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This Article is From Jan 24, 2017

बर्थडे विशेष : पिता की कोचिंग ने बनाया चेतेश्‍वर पुजारा को धैर्यवान बल्‍लेबाज...

बर्थडे विशेष : पिता की कोचिंग ने बनाया चेतेश्‍वर पुजारा को धैर्यवान बल्‍लेबाज...
चेतेश्‍वर पुजारा की छवि विकेट पर जमकर खेलने वाले बल्‍लेबाज की है (फाइल फोटो)
  • एक छोर को सील कर बैटिंग करना पसंद करते हैं पुजारा
  • टेस्‍ट क्रिकेट के लिहाज से आदर्श है बल्‍लेबाजी की शैली
  • ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में अहम साबित हो सकते हैं पुजारा
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नई दिल्ली: रोहित शर्मा, विराट कोहली और केएल राहुल जैसे एग्रेसिव बैट्समैन के बावजूद टीम इंडिया की टेस्‍ट टीम की कल्‍पना चेतेश्‍वर पुजारा के बिना करना मुश्किल है. गुजरात के इस बल्‍लेबाज की लंगर डालकर बैटिंग करने की शैली क्रिकेट प्रेमियों को आश्‍वस्‍त करती है. मौजूदा टीम इंडिया में पुजारा के अलावा मुरली विजय ही ऐसे बल्‍लेबाज हैं जो एक छोर को सील करके बल्‍लेबाजी पसंद करते हैं. अपनी बल्‍लेबाजी से ये न केवल टीम को सम्‍मानजनक स्‍कोर तक पहुंचाते में भूमिका निभाते हैं बल्कि आक्रामक अंदाज वाले खिलाड़ि‍यों को खुलकर खेलने की आजादी भी देते हैं.

दूसरे शब्‍दों में कहें तो 29 साल के पुजारा की भारतीय टेस्‍ट टीम में भूमिका वही है जो एक समय राहुल द्रविड़ की हुआ करती थी. आप उन्‍हें टीम इंडिया की 'दूसरी दीवार' कह सकते हैं. जिस तरह से सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, वीरेंद्र सहवाग और वीवीएस लक्ष्‍मण जैसे बल्‍लेबाजों की मौजूदगी के बाद भी द्रविड़ के उपयोगिता हमेशा रही, लगभग ऐसा ही मौजूदा टीम में चेतेश्‍वर पुजारा के साथ है. पुजारा की बल्‍लेबाजी की शैली टेस्‍ट क्रिकेट के लिहाज से आदर्श है. राजकोट के इस बल्‍लेबाज ने अब तक 43 टेस्‍ट की  72 पारियों में 49.33 के औसत से 3256 रन बनाए हैं जिसमें 10 शतक शामिल हैं. भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर के विकेटों पर जहां गेंद न केवल काफी उछाल लेती है बल्कि स्विंग भी होती है, चेतेश्‍वर पुजारा पहले क्रम पर बल्‍लेबाजी के लिए आकर अकसर गेंदबाजों के लिए परेशानी का कारण बनते हैं. ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय मैदान पर होने वाली सीरीज के ठीक पहले पुजारा ने ईरानी ट्रॉफी में नाबाद शतक लगाकर अच्‍छे फॉर्म में होने का संकेत दिया है. मिचेल स्‍टॉर्क की अगुवाई वाले ऑस्‍ट्रेलियाई तेज गेंदबाजी आक्रमण के सामने टीम इंडिया की बल्‍लेबाजी का दारोमदार पुजारा पर भी होगा.

25 जनवरी 1988 को गुजरात के राजकोट शहर में जन्‍मे पुजारा को क्रिकेटर बनाने में पिता अरविंद पुजारा का महत्‍वपूर्ण योगदान रहा है. उच्‍च स्‍तर का क्रिकेट खेल चुके अरविंद की अनुशासित कोचिंग ने चेतेश्‍वर को धैर्यवान बल्‍लेबाज बनाया है. पुजारा ने एक बार कहा था कि मां मुझे देश के लिए खेलते देखना चाहती थीं. मेरी मां ने जहां इस बात का ध्यान रखा कि मैं एक अच्छा इंसान बनूं, वहीं मेरे पिता ने मुझे खिलाड़ी बनाने का काम संभाला. पुजारा ने कहा कि मेरे पिता बेहद अनुशासित और सख्त कोच हैं. हम आज भी फोन पर खेल के तकनीकी पक्षों की चर्चा करते हैं.

चेतेश्‍वर पुजारा का इंटरनेशनल रिकॉर्ड
टेस्‍ट 43, पारी 72, नाबाद 6, रन 3256, औसत 49.33, सर्वोच्‍च 206*, शतक 10, अर्धशतक 11
वनडे 5, पारी 5, रन 51, सर्वोच्‍च 27, औसत 10.20, स्‍ट्राइक रेट 39.23

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