
England vs India: क्रिकेट में कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं, जो ऐतिहासिक बातों को भी सामने ला देती हैं. ऐसी स्पेशल बातें, जो जब घटित होती हैं, तो तभी सामने आती है. शुक्रवार से हेडिग्ले में मेजबान इंग्लैंड (Eng vs Ind 1st Test) के खिलाफ शुरू हुए पहले टेस्ट में करुण नायर (Karun Nair) को शामिल किया गया, तो यह बल्लेबाज खुद तो स्पेशल क्लब में शामिल हुआ ही, तो वहीं एक ऐसी असाधारण कहानी सामने आ गई जो अपने आप में एक जज्बे और द्रढ़संकल्प की कहानी है. और यह है खास और लंबे समय अंतराल पर टीम इंडिया में वापसी की कहानी.
ऐसे चौथे बल्लेबाज बन गए करुण नायर
जब बात मैचों के अंतराल पर टीम इंडिया में वापसी की आत है, तो करुण नायर भारतीय इतिहास में सबसे ज्यादा मैचों के अंतराल पर टीम इंडिया में वापसी करने के मामले में चौथे नंबर पर आ गए हैं. करुण ने अपना आखिरी टेस्ट मैच साल 2017, मार्च में धर्मशाला में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था. और तब से इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच तक टीम इंडिया ने 77 टेस्ट मैच खेले. मैचों की संख्या बताती है कि करुण ने टीम इंडिया से बाहर होने के बाद वापसी में शानदार जज्बा दिखाया है, लेकिन इस मामले में लेफ्टी पेसर जयदेव उनाडकट की कोई सानी नहीं है
जयदेव का अनचाहा शतक बना मिसाल!
वास्तव में कभी भी खिलाड़ी देश के लिए पहला टेस्ट मैच खेलने के बाद कभी भी नहीं चाहेगा कि उसकी वापसी में एक शतक के बराबर मैचों की संख्या हो जाए. मगर उनाडकट ने भारत के लिए कोई एक टेस्ट खेलने के बाद अगला मैच पूरे 118 टेस्ट मैचों (2010-2022) के बाद खेला. यह अपने आप में बहुत ही बड़ी प्रेरणा है और किसी भी खिलाड़ी के जज्बे का एक शानदार उदाहरण है. इस मामले में दिनेश कार्तिक (87 टेस्ट बाद, 2010-18) दूसरे, पार्थिव पटेल (83 टेस्ट बाद, 2008-16) तीसरे नंबर पर हैं. इनके बाद करुण नायर (77 मैच, 2017-25) चौथे और अभिनव मुकुंद (56 टेस्ट, 2011-17) पांचवे नंबर पर हैं.
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