
पोटचेफस्ट्रूम (दक्षिण अफ्रीका):
भारतीय महिला टीम की गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. भारत ही नहीं, दुनिया की तेज गेंदबाजों में शुमार झूलन आज वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज बन गईं. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की कैथरीन फिट्जपैट्रिक का एक दशक से चला आ रहा रिकॉर्ड तोड़ा. झूलन ने यहां खेली जा रही चतुष्कोणीय सीरीज में दक्षिण अफ्रीका की रेसीबे नटोजाके को आउट करके 50 ओवरों के प्रारूप में अपना 181वां विकेट हासिल किया. इस तरह से उन्होंने फिट्जपैट्रिक का 109 मैचों में 180 विकेट के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया. इस मैच में भारतीय महिला टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 52 गेंद शेष रहते हुए सात विकेट से जीत हासिल की. पहले बैटिंग करते हुए झूलन की गेंदबाजी के कारण दक्षिण अफ्रीकी टीम 119 रन बनाकर आउट हो गई. जवाब में भारतीय टीम ने मिताली राज के नाबाद 51 रन की मदद से तीन विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया.
झूलन ने 7.3 ओवर में 20 रन देकर तीन विकेट लिए. उन्होंने 153वें मैच में यह रिकॉर्ड तोड़ा लेकिन वह लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रही हैं. यह 34 वर्षीय खिलाड़ी पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के चकदाहा कस्बे की रहने वाली है. उन्होंने 2002 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था. उन्हें वर्ष 2007 में आईसीसी की वर्ष की महिला क्रिकेटर भी चुना गया था. झूलन ने इसके अलावा दस टेस्ट मैचों में 40 विकेट और 60 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 50 विकेट लिए हैं. अपनी गेंदों को अच्छी रफ्तार देने वाली झूलन को नादिया एक्सप्रेस के नाम से भी जाना जाता है. झूलन गोस्वामी के बारे में खास बातें..
1. अपने कद के कारण झूलन गेंदों को अच्छी उछाल देने में सफल होती हैं. पांच फुट 11 इंच लंबी झूलन की मां का नाम झरना तथा पिता का नाम निशित गोस्वामी है.
2. झूलन के तेज गेंदबाजी शुरू करने की कहानी कल दिलचस्प नहीं हैं. बचपन में वे ड़ोस के लड़कों के साथ क्रिकेट खेला करती थीं. उस समय बेहद धीमी गेंदबाजी करने के कारण झूलन का मजाक बनाया जाता था. इससे उन्हें गेंदबाज बनने की प्रेरणा मिली. उन्होंने तेज गेंदबाजी में हाथ आजमाया और जल्द ही अपनी गेंदों की गति से लड़कों को भी चौंकने पर मजबूर करने लगीं.
3. झूलन की कद काठी तेज गेंदबाजी के लिहाज से आदर्श है. वनडे में सबसे अधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज बनी झूलन गति के बावजूद गेंदों की लाइन-लेंथ पर नियंत्रण रखती हैं. उनकी छवि बेहद सटीक तेज गेंदबाज की है.
4.झूलन सुबह 4.30 बजे उठकर नदिया से दक्षिण कोलकाता के विवेकानंद पार्क तक लोकल ट्रेन से जाया करती थीं, जहां कोच उन्हें क्रिकेट की ट्रेनिंग दिया करते थे. एक दिन क्रिकेट खेलकर रात को देर से घर पहुंचने पर उनकी मां ने उन्हें कई घंटे घर के बाहर खड़े रखा था.
5. झूलन गोस्वामी को ‘नदिया एक्सप्रेस’ के नाम से भी जाना जाता है. अपनी शानदार गेंदबाजी से वे कई बार भारत को जीत दिला चुकी हैं.
6. 25 नवंबर 1982 को जन्मी झूलन ने अब तक 10 टेस्ट और 152 वनडे मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है. 60 टी20 मैच भी वे खेल चुकी हैं.
