
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते, पहले पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पाकिस्तान सुपर लीग को संयुक्त अरब अमीरात में शिफ्ट करने का ऐलान किया था. लेकिन अमीरात क्रिकेट बोर्ड ने पीसीबी के इस प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया था और उसके सामने कुछ ऐसी शर्त रखी थी, जिसे पाकिस्तान पूरा नहीं कर पाया था. इसके बाद पाकिस्तानी बोर्ड ने बयान जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री के कहने पर पीएसएल को स्थगित कर दिया गया है. हालांकि, अब इस मामले में एक नई जानकारी सामने आई है. रिपोर्ट्स की मानें तो यूएई में पीएसएल के मैचों का आयोजन नहीं होने के पीछे भारत की क्रिकेट डिप्लोमेसी में जीत रही.
क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, अमीरात क्रिकेट बोर्ड ने भारतीय क्रिकेट प्रशासकों के आग्रह के बाद शिफ्ट पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) मैचों की मेजबानी करने के पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अनुरोध को अस्वीकार किया. एक क्रिकेट अधिकारी ने कहा, "जब सीमा पर सैनिक मर रहे हों तो हम चुप नहीं रह सकते."
रिपोर्ट की मानें तो पहले भारत की ओर से दबाव था कि यूएई में पीएसएल के मैचों का आयोजन नहीं हो पाए और ईसीबी का निर्णय अब उसी के अनुरूप प्रतीत होता है. समझा जाता है कि बीसीसीआई के पूर्व सचिव और वर्तमान आईसीसी अध्यक्ष जय शाह की स्थिति और यूएई के नेतृत्व और क्रिकेट बोर्ड के साथ उनके संबंधों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
बीसीसीआई और ईसीबी के बीच संबंध बीते कुछ समय से काफी अच्छे हुए हैं. ईसीबी के महासचिव मुबाशिर उस्मानी मूल रूप से मुंबई से एक भारतीय हैं. इसके अलावा शाह के नेतृत्व में बीसीसीआई द्वारा संयुक्त अरब अमीरात में डेढ़ आईपीएल सीज़न आयोजित करने और वहां 2021 टी20 विश्व कप का आयोजन करने के बाद, यह संबंध और मजबूत हुए हैं. ईसीबी के एक अधिकारी ने भारतीय भूमिका को स्वीकार करते हुए बताया, "हम इसके लिए बीसीसीआई और जय भाई के आभारी हैं."
बता दें, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण पीसीबी ने कहा था कि पीएसएल के बाकी आठ मैच यूएई में होंगे, जो रावलपिंडी, मुल्तान और लाहौर में होने थे. शुरुआत में पीसीबी के अनुरोध पर विचार करने के लिए सहमत होने के बाद, ईसीबी ने पहले तो दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम का उपयोग करने के पीसीबी के अनुरोध को खारिज कर दिया और फिर समझा जाता है कि उसने अत्यधिक पीसीबी से ऐसी फीस मांगी जिसे पीसीबी देने में सक्षम नहीं था.
इसके बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड एक बयान में कहा,"स्थगित करने का फैसला प्रधानमंत्री मियां मुहम्मद शाहबाज शरीफ से मिली सलाह के अनुसार लिया गया है. राष्ट्रीय भावनाएं पाकिस्तान के सशस्त्र बलों के साहसी प्रयासों पर केंद्रित हैं जो पाकिस्तान की संप्रभुता को मुखरता से कायम रख रहे हैं." बयान में आगे कहा गया,"पीसीबी और उसके खिलाड़ी शहीदों के परिवारों और राष्ट्र की रक्षा करने वाले हमारे सुरक्षाकर्मियों के साथ एकजुटता में खड़े हैं."
इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी दावा है कि भले ही पीसीबी पीएसएल मैचों के आयोजन के लिए काफी इच्छुक था, लेकिन विदेशी खिलाड़ी इसे जारी रखने के इच्छुक नहीं थे. पीसीबी ने कहा,"हम, पीसीबी में, भाग लेने वाले खिलाड़ियों की मानसिक भलाई और हमारे विदेशी खिलाड़ियों की भावनाओं का भी ईमानदारी से सम्मान करते हैं, और हम उनके परिवारों की चिंताओं का सम्मान करते हैं जो उन्हें घर वापस देखना चाहते हैं."
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