
पाकिस्तान के नवनियुक्त मुख्य कोच मिस्बाह उल हक (Misbah-ul-Haq)ने जोर देते हुए कहा है कि टीम (Pakistan Team) की ड्रेसिंग रूम संस्कृति में पूर्ण बदलाव की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश के क्रिकेट ढांचे में आमूलचूल बदलाव में समय लगेगा. उन्होंने कहा कि मैं अपनी नई जिम्मेदारी पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा. पाकिस्तान के सबसे सफल टेस्ट कप्तान मिस्बाह (Misbah-ul-Haq) को मुख्य चयनकर्ता की भूमिका भी सौंपी गई है. पाकिस्तानी मीडिया के हवाले से पहले खबरें आई थीं कि मिस्बाह के पाकिस्तान टीम के कोच बनने की राह में वेतन का मुद्दा (Misbah-ul-Haq Salary issue) समस्या पैदा कर रहा है. दरअसल मिस्बाह चाहते थे कि उन्हें पूर्व कोच मिकी ऑर्थर के बराबर ही वेतन मिले और पीसीबी इसके लिए तैयार नहीं था. मिस्बाह (Misbah-ul-Haq) के कोच बनने की राह में पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) की एक टीम की कोचिंग की भी बाधा थी. मिस्बाह इस टीम को छोड़ना नहीं चाहते जबकि पीसीबी का कहना है कि देश की क्रिकेट टीम के कोच के लिए ऐसा करना ठीक नहीं होगा. बहरहाल, बाद में यह मामले सुलझा लिए गए.मिस्बाह को प्रति माह 18000 डॉलर (पाकिस्तानी मुद्रा में करीब 28 लाख रुपये) का भुगतान किए जाने की उम्मीद है.
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मिस्बाह (Misbah-ul-Haq) ने कहा, ‘‘एक कोच और नेतृत्वकर्ता के रूप में कोई भी यही चाहता है कि उसके पास ऐसी टीम हो जो मैच में तुरंत दबदबा बनाए और विरोधी टीम को दबाव में डाले.लेकिन यह आदर्श स्थिति होती है.वास्तविक जीवन में आपको उपलब्ध खिलाड़ियों के आधार पर रणनीति बनानी होती है, मैं भी ऐसा ही करूंगा.'उन्होंने कहा, ‘बेशक अंत में लक्ष्य यही होता है कि आपके पास बेहद मजबूत टीम हो लेकिन हमें शुरुआत उसी के साथ करनी होती है जो हमारे पास उपलब्ध होता है.क्रिकेट ढांचे में आमूलचूल बदलाव में समय लगेगा.'पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने मिस्बाह (Misbah-ul-Haq) के अलावा पूर्व तेज गेंदबाज वकार यूनुस को तीन साल के लिए गेंदबाजी कोच नियुक्त किया है. बोर्ड ने पाकिस्तान सुपर लीग के आगामी सत्र के दौरान भी मिस्बाह को कोच की भूमिका निभाने को कहा है और उन्हें वही वेतन मिलेगा जो पिछले कोच मिकी ऑर्थर को मिल रहा था.
मिस्बाह (Misbah-ul-Haq) ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि हमारे क्रिकेटर समझदारी से और निडर होकर खेलें. मुझे पता है कि इसके लिए ड्रेसिंग रूम की संस्कृति में बदलाव की जरूरत है लेकिन अगर हमें शीर्ष स्तर पर लगातार प्रतिस्पर्धा पेश करनी है तो आधुनिक समय की इन जरूरतों को आत्मसात करना होगा.' (इनपुट: भाषा)
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