
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में टीम इंडिया ने आर अश्विन (R Ashwin) की करिश्माई गेंदबाजी से ऑस्ट्रेलिया को बेंगलुरू टेस्ट में 75 रन से हरा दिया. इसके साथ ही उसने सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली है. दूसरे टेस्ट के चौथे दिन मंगलवार को ऑस्ट्रेलियाई टीम 188 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए चायकाल के बाद 112 रन पर ही सिमट गई. टीम इंडिया की ओर से आर अश्विन ने 6 विकेट चटकाए, उमेश यादव ने दो विकेट, जबकि ईशांत शर्मा ने एक विकेट लिया. टीम इंडिया की इस जीत के लिए अश्विन के साथ-साथ उमेश यादव की गेंदबाजी और दूसरी पारी में चेतेश्वर पुजारा (92 रन) और अजिंक्य रहाणे (52 रन) की पारियों को भी जाता है. इन दोनों ने पांचवें विकेट के लिए 118 रन की साझेदारी करके टीम इंडिया को एक फाइटिंग स्कोर तक पहुंचा दिया था. दोनों के बीच यह सीरीज की पहली शतकीय साझेदारी भी रही. हालांकि मैन ऑफ द मैच का खिताब लोकेश राहुल को मिला. राहुल ने मुश्किल विकेट पर जमकर बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 90 रन और दूसरी में 51 रनों का अहम योगदान दिया.
4 बार ऐसा कर चुकी है टीम इंडिया, तीन बार ऑस्ट्रेलिया को ही पीटा...
टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के सामने जो लक्ष्य रखा था वह बहुत मुश्किल तो नहीं था, लेकिन कंगारुओं के लिए यह आसान भी नहीं माना जा रहा था. आखिरकार टीम इंडिया ने चौथी बार छोटे लक्ष्य का बचाव कर लिया. इससे पहले टीम इंडिया तीन बार 188 रन से कम के लक्ष्य को बचा चुकी थी, जिनमें से दो बार उसने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही ऐसा किया है. टीम इंडिया ने साल 2004 में वानखेड़े, मुंबई में ऑस्ट्रेलिया को 107 रन का लक्ष्य देकर 93 रन पर समेट दिया था, तो साल 1981 में उसी की धरती पर एमसीजी में 143 रन का लक्ष्य देकर 83 रन पर ही समेट दिया था.
अश्विन ने बेदी को पीछे छोड़ा, पहुंचे पांचवें नंबर पर
आर अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलुरू टेस्ट की दूसरी पारी में मिचेल स्टार्क का विकेट लेते ही भारत की ओर से सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने के मामले में पूर्व स्पिनर बिशन सिंह बेदी को पीछे छोड़ दिया और वह सूची में पांचवें नंबर पर पहुंच गए. अश्विन के 47 टेस्ट में 269 विकेट हो गए हैं, जबकि बिशन सिंह बेदी ने 67 टेस्ट में 266 विकेट लिए थे. अश्विन से ऊपर अब केवल अनिल कुंबले (619 विकेट, 132 टेस्ट), कपिल देव (434 विकेट, 131 टेस्ट), हरभजन सिंह (417 विकेट, 131 टेस्ट) और जहीर खान (311 विकेट, 92 टेस्ट) हैं.
सीरीज में पहली बार टीम इंडिया 200 से अधिक का स्कोर बना पाई
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के दबदबे के बीच इस सीरीज में यह पहला मौका रहा जब भारतीय टीम का स्कोर 200 रन पार गया. इतना ही नहीं चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने सीरीज की पहली शतकीय साझेदारी भी की. गौरतलब है कि पुणे टेस्ट में इंडिया ने पहली पारी में 105 और दूसरी में 107 रन बनाए थे, जबकि बेंगलुरू में पहली पारी में 189 रन पर सिमट गई थी.
चरमरायी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी
आसान माने जा रहे लक्ष्य का पीछा करने उतरी कंगारू टीम आर अश्विन की फिरकी में उलझ गई. पहली पारी में महज दो विकेट लेने वाले अश्विन ने दूसरी पारी में कहर बरपा दिया. उनके सामने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज असहाय नजर आए.
