
भारत-पाकिस्तान मैच से पहले कुछ तो बात है कि धड़कनें तेज़ होने लगती हैं। चाहे इन दोनों के बीच हुए करीब सवा सौ मैचों में आपने कितने भी मैच देखे हों। हर मैच की एक अलग दास्तान होती है। हर मैच में कोई एक लम्हा ऐसा जरूर होता है, जो फ़ैन्स की ज़िन्दगी का हिस्सा बन जाता है।
वर्ल्ड कप में रविवार को होने वाले मैच से पहले पाकिस्तान के कप्तान मिस्बाह-उल-हक़ ने पूछे जाने पर खुलकर कहा कि ये मैच पूरी तरह दबाव का है। उन्होंने यह भी कहा कि आप ड्रेसिंग रूम में इस मैच के बारे में कैसे सोचते हैं, ये सब इसके नतीजे को प्रभावित करता है।
कैप्टन कूल माही भी मानते हैं कि यह मैच दूसरे मैचों से थोड़ा अलग ज़रूर होता है, लेकिन उनका मानना है कि उनकी कोशिश यह रहती है कि इस 'थोड़े अलग' फ़ैक्टर को बहुत कम कर दें। कैप्टन कूल माही यह भी कहते हैं कि इन मैचों में फ़ैन्स का रोल बहुत अहम हो जाता है इसलिए रोमांच बहुत बढ़ जाता है।
वर्ल्ड कप में छठी बार भिड़ंत से पहले दोनों ही टीमें अपनी ताकत के बारे में बताकर अपनी दावेदारी पेश कर रही हैं, लेकिन दोनों ही कप्तान बढ़चढ़ कर दावा करने से बच रहे हैं। दरअसल, दोनों ही टीमें मुश्किलों के दौर से गुजर कर वर्ल्ड कप खेलने पहुंची हैं। फिर भी पाकिस्तान की गेंदबाज़ी की धार हाल के दिनों पैनी नज़र आई है जबकि पेपर पर टीम इंडिया की बल्लेबाज़ी का खौफ पूरी दुनिया मानती है, लेकिन वर्ल्ड कप में भारत के खिलाफ नहीं जीत पाने का रिकॉर्ड एक ऐसी बात है, जो पाकिस्तान के ज़ेहन में हर चार साल बाद तेज़ अलार्म घड़ी की तरह बजने लगती है।
मैच से पहले यह आवाज़ और तेज़ हो जाती है। कप्तान मिस्बाह उल हक़ के सामने इस इतिहास को बदलने
का शायद इस बार बेहतर मौक़ा है, लेकिन यह बात भी उन पर दबाव बढ़ा सकती है, यानी खिलाड़ी चाहे जो कर लें मैदान पर उतरने से पहले दबाव से किसी सूरत में नहीं बच सकते।
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