गॉल टेस्‍ट : श्रीलंका की जीत नहीं, ये भारत की हार है, पढ़िए पांच बड़े कारण

गॉल टेस्‍ट : श्रीलंका की जीत नहीं, ये भारत की हार है, पढ़िए पांच बड़े कारण

रोहित शर्मा ने एक बार फिर निराश किया।

नई दिल्‍ली:

गॉल टेस्‍ट में भारत की हार अप्रत्‍याशित नहीं है। अगर आप टेस्‍ट क्रिकेट पर नजर रखते हैं, तो आप इसे रोमांचक और भारत की गलतियों वाली हार कहेंगे, जिसमें हाथ में आई जीत को एक युवा कप्‍तान और उसकी युवा टीम ने विपक्षी टीम को सौंप दिया। इस हार में खिलाड़ियों के जज्‍बे की कमी के साथ अपने पसंदीदा खिलाड़ियों का चयन भी अहम कारण है। पढि़ए, ये हैं भारत की हार के 5 सबसे बड़े कारण...

1.केएल राहुल : यह सलामी बल्‍लेबाज दोनों पारियों में नाकाम रहा। राहुल के जल्‍दी आउट होने से शिखर दोनों पारियों में दवाब में आ गए। पहली पारी में शिखर ने 134 रन बनाने के लिए 271 गेंद खेलीं, जो उनके स्‍वाभाविक खेल के एकदम विपरीत रहा। इतना ही नहीं, दूसरी पारी में राहुल केवल 13 मिनट ही क्रीज पर रहे, जिससे शिखर पूरी तरह डिफेंसिव हो गए।

2.रोहित शर्मा : टेस्‍ट क्रिकेट में रोहित शर्मा जैसे मौके शायद ही भारत में किसी दूसरे खिलाड़ी को मिले होंगे। रोहित हमेशा ही चयनकर्ताओं को अपने बल्‍ले से शर्मसार करते आए हैं और यहां अपने कप्‍तान के पहले पूर्ण टेस्‍ट दौरे में भी उन्‍होंने यही किया। तीसरे नंबर पर पुजारा जैसे बल्‍लेबाजों की जगह खिलाए गए रोहित ने दोनों पारियों में केवल 40 गेंदों का सामना किया। इससे उनके धैर्य और टेस्‍ट टेंपरामेंट का पता चलता है। वैसे, उन्‍होंने कुल 13 रन ही बनाए, जो अंधविश्‍वास और टोटकों को मानने वाले क्रिकेटर्स के लिए अनलकी कहलाता है।

3.टीम चयन में बड़ी गलती : अगर कप्‍तान विराट को पांच गेंदबाज खिलाने ही हैं तो भी तीसरे नंबर पर विशेषज्ञ बल्‍लेबाज को ही खिलाना टेस्‍ट क्रिकेट का नियम है, जिसे दुनिया की सभी टीमें अपने ऊपर लागू करती हैं। पुजारा ने दक्षिण अफ्रीका और न्‍यूजीलैंड में जिस तरह से शानदार खेल दिखाया था, उसे केवल एक दौरे की नाकामी के बाद टीम से बाहर करना किसी भी कप्‍तान की सही नीति नहीं कही जा सकती। जबकि हम जानते हैं कि श्रीलंका के विकेट में गेंद कातिलाना तरीके से स्पिन होती है। यहां केवल बल्‍लेबाज को शॉट नहीं खेलने हैं, बल्‍कि अच्‍छी गेंदों पर डिफेंसिव होना और खराब गेंदों का इंतजार करना है। जरा देखिए शिखर, लोकेश और राहुल एक ही शैली के बल्‍लेबाज हैं। यानी शॉट खेलने वाले। तो इनके साथ धैर्य वाला बल्‍लेबाज होना चाहिए। इस लिहाज से एक बार रहाणे तो नंबर तीन के दावेदार हो सकते हैं, लेकिन रोहित शर्मा नहीं।
 

गेंदबाजी में नाकाम रहने के बाद ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह बल्लेबाजी में भी कुछ नहीं कर पाए। (सौजन्य: AFP)

4.दूसरी पारी में खराब गेंदबाजी : दूसरी पारी में भारत ने खराब गेंदबाजी की। आउट ऑफ फार्म चल रहे चंडीमल, थिरिमाने और मुबारक जैसे बल्‍लेबाजों ने केवल 82.2 ओवर में 367 रन ठोंक दिए। श्रीलंका का रन रेट इस दौरान 4 रन प्रति ओवर से अधिक का रहा, जबकि भारत को पहली पारी में 375 रन बनाने के लिए 117 ओवर खेलने पड़े। चंडीमल की 162 रन की पारी केवल 169 गेंद में आई, जबकि यह वनडे नहीं टेस्‍ट मैच था। आप अनुमान लगा सकते हैं कि यह कितनी आक्रामक पारी थी, जिसने गेंदबाजी की कलई खोल दी। एक स्पिन फ्रेंडली विकेट पर तीन स्पिनर के होते हुए एक बल्‍लेबाज का इतने रन बनाना परेशान करने वाला है।
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5.हरभजन सिंह : सुनील गावस्‍कर ने एकदम सही बात कही कि हरभजन सिंह टी-20 जैसी गेंदबाजी कर रहे हैं, क्‍योंकि हरभजन टी-20 ही खेलते हैं। रणजी और घरेलू क्रिकेट में तो उनका प्रदर्शन औसत ही रहा है। यहां भी मैच में कुल 25 ओवर में उन्‍होंने केवल एक विकेट लिया और बल्‍लेबाजी करते हुए मात्र 15 रन बनाए। ऐसे में कप्‍तान से उनको भले कुछ उम्‍मीद हो, लेकिन हरभजन का प्रदर्शन उनको टीम में रखे जाने की इजाजत नहीं देता।