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This Article is From Apr 16, 2022

IPL 2022: दीपक के लिए यह वरदान बना बीसीसीआई का यह फैसला, पेसर को मिलेगी नीलामी की लगभग पूरी रकम

IPL 2022: जब से दीपक चाहर (Deepak Chahar) के चोटिल होकर पूरे आईपीएल से बाहर होने की खबर आयी है, तब से सवाल यही उठ रहा है कि क्या इस पेसर को नीलामी की 14 करोड़ रुपये की रकम मिलेगी या नहीं मिलेगी या फिर कितनी मिलेगी..

IPL 2022: दीपक के लिए यह वरदान बना बीसीसीआई का यह फैसला, पेसर को मिलेगी नीलामी की लगभग पूरी रकम
IPL 2022: दीपक चाहर के आईपीएल से बाहर होने के बाद चर्चा जोरों पर थी कि उनके 14 करोड़ रुपये का क्या होगा
नई दिल्ली:

चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के मीडियम पेसर, टीम इंडिया के उभरते स्टार और आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे तेज गेंदबाज दीपक चाहर (Deepak Chahar) बिना एक भी मैच खेले चोट के कारण जारी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2022) के पूरे संस्करण से बाहर क्या हुए कि फैंस और मीडिया के बीच एक चर्चा ने जोर पकड़ लिया दीपक को नीलामी के 14 करोड़ रुपये मिलेंगे या नहीं मिलेंगे या फिर कितने मिलेगे? इस बात को लेकर अलग-अलग स्टोरियां और चर्चाएं भी चल रही थीं कि दीपक को कितना पैसा मिलेगा. कुछ साल पहले नियम यह था कि अगर कोई खिलाड़ी टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही चोट के कारण पूरे आईपीएल से बाहर हो जाता है, तो उसे नीलामी की रकम का कोई पैसा नहीं दिया जाएगा, लेकिन यह बात हर खिलाड़ी पर लागू नहीं होती. बीसीसीआई के पिछले साल लिए गए एक फैसले ने दीपक की जिदंगी में अंधेरा होने से बचा लिया और इस फैसले के कारण दीपक को अगर पूरे 14 करोड़ रुपये भले न मिलें, लेकिन इसके आस-पास की रकम उन्हें मिल जाएगी.

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और बीसीसीआई का यह फैसला था दीपक चाहर को साल 2021-22 के सेशन के लिए टीम इंडिया के लिए केंद्रीय अनुबंध प्रदान करना. दीपक साल 2020-21 के सीजन में अनुबंधित खिलाड़ियों की सूची में शामिल नहीं थे, लेकिन पिछले साल उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया, तो बोर्ड की तरफ से उन्हें सालाना अनुबंध मिला. और बीसीसीआई का यह फैसला उन्हें लगभग 14 करोड़ दिलाने का आधार बन गया. दीपक चाहर को बीसीसीआई ने कैटेगिरी "सी" के तहत केंद्रीय अनुबंध पिछले साल दिया था, जिसके तहत उन्हें बोर्ड से सालाना एक करोड़ रुपये मिलते हैं. 

साल 2011 से प्रभाव में आया था नियम
आईपीएल में साल 2011 से लागू किए गए नियम के तहत अगर बीसीसीआई के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से अनुबंधित कोई भी खिलाड़ी चोट के कारण आईपीएल शुरू होने से पहले ही पूरे सत्र के लिए बाहर हो जाता है, तो इस सूरत में खिलाड़ियों को नीलामी की रकम इंश्योरेंस कंपनी के जरिए मिलेगी. बीसीसीआई अपने सभी अनुबंधित सभी खिलाड़ियों का बीमा कराता है. और अगर खिलाड़ी चोट के कारण सत्र से बाहर हो जाता है, तो बोर्ड बीमे की रकम से खिलाड़ियों को भुगतान करता है.

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नियम  की यह बात बहुत है खास
साल 2011 से प्रभाव में आए नियम के तहत अगर कोई अनुबंधित खिलाड़ी चोट और इसकी टाइमिंग से इतर (चोट की टाइमिंग से इतर)  पूरे आईपीएल टूर्नामेंट में नहीं खेलता है, तो उसके आर्थिक नुकसान की क्षतिपूर्ति की जाएगी. नियम के तहत अनुबंधित खिलाड़ी की आधी रकम का भुगतान बीसीसीआई, तो शेष आधे पैसे का भुगतान फ्रेंचाइजी करेगी. 

...तो दीपक को नहीं मिलता यह पैसा

बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार बोर्ड सभी अनुबंधित खिलाड़ियों के बीमे की किश्त सबंद्ध कंपनी को नियमित रूप से जमा कराता है. ऐसे में दीपक को बीमा कंपनी से और नियम के तहत रकम मिलेगी. फिर भले ही यह रकम पूरे 14 करोड़ न हो. कुल मिलाकर बात यह है कि अगर दीपक चाहर को पिछले साल केंद्रीय अनुबंध नहीं मिला होता, तो इसका मतलब यह होता कि उनके पूरे 14 करोड़ रुपये डूब जाते, लेकिन अब यह मोटी रकम उन्हें लगभग पूरी मिल जाएगी. अब जबकि वह केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ी हैं, बोर्ड ने बीमा कराया हुआ है और वहीं साल 2011 आईपीएल में लागू हुआ नियम है, तो ये तमाम बातें दीपक को उनकी लगभग सारी वह रकम दिला देंगे, जिसमें चेन्नई ने उन्हें नीलामी में खरीदा था. 

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