केपटाउन में हार्दिक पंड्या को छोड़कर सभी दिग्गज बल्लेबाज नाकाम रहे.
नई दिल्ली:
भारतीय टीम केपटाउन में गेंदबाजी के जरिए वापसी करती दिखी लेकिन बल्लेबाजी में फिर वहीं पुरानी कहानी दोहराई गई, जिसके चलते भारत ने जीत का एक अच्छा मौक़ा गंवा दिया, लेकिन सीरीज़ में 0-1 से पिछड़ने के बाद टीम इंडिया के लिए अब आगे की राह आसान नहीं है, बल्कि दक्षिण अफ्रीका में 0-1 से पिछड़ने के बाद वापसी नामुमकिन ही रही है. इसके पीछे एक नहीं, बल्कि कई वजह हैं. चलिए हम आपको बारी-बारी से सभी वजह बताते हैं.
विदेशी जमीं पर नहीं होता चेज
ये तीसरा सबसे छोटा लक्ष्य रहा जिसका भारत पीछा नहीं कर सका. विंडीज के खिलाफ 120 रन और श्रीलंका के खिलाफ 176 रनों की पीछा इससे पहले टीम इंडिया नहीं कर सकी थी
120 VS विंडीज़, 1997 (81 ऑल आउट)
176 VS श्रीलंका, 2015 (112 ऑल आउट)
208 VS दक्षिण अफ्रीका, 2018 (135 ऑल आउट)
यह भी पढ़ें : INDvsSA: केपटाउन टेस्ट में हार के साथ ही विराट कोहली की कप्तानी में बन गए ये अनचाहे 'रिकॉर्ड'
100 रन के अंदर गंवाए 7 विकेट
ऐसा छठी बार हुआ है, जब भारतीय टीम ने किसी टेस्ट मैच की दोनो पारियों में 100 रन के भीतर ही अपने 7 विकेट गंवा दिए हों, केपटाउन टेस्ट में भारतीय टीम ने पहली पारी में 92 रन पर 7 विकेट गंवाए, तो दूसरी पारी में 82 रनों पर ही 7 विकेट आउट हो गए.
एशिया के बाहर फ्लॉप
भारतीय टीम के सब कॉन्टिनेंट के बाहर रिकॉर्ड को देखें तो वो बेहद निराशाजनक रहा है. विंडीज में प्रदर्शन को हटाकर भारत ने 2011 से उपमहाद्वीप के बाहर कुल 23 मैच खेले. इसमें 16 में उन्हें हार मिली और 6 मैच ड्रॉ हुए. वहीं, 2014 में इंग्लैंड में ही टीम इंडिया एक मैच जीतने में सफल रही थी
दक्षिण अफ्रीका में वापसी मुश्किल
दक्षिण अफ्रीका में पहला टेस्ट हारने के बाद वापसी करीब करीब नामुमकिन ही रही है. अभी तक महज 1922-23 में इंग्लैंड ही 0-1 से पिछड़ने के बाद 5 टेस्ट की सीरीज 2-1 से जीतने में सफल रहा.
सभी एशियाई टीमें फ्लॉप
केपटाउन में एशियाई टीमों का प्रदर्शन खराब ही रहा है और 12 टेस्ट में से कोई भी एशियाई टीम वहां मैच नहीं जीत सकी है. 10 में इन टीमों को हार का सामना करना पड़ा तो 2 मैच ड्रॉ रहे.
VIDEO: भारत में प्रेस कॉन्फ्रैंस के दौरान विराट कोहली.
अब देखने की बात यह होगी कि क्या केपटाउन में हुए बुरे हाल के बाद टीम इंडिया सेंचुरियन में कुछ दिन बाद शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट में वापसी कर पाती है, या नहीं.
Post game day and back to the grind #TeamIndia pic.twitter.com/Un22UU4DMb
— BCCI (@BCCI) January 9, 2018
विदेशी जमीं पर नहीं होता चेज
ये तीसरा सबसे छोटा लक्ष्य रहा जिसका भारत पीछा नहीं कर सका. विंडीज के खिलाफ 120 रन और श्रीलंका के खिलाफ 176 रनों की पीछा इससे पहले टीम इंडिया नहीं कर सकी थी
120 VS विंडीज़, 1997 (81 ऑल आउट)
176 VS श्रीलंका, 2015 (112 ऑल आउट)
208 VS दक्षिण अफ्रीका, 2018 (135 ऑल आउट)
यह भी पढ़ें : INDvsSA: केपटाउन टेस्ट में हार के साथ ही विराट कोहली की कप्तानी में बन गए ये अनचाहे 'रिकॉर्ड'
100 रन के अंदर गंवाए 7 विकेट
ऐसा छठी बार हुआ है, जब भारतीय टीम ने किसी टेस्ट मैच की दोनो पारियों में 100 रन के भीतर ही अपने 7 विकेट गंवा दिए हों, केपटाउन टेस्ट में भारतीय टीम ने पहली पारी में 92 रन पर 7 विकेट गंवाए, तो दूसरी पारी में 82 रनों पर ही 7 विकेट आउट हो गए.
एशिया के बाहर फ्लॉप
भारतीय टीम के सब कॉन्टिनेंट के बाहर रिकॉर्ड को देखें तो वो बेहद निराशाजनक रहा है. विंडीज में प्रदर्शन को हटाकर भारत ने 2011 से उपमहाद्वीप के बाहर कुल 23 मैच खेले. इसमें 16 में उन्हें हार मिली और 6 मैच ड्रॉ हुए. वहीं, 2014 में इंग्लैंड में ही टीम इंडिया एक मैच जीतने में सफल रही थी
Innings Break! South Africa 286 & 130. #TeamIndia need 208 runs to win the 1st Test #FreedomSeries #SAvIND pic.twitter.com/SJDDiAHU8G
— BCCI (@BCCI) January 8, 2018
दक्षिण अफ्रीका में वापसी मुश्किल
दक्षिण अफ्रीका में पहला टेस्ट हारने के बाद वापसी करीब करीब नामुमकिन ही रही है. अभी तक महज 1922-23 में इंग्लैंड ही 0-1 से पिछड़ने के बाद 5 टेस्ट की सीरीज 2-1 से जीतने में सफल रहा.
सभी एशियाई टीमें फ्लॉप
केपटाउन में एशियाई टीमों का प्रदर्शन खराब ही रहा है और 12 टेस्ट में से कोई भी एशियाई टीम वहां मैच नहीं जीत सकी है. 10 में इन टीमों को हार का सामना करना पड़ा तो 2 मैच ड्रॉ रहे.
VIDEO: भारत में प्रेस कॉन्फ्रैंस के दौरान विराट कोहली.
अब देखने की बात यह होगी कि क्या केपटाउन में हुए बुरे हाल के बाद टीम इंडिया सेंचुरियन में कुछ दिन बाद शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट में वापसी कर पाती है, या नहीं.
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