7. झूलन ने टेस्ट क्रिकेट में 40 और टी20 में 50 विकेट लिए हैं. टेस्ट क्रिकेट में वे एक बार मैच में 10 विकेट लेने के कारनामे को भी अंजाम दे चुकी हैं.
8. झूलन इस समय दुनिया की सबसे तेज महिला गेंदबाज हैं. चेन्नई में एमआरएफ पेस फाउंडेशन में डेनिस लिली के मार्गदर्शन में उन्हें अपनी गेंदबाजी को निखारने का मौका मिला. (एजेंसी से इनपुट)
झूलन ने 7.3 ओवर में 20 रन देकर तीन विकेट लिए. उन्होंने 153वें मैच में यह रिकॉर्ड तोड़ा लेकिन वह लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रही हैं. यह 34 वर्षीय खिलाड़ी पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के चकदाहा कस्बे की रहने वाली है. उन्होंने 2002 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था. उन्हें वर्ष 2007 में आईसीसी की वर्ष की महिला क्रिकेटर भी चुना गया था. झूलन ने इसके अलावा दस टेस्ट मैचों में 40 विकेट और 60 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 50 विकेट लिए हैं. अपनी गेंदों को अच्छी रफ्तार देने वाली झूलन को नादिया एक्सप्रेस के नाम से भी जाना जाता है. झूलन गोस्वामी के बारे में खास बातें..
1. अपने कद के कारण झूलन गेंदों को अच्छी उछाल देने में सफल होती हैं. पांच फुट 11 इंच लंबी झूलन की मां का नाम झरना तथा पिता का नाम निशित गोस्वामी है.
2. झूलन के तेज गेंदबाजी शुरू करने की कहानी कल दिलचस्प नहीं हैं. बचपन में वे ड़ोस के लड़कों के साथ क्रिकेट खेला करती थीं. उस समय बेहद धीमी गेंदबाजी करने के कारण झूलन का मजाक बनाया जाता था. इससे उन्हें गेंदबाज बनने की प्रेरणा मिली. उन्होंने तेज गेंदबाजी में हाथ आजमाया और जल्द ही अपनी गेंदों की गति से लड़कों को भी चौंकने पर मजबूर करने लगीं.
3. झूलन की कद काठी तेज गेंदबाजी के लिहाज से आदर्श है. वनडे में सबसे अधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज बनी झूलन गति के बावजूद गेंदों की लाइन-लेंथ पर नियंत्रण रखती हैं. उनकी छवि बेहद सटीक तेज गेंदबाज की है.
4.झूलन सुबह 4.30 बजे उठकर नदिया से दक्षिण कोलकाता के विवेकानंद पार्क तक लोकल ट्रेन से जाया करती थीं, जहां कोच उन्हें क्रिकेट की ट्रेनिंग दिया करते थे. एक दिन क्रिकेट खेलकर रात को देर से घर पहुंचने पर उनकी मां ने उन्हें कई घंटे घर के बाहर खड़े रखा था.
5. झूलन गोस्वामी को ‘नदिया एक्सप्रेस’ के नाम से भी जाना जाता है. अपनी शानदार गेंदबाजी से वे कई बार भारत को जीत दिला चुकी हैं.
6. 25 नवंबर 1982 को जन्मी झूलन ने अब तक 10 टेस्ट और 152 वनडे मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है. 60 टी20 मैच भी वे खेल चुकी हैं.
7. झूलन ने टेस्ट क्रिकेट में 40 और टी20 में 50 विकेट लिए हैं. टेस्ट क्रिकेट में वे एक बार मैच में 10 विकेट लेने के कारनामे को भी अंजाम दे चुकी हैं.
8. झूलन इस समय दुनिया की सबसे तेज महिला गेंदबाज हैं. चेन्नई में एमआरएफ पेस फाउंडेशन में डेनिस लिली के मार्गदर्शन में उन्हें अपनी गेंदबाजी को निखारने का मौका मिला. (एजेंसी से इनपुट)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं