
Agarkar on sarfaraz Khan: कुछ साल पहले घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने के बाद टीम इंडिया में जगह बनाने वाले मुंबई के बल्लेबाज सरफराज खान (Sarfaraz Khan) को एक बार फिर से जोर का झटका लगा है. एक तरफ सरफराज पिछले कुछ महीनों से अपनी बैटिंग और फिटनेस पर जमकर पसीना बहा रहे थे. हाल ही में उन्होंने करीब दस किलो वजन भी कम किया, लेकिन शनिवार को इंग्लैंड के खिलाफ (Eng vs Ind) के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए घोषित भारतीय टीम में उन्हें चयनित न किया जाना करोडों फैंस को भी बहुत ही ज्यादा हैरान कर गया. चलिए जान लीजिए कि वे क्या कारण रहे, जिससे वह रेस में पिछडे़ गए.
1. न्यूजीलैंड के खिलाफ नाकामी
पिछले साल न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में पहल पारी में जीरो बनाने के बाद उन्होंने बेंगलुरु टेस्ट की दूसरी पारी में 150 रन बनाए, लेकिन फिर पुणे और मुंबई टेस्ट की चार पारियों में सरफराज ने क्रमश: 11, 9, 0, 1 का स्कोर किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में अगरकर ने कहा, 'मैं जानता हूं कि न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में सरफराज ने शतक बनाया, लेकिन उसके बाद उनके बल्ले से रन निकले. कभी-कभी ऐसे फैसले टीम मैनेजमेंट लेता है.'
2. अनुभवी बल्लेबाज की तलाश
यह साफ है कि कोहली के रिटायर होने के बाद भारत को मिड्ल ऑर्डर में अनुभवी बल्लेबाज की तलाश है. और सरफराज अभी तक कुल जमा 6 टेस्ट मैच ही खेले हैं, तो वहीं विदेशी जमीं पर उन्हें अभी भी डेब्यू करना बाकी है. यही वजह रही कि चयन समिति का वोट करुण नायर के पक्ष में गया, जिन्होंने पिछले दो सीजन में घरेलू क्रिकेट में बल्ले से आग सी लगा दी है. एक सवाल के जवाब में अगरकर ने कहा, 'विराट के संन्यास के बाद हमें मिड्ल ऑर्डर में अनुभवी बल्लेबाज की जरूरत थी. किसी के साथ अनुचित होना किसी दूसरे के लिए उचित होता है. फिलहाल करुण ने रनों का अंबार लगा रघा है. वहीं, उनके पास थोड़ा काउंटी क्रिकेट का भी अनुभव है.'
3. कड़ा कंप्टीशन और ज्यादा ऑलराउंडरों पर जोर
चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने विस्तार से कहा, 'सेलेक्शन कमेटी ने यह फैसला भारतीय क्रिकेट में और कड़े हुए कंप्टीशन के कारण लिया है. और यह कुछ व्यक्तिगत विशेष खिलाड़ियों के खिलाफ जा सकता है या उनके लिए अनुचित हो सकता है. दो राह नहीं कि पिछले घरेलू सीजन में जैसा प्रदर्शन साई सुदर्शन और करुण नायर ने किया, उससे भी सरफराज के लिए मुश्किल पैदा हो गई. इसके अलावा प्रबंधन का जोर विशेषज्ञ खिलाड़ियों की तुलना में बल्लेबाज-कम-ऑलराउंडर या बॉलर-कम-ऑलराउंडर पर रहा. शार्दूल ठाकुर और वॉशिंगटन सुंदर की वापसी ने भी सरफराज के आसार को नुकसान पहुंचाने का काम किया.
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