबाजी की खूबसूरती यह है कि वह धीमी गेंद करता है और विकेटकीपर होने के कारण आपके पास बल्लेबाज को स्टंप करने के लिए गेंद पकड़ने का समय होता है. अक्षर पटेल सपाट और तेज गेंद करता है और यह बहुत अच्छा है. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘विराट ने बल्लेबाजी में शानदार प्रदर्शन किया. हमने अच्छी शुरुआत की. जब रोहित शर्मा चोटिल हो गए तब उनके लिए संदेश था कि यदि उन्हें लगता है कि वह आगे पारी नहीं खींच सकते तो अपने शाट खेलें. जब वह आउट हुआ तो हमारी कुछ लय बन गई थी. ’’
धोनी ने कहा, ‘‘हमें महसूस हो गया था कि इस विकेट पर स्ट्राइक रोटेट करना आसान नहीं है और इसलिए हमने बड़े शाट खेलने का फैसला किया. हम जानते थे कि 270 के स्कोर का बचाव किया जा सकता है लेकिन ओस भी एक कारक था.’’ भारतीय कप्तान ने रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा जैसे खिलाड़ियों को इस सीरीज में विश्राम देने के चयनकर्ताओं के फैसले को सही करार दिया और साथ ही कहा कि नए खिलाड़ियों को बेहतर बनने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘खेल में किस तरह से खुद को ढालना है उसके कुछ तरीके हैं. एक आईपीएल है जिसमें आप लक्ष्य का पीछा करते हुए हिटिंग करते हो लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आप नाकाम हो सकते हो और तब आप अधिक सोच समझकर चलते हो. यह जरूरी नहीं है कि आप 40 ओवर में जीत दर्ज करो. आप 50 ओवर में भी ऐसा कर सकते हो.’’ मिश्रा ने 18 रन देकर पांच विकेट लिये. उन्होंने सीरीज में 14.33 की औसत से 15 विकेट भी हासिल किए. इस शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज चुना गया. मिश्रा ने कहा, ‘‘यदि मैं इस तरह से प्रदर्शन करता रहा तो यह टीम के लिए अच्छा है. सभी खिलाड़ियों ने मुश्किल दौर में मेरा साथ दिया. शुरुआत में मैं थोड़ा तनाव में था लेकिन धोनी ने मुझे शांतचित रहने के लिए कहा. मैंने विकेट पर गेंद की और सब कुछ मेरे अनुरूप रहा. पिच में उछाल और स्पिन थी और इसलिए धीमे से गेंदबाजी करना मेरे लिए सही रहा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस बार में अनिल भाई ने भी मैच से पहले मुझसे बात की थी कि मैं अपनी उछाल लेती गेंदों पर विश्वास रखना. अक्षर पटेल भी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और उसने महत्वपूर्ण मोड़ पर विकेट दिलाया. यदि नए खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो यह भारत के लिए अच्छा है. उम्मीद है कि मैं आगे भी ऐसा प्रदर्शन जारी रखूंगा. मेरे कोच, धोनी, कोहली, अजिंक्य सभी को श्रेय जाता है जिन्होंने मेरा साथ दिया.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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