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Eng vs Ind: इससे पक्का 'ड्रामेबाजी' को...', पूर्व कप्तान ने दिया आईसीसी को स्लो-ओवर रेट खत्म करने का यह अहम सुझाव

Eng vs Ind: हाल ही में तीसरे टेस्ट के दौरान जो जैक क्राले ने किया, उसे माइकल वॉन ने 'ग्रेट थिएटर' करार दिया

Eng vs Ind: इससे पक्का 'ड्रामेबाजी' को...', पूर्व कप्तान ने दिया आईसीसी को स्लो-ओवर रेट खत्म करने का यह अहम सुझाव
England vs India:
  • लॉर्ड्स में तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन के आखिरी दो ओवरों में इंग्लिश गेंदबाज जैक क्राले द्वारा समय बर्बाद करने की नाटकीय हरकतें हुई
  • भारतीय खिलाड़ियों, फैंस और पूर्व क्रिकेटरों ने जैक क्राले की एक्टिंग और समय बर्बाद करने के तरीकों की कड़ी आलोचना की
  • पूर्व इंग्लिश कप्तान माइकल वॉन ने आईसीसी को सुझाव दिया कि एक दिन में कम से कम नब्बे ओवर फेंकना अनिवार्य किया जाए
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नयी दिल्ली:

पिछले दिनों लॉर्ड्स में खत्म हुए तीसरे टेस्ट में क्रिकेट में खेल से कई रंग देखने को मिले. इसमें से एक तीसरे दिन के आखिरी दो ओवरों में एक अलग ही ड्रामा देखने को मिला, जो बमुश्किल ही देखने को मिलता है. वास्तव में दिन के आखिरी दो ओवरों में जो देखने को मिला, उसमें ड्रामे, गाली-गलौज, नौटंकी के तमाम तत्व शामिल थे. इस नजारे ने जमकर सुर्खियां बटोरीं और इस पर प्रतिक्रिया का आना अभी भी जारी है. इन आखिरी दो ओवरों में समय काटने के लिए इंग्लिश ओवर जैक क्राले ने जैसी 'एक्टिंग' की, उसकी मैदान पर भारतीय खिलाड़ियों, फैंस और पूर्व क्रिकेटरों ने जमकर खिंचाई की. और अब इंग्लिश पूर्व कप्तान माइकल वॉन (Michael Vaughan) ने इस समस्या से निपटान के लिए सुझाव दिया है. वॉन ने कहा कि तीसरे दिन जैक क्राले का अहम पलों को बर्बाद करते देखना एक 'ग्रेट ड्रामा' था. समय बर्बाद करने वाली इन हरकतों और स्लो-ओवर रेट के निदानलिए वॉन ने सुझाव देते हए कहा कि आईसीसी को करना यह चाहिए कि एक दिन में कितना भी समय क्यों न लगे, लेकिन 90 ओवर के कोटे को अनिवार्य कर देना चाहिए.

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वॉन ने कहा, 'मुझे कभी यह समझ में नहीं आया कि हम आखिरी दिन 90 ओवर क्यों फेंकते हैं. मुझे लगता है कि खिलाड़ी अगर जानते हैं कि हमें 90 ओवर गेंदबाजी करनी है, तो समय अवधि से इतर कोटा हर हाल में होना चाहिए. यह बात खिलाड़ियों को केंद्रित करेगी.' पूर्व कप्तान ने कहा, 'जैक क्राले जानते थे कि खेल 6:30 बजे खत्म होगा, तो ऐसे में उन्हें समय बर्बाद करते देखना मानो एक 'ग्रेट थिएटर' था. लेकिन अगर सभी यह जानते कि समय की परवाह किए बगैर उन्हें खेल जारी रखना है, तो वे ऐसा नहीं करते.'

सभी ने देखा कि जब एक उठती हुई गेंद जैक क्राले को लगी, तो उन्होंने जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने डॉक्टर को भी बुलाया, जिसकी जरूरत नहीं थी. जाहिर है कि क्राले का मकसद समय बर्बाद करना था. और इसको लेकर भारतीय खिलाड़ियों ने बहुत ही तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी.

वॉन ने कहा, 'हर हाल में 90 ओवर का कोटा पूरा करना खिलाड़ियों को समय पर खेल खत्म करने के लिए प्रोत्साहित करेगा. निश्चित तौर पर खिलाड़ी दिन का खेल 7:45 पर खत्म करना नहीं चाहेंगे. वे उससे पहले ही मैदान छोड़कर होटल में आराम करना चाहेंगे. मुझे लगता है कि यह पहलू हमें कम अनाधिकृत ड्रिंक ब्रेक, बाथरूम रूकावट, आदि देखने में मदद करेगा. साथ ही, यह पहलू अंपायरों के लिए भी रुचिकर और उनके हित में होगा.'

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