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IND vs PAK: "क्रिकेट खत्म हो जाएगा", पाकिस्तान के चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर होने के बाद जेल से इमरान खान का आया बयान

Imran Khan on Pakistan Team: जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का एक बड़ा बयान सामने आया है.

IND vs PAK: "क्रिकेट खत्म हो जाएगा", पाकिस्तान के चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर होने के बाद जेल से इमरान खान का आया बयान
Imran Khan on Pakistan Exit fron Champions Trophy

Imran Khan on Pakistan Team: जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की बहन अलीमा खान के अनुसार यह पूर्व कप्तान चैंपियन्स ट्रॉफी में अपने देश की क्रिकेट टीम (Pakistan Cricket team in Champion Trophy 2025) के प्रदर्शन से दुखी है. मेजबान पाकिस्तान कराची में न्यूजीलैंड और दुबई में भारत से बड़ी हार के बाद आठ टीमों की चैंपियन्स ट्रॉफी से बाहर होने वाली शुरुआती टीमों में शामिल रहा. इमरान से मुलाकात के बाद अलीमा ने रावलपिंडी की अदियाला जेल के बाहर मीडिया से कहा, ‘‘पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) के संस्थापक ने भारत के खिलाफ मैच हारने पर गहरा दुख जताया है. " अलीमा ने कहा कि 1992 विश्व कप में खिताबी जीत के दौरान पाकिस्तान की कप्तानी करने वाले पूर्व करिश्माई क्रिकेटर इमरान ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी की क्रिकेट संबंधी साख पर भी सवाल उठाए.

अलीमा ने कहा, ‘‘इमरान ने कहा कि जब अपने पसंदीदा लोगों को निर्णय लेने का अधिकार दिया जाएगा तो क्रिकेट अंततः खत्म हो जाएगा". अलीमा ने बताया कि क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान ने चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच मैच देखा.(Imran Khan on Pakistan Exit fron Champions Trophy ). पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के पूर्व अध्यक्ष नजम सेठी ने पाकिस्तान क्रिकेट के पतन का जिम्मेदार इमरान खान को माना है. सेठी ने ‘एक्स' पर पोस्ट शेयर कर पाकिस्तान क्रिकेट के वर्तमान स्थिति का कसूरवार पूर्व पाकिस्तानी कप्तान इमरान खान को माना है.  

सेठी ने लिखा, ‘‘क्रिकेट बिरादरी का कहना है कि पाकिस्तान का स्तर बहुत नीचे गिर गया है। एक क्रिकेट टीम जो कभी टी20 (2018) और टेस्ट (2016) तथा एकदिवसीय (1990 और 1996) में नंबर एक थी, जिसने 1992 में विश्व कप और 2017 में चैंपियन्स ट्रॉफी जीती, आज उसकी तुलना जिंबाब्वे से कैसे की जा रही है?''

सेठी ने आगे लिखा, ‘‘राजनीतिक हस्तक्षेप जारी रहा, विरोधाभासी पीसीबी नीतियां नियम बन गईं- विदेशी कोचों को काम पर रखा गया और उन्हें फिर निकाल दिया गया, चयनकर्ताओं को मनमाने ढंग से नामित किया गया, पुराने त्यागे हुए लोगों को सलाह देने और प्रबंधन करने के लिए भर्ती किया गया."
 

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