स्टार्क लगातार 140 किमी प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से गेंदें फेंकते हैं (फाइल फोटो)
दुबई:
भारत दौरे में ऑस्ट्रेलियाई टीम को अपने तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क से काफी उम्मीदें हैं. कंगारू टीम को उम्मीद है कि अपनी गति और स्विंग से स्टॉर्क, भारतीय बल्लेबाजों की यहीं के मैदानों पर कठिन परीक्षा ले सकते हैं. टीम प्रबंधन और कप्तान स्टीव स्मिथ की ओर से की जा रही इन अपेक्षाओं से स्टार्क अच्छी तरह से वाफिक हैं. उन्होंने कहा है कि वे भारत की स्पिन की अनुकूल पिचों पर एसजी गेंद से पारंपरिक और रिवर्स स्विंग हासिल करने का प्रयास करेंगे. स्टार्क लगातार 140 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से गेंदें फेंकते हैं.
भारत घरेलू मैदान पर होने वाले मैचों के लिए एसजी गेंद का इस्तेमाल करता है और इसे कूकाबूरा गेंद पर तरजीह देता है जिसका इस्तेमाल ऑस्ट्रेलिया सहित टेस्ट मैच खेलने वाले अधिकांश देश करते हैं. यहां आईसीसी ग्लोबल क्रिकेट अकादमी में ऑस्ट्रेलियाई टीम के अभ्यास के बाद स्टार्क ने कहा, ‘मैंने पिछले कुछ समय से वहां लाल गेंद से क्रिकेट नहीं खेला है, चार साल हो गए हैं. ’ बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने कहा, ‘वहां अलग गेंद का इस्तेमाल होता है, इसलिए उसे रिवर्स कराने का प्रयास करना और यह देखना कि नई गेंद स्विंग करती है या नहीं, यह अलग तरह की चुनौती है.’ इस पर पिछले कुछ समय से बहस चल रही है कि पुणे में 23 फरवरी से शुरू हो रही टेस्ट सीरीज के दौरान ऑस्ट्रेलिया भारत में स्टार्क और उनके साथी तेज गेंदबाज जोस हेजलवुड का कैसे इस्तेमाल करता है.
स्टार्क को उम्मीद है कि उनका प्रभावी प्रयोग करने के लिए कप्तान स्टीव स्मिथ छोटे स्पैल में उनका इस्तेमाल करेंगे. हालांकि उन्होंने कहा कि यह ऑस्ट्रेलिया के धीमे गेंदबाजों के प्रदर्शन पर भी निर्भर करेगा. स्टार्क ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह स्पिनरों पर निर्भर करता है, वे विकेट हासिल कर रहे हैं या नहीं. यह स्मिथ पर निर्भर करता है. यह संभवत: स्वदेश में इस्तेमाल से अलग होगा.’ इस तेज गेंदबाज का 2013 में पहली बार भारत में टेस्ट गेंदबाजी का अनुभव काफी अच्छा नहीं रहा. चेन्नई में पहले टेस्ट में वह कोई विकेट हासिल नहीं कर पाए जिसके बाद उन्हें दूसरे टेस्ट की टीम से बाहर कर दिया गया. ‘होमवर्क प्रकरण’ के चलते चार खिलाड़ियों के निलंबन के कारण स्टार्क को मोहाली में तीसरा टेस्ट खेलने का मिला जिसमें उन्हें दो विकेट हासिल किए. चौथे टेस्ट में वह चोटिल होने के कारण नहीं खेल पाए. ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज 0-4 से गंवाई. (भाषा से भी इनपुट)
भारत घरेलू मैदान पर होने वाले मैचों के लिए एसजी गेंद का इस्तेमाल करता है और इसे कूकाबूरा गेंद पर तरजीह देता है जिसका इस्तेमाल ऑस्ट्रेलिया सहित टेस्ट मैच खेलने वाले अधिकांश देश करते हैं. यहां आईसीसी ग्लोबल क्रिकेट अकादमी में ऑस्ट्रेलियाई टीम के अभ्यास के बाद स्टार्क ने कहा, ‘मैंने पिछले कुछ समय से वहां लाल गेंद से क्रिकेट नहीं खेला है, चार साल हो गए हैं. ’ बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने कहा, ‘वहां अलग गेंद का इस्तेमाल होता है, इसलिए उसे रिवर्स कराने का प्रयास करना और यह देखना कि नई गेंद स्विंग करती है या नहीं, यह अलग तरह की चुनौती है.’ इस पर पिछले कुछ समय से बहस चल रही है कि पुणे में 23 फरवरी से शुरू हो रही टेस्ट सीरीज के दौरान ऑस्ट्रेलिया भारत में स्टार्क और उनके साथी तेज गेंदबाज जोस हेजलवुड का कैसे इस्तेमाल करता है.
स्टार्क को उम्मीद है कि उनका प्रभावी प्रयोग करने के लिए कप्तान स्टीव स्मिथ छोटे स्पैल में उनका इस्तेमाल करेंगे. हालांकि उन्होंने कहा कि यह ऑस्ट्रेलिया के धीमे गेंदबाजों के प्रदर्शन पर भी निर्भर करेगा. स्टार्क ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह स्पिनरों पर निर्भर करता है, वे विकेट हासिल कर रहे हैं या नहीं. यह स्मिथ पर निर्भर करता है. यह संभवत: स्वदेश में इस्तेमाल से अलग होगा.’ इस तेज गेंदबाज का 2013 में पहली बार भारत में टेस्ट गेंदबाजी का अनुभव काफी अच्छा नहीं रहा. चेन्नई में पहले टेस्ट में वह कोई विकेट हासिल नहीं कर पाए जिसके बाद उन्हें दूसरे टेस्ट की टीम से बाहर कर दिया गया. ‘होमवर्क प्रकरण’ के चलते चार खिलाड़ियों के निलंबन के कारण स्टार्क को मोहाली में तीसरा टेस्ट खेलने का मिला जिसमें उन्हें दो विकेट हासिल किए. चौथे टेस्ट में वह चोटिल होने के कारण नहीं खेल पाए. ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज 0-4 से गंवाई. (भाषा से भी इनपुट)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं