
321 रन का विशाल स्कोर बनाया भी गेंदबाज डिफेंड नहीं कर पाए.
नई दिल्ली:
चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया के अभियान को गुरुवार को करारा झटका लगा. विराट कोहली ब्रिगेड को श्रीलंका टीम के हाथों 7 विकेट की हार का सामना करना पड़ा. इस हार के साथ टीम की सेमीफाइनल में प्रवेश की उम्मीदें अब रविवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाले आखिरी मैच पर निर्भर हो गई हैं. भारत के ग्रुप बी में इस समय बेहद रोमांचक स्थिति है और चारों टीमों, भारत, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान और श्रीलंका ने (देखें प्वाइंट टेबल) एक-एक मैच जीता है. इस स्थिति में टीम इंडिया को रविवार के मैच में हर हाल में जीत हासिल करनी होगी. मैच में भारतीय टीम ने 50 ओवर में 6 विकेट पर 321 रन का विशाल स्कोर बनाया लेकिन इस स्कोर को भी गेंदबाज डिफेंड नहीं कर पाए. नजर डालते हैं उन कारणों पर जो टीम इंडिया की हार के लिए जिम्मेदार रहे..
खराब फील्डिंग और कैच ड्रॉप करना
विराट कोहली पाकिस्तान के खिलाफ मैच के बाद ही टीम इंडिया के क्षेत्ररक्षण को खराब बता चुके थे. उन्होंने फील्डिंग में टीम इंडिया को 10 में से महज 6 अंक दिए थे. लेकिन इस क्षेत्र में आज के मैच में भी सुधार नहीं दिखा. अहम मौकों पर टीम इंडिया के क्षेत्ररक्षक सुस्त नजर आए. उन्होंने न केवल रन आउट के मौके छोड़े बल्कि फील्डिंग में भी सुस्ती दिखाकर विपक्षी टीम को कुछ रन बेवजह दिए.15वें ओवर में हार्दिक पांड्या ने कुसल मेंडिस का कैच छोड़ा जो टीम को बेहद भारी पड़ा. कुसल मेंडिस ने 89 रन की पारी खेली.
ऑफ स्पिनर को प्लेइंग इलेवन में स्थान न देना
श्रीलंका टीम में कई बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं. ऐसे में ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को प्लेइंग इलेवन में रखना अच्छा विकल्प हो सकता था. बाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए ऑफ स्पिनर हमेशा घातक साबित होते हैं, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ मैच को ध्यान में रखते हुए टीम इंडिया ने अपनी उसी प्लेइंग इलेवन को बरकरार रखा. यह फैसला टीम के लिए भारी साबित हुआ. वैसे भी अश्विन टीम इंडिया के स्ट्राइक बॉलर के रोल में कई बार खरे उतर चुके हैं.
गेंदबाजी में बुमराह और जडेजा का न चलना
जसप्रीत बुमराह और रवींद्र जडेजा को लंबे समय से टीम इंडिया का शॉर्टर फॉर्मेट का बेहतरीन बॉलर आंका जाता है. हालांकि अब जड्डू तो टेस्ट क्रिकेट में भी गेंदबाजी में धाक जमा चुके हैं. डेथ ओवर्स के दुनिया के सबसे खतरनाक गेंदबाजों में गिने जाने वाले बुमराह विकेट नहीं ले पाए. जडेजा भी विकेटहीन रहने के साथ-साथ बेहद महंगे रहे. ऐसे में कप्तान विराट कोहली के पास गेंदबाजी में ज्यादा विकल्प नहीं बचे. पहले मैच में अच्छी गेंदबाजी करने वाले हार्दिक पांड्या भी इस मैच में नहीं चल पाए.
गुणातिलका और कुसल मेंडिस की साझेदारी
निरोशन डिकवेला के रूप में पहला विकेट जल्दी गिरने के बाद धनुष्का गुणतिलके और कुसल मेंडिस की साझेदारी ने श्रीलंका को मैच में वापस ला दिया. इन दोनों बल्लेबाजों ने तेज गति से दूसरे विकेट के लिए 159 रन की साझेदारी कर डाली. इस साझेदारी के दौरान भारतीय गेंदबाजों और फील्डरों की बॉडी लेंग्वेज उनके गिरते उत्साह को दर्शा रही थी. हालांकि इन दोनों बल्लेबाजों के आउट होने के बाद भारतीय टीम के पास अवसर था, लेकिन गेंदबाज इस मौके का फायदा नहीं उठा सके. भारतीय गेंदबाजों में भुवनेश्वर कुमार एकमात्र सफल बॉलर रहे जिन्होंने एक विकेट लिया जबकि दो बल्लेबाज रन आउट हुए. कुसल परेरा रिटायर होकर पैवेलियन लौटे.
खराब फील्डिंग और कैच ड्रॉप करना
विराट कोहली पाकिस्तान के खिलाफ मैच के बाद ही टीम इंडिया के क्षेत्ररक्षण को खराब बता चुके थे. उन्होंने फील्डिंग में टीम इंडिया को 10 में से महज 6 अंक दिए थे. लेकिन इस क्षेत्र में आज के मैच में भी सुधार नहीं दिखा. अहम मौकों पर टीम इंडिया के क्षेत्ररक्षक सुस्त नजर आए. उन्होंने न केवल रन आउट के मौके छोड़े बल्कि फील्डिंग में भी सुस्ती दिखाकर विपक्षी टीम को कुछ रन बेवजह दिए.15वें ओवर में हार्दिक पांड्या ने कुसल मेंडिस का कैच छोड़ा जो टीम को बेहद भारी पड़ा. कुसल मेंडिस ने 89 रन की पारी खेली.
ऑफ स्पिनर को प्लेइंग इलेवन में स्थान न देना
श्रीलंका टीम में कई बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं. ऐसे में ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को प्लेइंग इलेवन में रखना अच्छा विकल्प हो सकता था. बाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए ऑफ स्पिनर हमेशा घातक साबित होते हैं, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ मैच को ध्यान में रखते हुए टीम इंडिया ने अपनी उसी प्लेइंग इलेवन को बरकरार रखा. यह फैसला टीम के लिए भारी साबित हुआ. वैसे भी अश्विन टीम इंडिया के स्ट्राइक बॉलर के रोल में कई बार खरे उतर चुके हैं.
गेंदबाजी में बुमराह और जडेजा का न चलना
जसप्रीत बुमराह और रवींद्र जडेजा को लंबे समय से टीम इंडिया का शॉर्टर फॉर्मेट का बेहतरीन बॉलर आंका जाता है. हालांकि अब जड्डू तो टेस्ट क्रिकेट में भी गेंदबाजी में धाक जमा चुके हैं. डेथ ओवर्स के दुनिया के सबसे खतरनाक गेंदबाजों में गिने जाने वाले बुमराह विकेट नहीं ले पाए. जडेजा भी विकेटहीन रहने के साथ-साथ बेहद महंगे रहे. ऐसे में कप्तान विराट कोहली के पास गेंदबाजी में ज्यादा विकल्प नहीं बचे. पहले मैच में अच्छी गेंदबाजी करने वाले हार्दिक पांड्या भी इस मैच में नहीं चल पाए.
गुणातिलका और कुसल मेंडिस की साझेदारी
निरोशन डिकवेला के रूप में पहला विकेट जल्दी गिरने के बाद धनुष्का गुणतिलके और कुसल मेंडिस की साझेदारी ने श्रीलंका को मैच में वापस ला दिया. इन दोनों बल्लेबाजों ने तेज गति से दूसरे विकेट के लिए 159 रन की साझेदारी कर डाली. इस साझेदारी के दौरान भारतीय गेंदबाजों और फील्डरों की बॉडी लेंग्वेज उनके गिरते उत्साह को दर्शा रही थी. हालांकि इन दोनों बल्लेबाजों के आउट होने के बाद भारतीय टीम के पास अवसर था, लेकिन गेंदबाज इस मौके का फायदा नहीं उठा सके. भारतीय गेंदबाजों में भुवनेश्वर कुमार एकमात्र सफल बॉलर रहे जिन्होंने एक विकेट लिया जबकि दो बल्लेबाज रन आउट हुए. कुसल परेरा रिटायर होकर पैवेलियन लौटे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं