इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2024) के इतिहास में हैदराबाद (Sunrisers Hyderabad) टीम की यात्रा खासी उतार-चढ़ाव वाली रही है. साल 2016 में इकलौता खिताब जीतनी वाली सनराइजर्स साल 2018 में उपविजेता टीम भी रही थी. इसके बाद हैदराबाद ने लगातार दो साल प्ले-ऑफ राउंड में भी जगह बनाई, लेकिन साल 2021 से टीम का प्रदर्शन गिरता ही गया. टीम मजाक का विषय बन गई और आलोचकों की संख्या लगातार बढ़ती गई. और पिछले साल तो हालात इतने खराब थे कि हैदराबाद सभी दस टीमों में सबसे आखिरी नंबर पर रही, लेकिन प्रबंधन ने पिछले साल कुछ बदलाव किए, तो नतीजा यह है कि इस टीम ने सभी के होश उड़ा दिए. और अगर ऐसा हुआ, तो इसके पीछे कई कारण रहे, लेकिन चार सबसे कारण वे हैं, जिन्होंने इस टीम ने सभी को हैरान करते हुए खुद को जारी संस्करण जीतने का एक प्रबल दावेदार बना दिया. चलिए बारी-बारी से ये सबसे बड़े चार कारण जान लीजिए.
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1. नया कप्तान, नई राह !
वास्तव में कप्तान की सोच पूरी टीम पर कितना असर डालती है, यह इस सीजन से साफ हो गया. पिछले साल टीम की कमान मार्करम के हाथों में थी. साल 2018 से 22 तक टीम की कमान संभालने वाले केन विलियम्सन की कप्तानी में हैदराबाद उपविजेता रहा, दो प्ले-ऑफ राउंड भी खेले, लेकिन इसके बाद प्रदर्शन लीग चरण तक की सिमट कर रह गया. लेकिन पैट कमिंस आए, तो पूरी टीम के खेलने का तौर तरीका ही बदल गया. और अगर आज हैदराबाद फिर से चैंपियन बनने की राह पर है, तो उसके पीछे पैट कमिंस की कप्तानी एक बड़ी वजह रही.
2. हारेंगे, पर शैली नहीं बदलेंगे
पहली ही गेंद से विरोधी गेंदबाजों पर आक्रमण की शैली से हैदराबाद ने खेल को एक ऐसे स्तर पर पहुंचा दिया, जहां पर बाउंड्री का दायरा बढ़ाने तक की बातें होनी शुरू हो गईं. इस शैली ने शुरुआती छह ओवरों में ही सामने वाली टीम का मनोबल तोड़ दिया, या बहुत हद तक परिणाम सुनिश्चित कर दिया. बीच में हैदराबाद को कुछ हार झेलनी पड़ीं, लेकिन इसके बावजूद प्रबंदन ने शैली से समझौता नहीं किया.
3. तूफानी ओपनरों के सुनामी तेवर!
अगर हैदराबाद चैंपियन बनने की राह पर है, तो उसका एक बड़ा कारण दोनों छोर से दोनों ओपनरों में से किसी एक का नियमित अंतराल पर चलना रहा है. कुछ दिन पहले ही लखनऊ के खिलाफ मई को जिस तरीके से दस ओवर से पहले ही दोनों ने बिना किसी नुकसान के 166 का स्कोर हासिल किया, उसे देखकर दुनिया के तमाम समीक्षकों ने दांत तले उंगली दबा ली. दोनों ने मिलकर अभी तक तीन शतकीय साझेदारी निभाई हैं, जो इनके योगदान को बयां करने के लिए काफी है. सबसे पहले इन्होंने 15 अप्रैल को आरसीबी के खिलाफ 108 रन जोड़े थे, तो दिल्ली के खिलाप 20 अप्रैल को दिल्ली में ही 131 रन और इसके बाद नाबाद 167 की साझेदारी लखनऊ के खिलाफ की. ट्रैविस हेड 11 मैचों में 533 रन बनाकर अभी तक (16 मई) तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं. अभिषेक शर्मा (12 मैचों में 401 रन) का भी अच्छा योगदान है.
4. कप्तान कमिंस को मिला नटराजन का साथ
यह सही है कि हैदराबाद की अभी तक की सफलता में बल्लेबाजों का दबदबा रहा, लेकिन इसी दबदबे के बीच लेफ्टी नटराजन ने 10 मैचों में 15 विकेट लिए. और उनके नाम की टी20 विश्व कप टीम के लिए भी चर्चा हुई, तो वहीं कप्तान पैट कमिंस का 12 मैचों में 14 विकेट लेना साफ बताता है कि अगर इन दोनों पेसरों का साथ नहीं मिलता, तो हैदराबाद की यहां तक यात्रा मुश्किल थी. और इस योगदान में भुवनेश्वर के 11 विकेटों की भी अनदेखी नही की जा सकती
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