ऑस्ट्रेलिया का विकेट पतन : 1/22 (मैट रेनशॉ- 5 रन), 2/42 (डेविड वॉर्नर- 17 रन), 3/67 (शॉन मार्श- 9), 4/74 (स्टीव स्मिथ- 28), 5/101 (मिचेल मार्श- 13 रन), 6/101 (मैथ्यू वेड- 0), 7/103 (मिचेल स्टार्क- 1), 8/110 (स्टीव ओकीफी- 2), 9/110 (पीटर हैंड्सकॉम्ब- 24), 10/112 (नैथन लियोन- 2)
चायकाल के बाद अंतिम सत्र में 6 विकेट पर 101 रन से आगे खेलने उतरी कंगारू टीम को आर अश्विन ने दूसरे ओवर में ही सातवां झटका दे दिया. उन्होंने मिचेल स्टार्क को एक रन पर क्लीन बोल्ड किया. इसके बाद स्टीव ओकीफी को रवींद्र जडेजा ने लौटाया, तो पीटर हैंड्सकॉम्ब को अश्विन ने अपना शिकार बनाया. अंतिम विकेट नैथन लियोन का रहा, जिन्हें अश्विन ने खुद अपनी ही गेंद पर कैच किया.
चायकाल तक : टीम इंडिया ने बनाया दबाव, झटके 6 विकेट
लंच के बाद 188 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम को पहला झटका 22 के स्कोर पर लगा, जब ईशांत शर्मा ने पहली पारी में शानदार बल्लेबाजी कर चुके मैट रेनशॉ को महज 5 रन पर ही लौटा दिया. उन्हें विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा ने कैच किया. आर अश्विन ने डेविड वॉर्नर को 17 रन पर पगबाधा आउट करके कंगारुओं को 42 रन पर दूसरा झटका दिया. वॉर्नर ने बचने के लिए रीव्यू का सहारा भी लिया, लेकिन उसमें भी आउट करार दिए गए. उमेश यादव ने शानदार गेंद पर शॉन मार्श को चकमा दिया. मार्श ने उनकी गेंद पर कोई शॉट खेलने कोशिश नहीं की और बैट ऊपर उठा लिया, लेकिन गेंद अंदर की ओर मूव हुई और अंपायर ने उनको पगबाधा आउट दे दिया. इस प्रकार 67 रन पर कंगारुओं के तीन विकेट लौट गए. स्टीव स्मिथ (28) जमकर खेल रहे थे, लेकिन उमेश यादव की नीची गेंद पर विकेटों के सामने फंस गए और अंपायर ने पगबाधा आउट दे दिया. पांचवां विकेट आर अश्विन ने झटका और तेजी से रन बना रहे मिचेल मार्श को 13 रन पर शॉर्ट लेग पर करुण नायर के हाथों कैच कराया. छठा विकेट भी अश्विन ने लिया और मैथ्यू वेड को खाता भी नहीं खोलने दिया. वेड को कीपर साहा ने शानदार तरीके से कैच किया. ऑस्ट्रेलिया ने चायकाल तक 6 विकेट पर 101 रन बनाए.
टीम इंडिया लंच से ठीक पहले 274 रन पर सिमट गई. पहली पारी के आधार पर ऑस्ट्रेलिया को मिली 87 रन की बढ़त कम करने के बाद टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के सामने 188 रन का लक्ष्य रखा है. टीम इंडिया की ओर से चेतेश्वर पुजारा शतक से चूक गए, वहीं रहाणे ने 11वीं फिफ्टी पूरी की. पुजारा ने 92 रन बनाए, जबकि रहाणे 52 रन बनाकर आउट हुए. इन दोनों के बीच सीरीज की पहली शतकीय साझेदारी (118 रन) हुई. इससे पहले मैट रेनशॉ और डेविड वॉर्नर ने पुणे टेस्ट में 82 रन की सबसे बड़ी साझेदारी की थी. एक समय मजबूत स्थिति की ओर बढ़ रही टीम इंडिया ने 9 गेंद और 9 रन पर 4 विकेट खो दिए. जॉश हेजलवुड ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 6 विकेट चटकाए हैं, जबकि मिचेल स्टार्क और स्टीव ओकीफी को दो-दो विकेट मिले.
