रिवर्स बिडिंग से मिले 26 करोड़, कैसे कह सकते हैं साख घट गई IPLकी !

रिवर्स बिडिंग से मिले 26 करोड़, कैसे कह सकते हैं साख घट गई IPLकी !

आईपीएल (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली:

आईपीएल की दो टीमों की नीलामी रिवर्स बिडिंग के ज़रिये हुई। इसके मुताबिक,  टीमों का कामकाज चलाने के लिए बीसीसीआई इन्‍हें 40-40 करोड़ रुपये देना चाहती थी, लेकिन रिवर्स बिडिंग में बीसीसीआई को तमाम विवादों के बावजूद बड़ा फ़ायदा हुआ। न्‍यू राइजिंग और इनटेक्‍स ने पैसा लेने के बजाए 26 करोड़ रुपये देकर टीमें अपने नाम कर ली।

क़रीब घंटे भर चली टीमों की नीलामी के बाद आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला ने कहा, 'दोनों नई टीमें सेंट्रल रिवेन्यू से पैसे नहीं लेंगी बल्कि बीसीसीआई को पैसे देंगी. इससे साफ़ है कि आईपीएल की लोकप्रियता कैसी (बढ़ी) है।

'बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने भी दोहराया, 'न्यू राइज़िंग 16 करोड़ रुपये और इनटेक्‍स 10 करोड़ रुपये देगा। इसका मतलब है रिवर्स बीडिंग प्रोसेस में इन कंपनियों ने पैसे लेने के बजाए पैसे देकर टीमें खरीद लीं।'  पूर्व बीसीसीआई सचिव निरंजन शाह ने ये भी बताया कि इस नीलामी के ज़रिये बीसीसीआई को 300 करोड़ से ज़्यादा का फ़ायदा हो गया।  
 
IPLको मिली पुणे और राजकोट की टीमें
इस तरह अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले नौवें आईपीएल के लिए आख़िरकार दो नई टीमें दुनिया की सबसे अमीर क्रिकेट लीग का हिस्सा बन गईं। चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स टीमों की जगह दो नई टीमों ने ले ली।  दिल्ली में हुई ओपन बिडिंग में आख़िरकार 5 ग्रुप ने बोली लगाई। बोली लगाने वाली 5 कंपनियां आरपीजी संजीव गोयनका, इनटेक्‍स, एक्सिस, चेट्टिनाड और आरपीजी हर्ष गोयनका शामिल थीं।

इस तरह बनी टीमें
कोलकाता के आरपी संजीव गोयनका की न्यू राइज़िग टीम ने पुणे की टीम खरीदी। संजीव गोयनका ग्रुप ने रिवर्स बिडिंग के ज़रिये बीसीसीआई को 16 करोड़ रुपये देने का फ़ैसला कर आईपीएल की सातवीं टीम अपने नाम कर ली। इसी तरह इनटेक्‍स मोबाइल्स ने राजकोट की टीम खरीद ली। इनटेक्‍स इनटेक्‍स कंपनी इसके लिए बीसीसीआई को 10 करोड़ की रकम सालाना अदा करेगी।  

रिवर्स नीलामी का मिला फ़ायदा
दरअसल बीसीसीआई IPL की टीम चलाने के लिए एनुअल मैनेजमेंट फ़ी के तहत सभी फ़्रेंचाइज़ी को 70 करोड़ रुपये देती है। इन टीमों के लिए 40 करोड़ रुपये की रक़म तय की गई थी, लेकिन नई टीमों ने ये रकम लेना तो दूर उल्टे बीसीसीआई को पैसे देकर फ़्रेंचाइज़ी अपने नाम कर ली।  इन टीमों को बैंक गारंटी के तौर पर 66 करोड़ जमा करने होंगे।

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इस तरह होगा खिलाड़ियों का बंटवारा
अब चेन्नई और राजस्थान के क़रीब 50 खिलाड़ियों का बंटवारा किया जाना है. पिछले पांच साल में टीम इंडिया का हिस्सा रहे खिलाड़ी और दूसरे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को कैप्ड और घरेलू खिलाड़ियों को अनकैप्ड ग्रुप में बांटा जाएगा। इन टीमों को खिलाड़ियों को खरीदने के लिए 40 से 66 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। टॉप के दस खिलाड़ियों को ड्राफ़्ट सिस्टम के तहत बांटा जाएगा। इसके तहत दोनों टीमों को पहले दस खिलाड़ी चुनने का हक़ दिया गया है। बाक़ी 40 खिलाड़ी नीलामी के तहत टीमों में जाएंगे।