टीम इंडिया का दूसरी पारी में विकेट पतन: 1/39 (अभिनव मुकुंद- 16), 2/84 (लोकेश राहुल- 51), 3/112 (विराट कोहली-15), 4/120 (रवींद्र जडेजा-2), 5/238 (अजिंक्य रहाणे- 52), 6/238 (करुण नायर- 0), 7/242 (चेतेश्वर पुजारा- 92), 8/246 (आर अश्विन- 4), 9/258 (उमेश यादव), 10/274 (ईशांत शर्मा- 6)
लंच से पहले : सीरीज की सबसे बड़ी साझेदारी, पुजारा शतक चूके, इंडिया ऑलआउट
चौथे दिन टीम इंडिया को पारी को चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने 4 विकेट पर 213 रन से आगे बढ़ाया. पारी के 75वें ओवर में दोनों ने पांचवें विकेट के लिए अहम शतकीय साझेदारी पूरी की. यह सीरीज की पहली शतकीय साझेदारी भी है. इससे पहले मैट रेनशॉ और डेविड वॉर्नर ने पुणे टेस्ट में 82 रन की सबसे बड़ी साझेदारी की थी. 76वें ओवर में शॉर्ट लेग पर पुजारा के कैच की जोरदार अपील भी हुई, लेकिन थर्ड अंपायर ने नॉटआउट दे दिया. उस समय वह 82 रन पर खेल रहे थे. रहाणे ने 128 गेंदों में करियर की 11वीं फिफ्टी बनाई. हालांकि फिफ्टी बनाने के बाद रहाणे (52) ज्यादा देर तक नहीं टिक पाए. उन्हें मिचेल स्टार्क ने पगबाधा आउट किया. अंपायर ने उन्हें नॉटआउट दिया था, लेकिन डीआरएस में वह आउट दिखे और उन्हें पैवेलियन लौटना पड़ा. उन्होंने पुजारा के साथ 118 रन जोड़े.
टीम इंडिया ने 238 रन पर पांचवां विकेट खोया और इसके बाद तो विकेटों का पतझड़ शुरू हो गया. एक समय मजबूत स्थिति की ओर बढ़ रही टीम इंडिया ने 9 गेंद और 9 रन पर 4 विकेट गंवा दिए. पुजारा शतक (92) से चूके, उन्हें जॉश हेजलवुड ने मिचेल मार्श के हाथों कैच आउट कराया. इनके अलावा करुण नायर (0) और आर अश्विन (4) भी जल्दी ही लौटे गए और देखते ही देखते टीम इंडिया का स्कोर 246 रन पर 8 विकेट हो गया. स्कोर में 12 रन और जुड़े थे कि उमेश यादव ने लापरवाहीभरा शॉट खेला और उनको एक रन पर डेविड वॉर्नर ने लपक लिया. इसके बाद विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा और ईशांत शर्मा ने चुनौती पेश करने की कोशिश की, लेकिन उनके बीच 16 रन ही जुड़े थे कि ईशांत को स्टीव ओकीफी ने 6 रन पर आउट कर दिया. साहा 20 रन पर नाबाद रहे. इस प्रकार टीम इंडिया दूसरी पारी में 274 रन पर ऑलआउट हो गई और उसे पहली पारी की ऑस्ट्रेलिया की 87 रन की बढ़त को कम करने के बाद कुल 187 रन की बढ़त मिली.
राहुल बने ऐसे तीसरे ओपनर
लोकेश राहुल ऐसे तीसरे ओपनर बन गए हैं, जिसने बेंगलुरू में खेले गए किसी टेस्ट की दोनों पारियों में फिफ्टी से अधिक का स्कोर बनाया है. उन्होंने मैच के तीसरे दिन 51 की पारी खेली, जबकि पहली पारी में 90 रन बनाए थे. उनसे पहले वेस्टइंडीज के गार्डन ग्रीनिज ने 1974 में और अजय जडेजा ने 1995 में यह कमाल किया था.
तीसरे दिन का खेल : 'दीवार' बने पुजारा
तीसरे दिन स्टंप्स के समय टीम इंडिया की दूसरी पारी का स्कोर 4 विकेट पर 213 रन रहा. दिन के खेल का आकर्षण चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे की बल्लेबाजी रही. इन दोनों ने पांचवें विकेट के लिए 93 रनों की नाबाद ,साझेदारी करके टीम इंडिया के लिए नई उम्मीदें जगा दी हैं. टीम इंडिया के चार में से तीन विकेट तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड के खाते में गए. इससे पहले ऑस्ट्रेलिया टीम लंच से पहले अपनी पहली पारी में 276 रन बनाकर आउट हो गई. रवींद्र जडेजा ने छह विकेट लिए जबकि ऑफ स्पिनर आर. अश्विन के खाते में दो विकेट गए.
दूसरे दिन ऑस्ट्रेलिया रहा हावी
मैच के दूसरे दिन रविवार को मैट रेनशॉ (60) और शॉन मॉर्श (66) के अर्धशतक के सहारे ऑस्ट्रेलिया ने छह विकेट खोकर 237 रन बनाए थे. हालांकि टीम इंडिया के तेज गेंदबाज उमेश यादव और ईशांत शर्मा ने जबर्दस्त गेंदबाजी का प्रदर्शन करते हुए कंगारुओं को आसानी से रन नहीं बटोरने दिए. इस दौरान ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों का किस्मत ने साथ दिया और भारत को विकेट मिलते-मिलते रह गए. टीम इंडिया की ओर से सबसे चौंकाने वाली बात यह रही थी कि मैच के दूसरे दिन कप्तान कोहली ने सबसे सफल गेंदबाज साबित हुए रवींद्र जडेजा से महज 17 ओवर ही करवाए थे. टीम के चारों रेगुलर बॉलर्स में सबसे कम ओवर जडेजा ने ही फेंके थे और दूसरे दिन वे तीन विपक्षी बल्लेबाजों को आउट करने में सफल रहे थे.
पहले दिन चला नैथन लियोन का जादू, टीम इंडिया धराशायी
मैच के पहले दिन टॉस जीतने के बाद बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया का पुणे टेस्ट का निराशाजनक प्रदर्शन बेंगलुरू में भी जारी रहा. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन टीम इंडिया पहली पारी में महज 189 रन बनाकर आउट हो गई.
टीम इंडिया का विकेट पतन : 1/11 (अभिनव मुकुंद- 0), 2/72 (चेतेश्वर पुजारा- 17), 3/88 (विराट कोहली- 12), 4/118 (अजिंक्य रहाणे- 17), 5/156 (करुण नायर- 26), 6/174 (आर अश्विन- 7), 7/178 (ऋद्धिमान साहा- 1), 8/188 (रवींद्र जडेजा-3), 9/189 (लोकेश राहुल- 90), 10/189 (ईशांत शर्मा- 0)
लोकेश राहुल अकेले ऐसे बल्लेबाज रहे जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के आगे संघर्ष का जज्बा दिखाया. उन्होंने सर्वाधिक 90 रन बनाए और नौवें विकेट के रूप में आउट हुए. बेंगलुरू टेस्ट में भी टीम इंडिया ऑस्ट्रेलियाई स्पिन गेंदबाजी के जाल में उलझी. यह अलग बात है कि इस बार स्टीव ओकीफी के बजाय ऑफ स्पिनर नैथन लियोन ज्यादा मारक साबित हुए. उन्होंने मैच में 50 रन देकर आठ विकेट लिए.चेतेश्वर पुजारा (17) , विराट कोहली (12), अजिंक्य रहाणे (17) जैसे दिग्गज बल्लेबाज इस मैच में भी नाकाम रहे. पहले दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 16 ओवर में बिना कोई विकेट खोए 40 रन बना लिए थे.डेविड वॉर्नर 23 और मैट रेनशॉ 15 रन बनाकर क्रीज पर थे.
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