Boxing-day history: आंखों में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल (WTC Final) खेलने का सपना पाले टीम रोहित अगले वीरवार से बॉक्सिंग-डे (Boxing-Day) यानी 26 दिसंबर के दिन से चौथे टेस्ट मैच में कंगारुरों से मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) पर भिड़ेगी. पहला टेस्ट मैच जीतने वाली टीम इंडिया से ऑस्ट्रेलिया ने दूसरा टेस्ट जीतकर सीरीज को 1-1 से बराबर कर दिया था, तो पिछले दिनों एडिलेड में भारत मैच को किसी तरह से ड्रॉ कराने में सफल रहा था. और अब करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमियों की नजरें एक बार फिर से अब बॉक्सिंग-डे (26 दिसंबर) पर लग गई हैं. सभी उम्मीद कर रहे हैं कि आखिरी दो टेस्ट में बहुत ही रोमांचक क्रिकेट होगी, तो फैंस भी WTC Final के टिकट की हल्की उम्मीद अभी भी पाले हुए हैं, जो बहुत और बहुत ही मुश्किल काम दिखाई पड़ रहा है. बहरहाल, बात बॉक्सिंग-डे की करते हैं, जो फैंस की जुबां पर चढ़ा रहता है, लेकिन बड़ी संख्या में दुनिया में ऐसे भी क्रिकेटप्रेमी हैं, जिन्हें इसका इतिहास नहीं मालूम है. चलिए आप डिटेल से जानिए कि बॉक्सिंग-डे का क्या इतिहास है, परंपरा की शरुआत कब हुई, क्रिकेट से इसका मिलन कब हुआ. और टीम इंडिया का इस मौके पर खेले जाने वाले मैचों का रिकॉर्ड कैसा रहा.
कुछ ऐसा है इतिहास
बॉक्सिंग-डे ऐसी परंपरा है, जिसका जिक्र ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में साल 1743 से पता चलता है. डिक्शनरी में इसे "क्रिसमस-डे के बाद का दिन", कहा गया है. इसकी शुरुआत इंग्लैंड से हुई और समूचे विश्व में ब्रिटिश साम्राज्य के विस्तार के साथ ही यह फैलता चला गया. इंग्लैंड में साल 1871 से इस दिन को नेशनल हॉली-डे के रूप में मनाया जाता है. आज इंग्लैंड और राष्ट्रकुल देशों जैसे कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड में यह मनाया जाता है. सवाल है कि बॉक्सिंग-डे क्या है? बता दें कि इस परंपरा की शुरुआत कंपनियों और अमीर लोगों द्वारा अपने कर्मचारियों या गरीबों को गिफ्ट देने से हुई. ये गिफ्ट बॉक्स में दिए जाते थे. और इसी से इस दिन का नाम बॉक्सिंग-डे पड़ गया. हालिया सालों में बॉक्सिंग-डे सामाजिक ढांचे और निरंतर आर्थिक प्रगति से पूरी तरह से बदल गया. वहीं, इसका आयोजन देश और जगह विशेष पर अपने-अपने अंदाज में होता है. वर्तमान समय में बॉक्सिंग-डे का महत्व पूरी तरह से शॉपिंग हॉली-डे से जुड़ गया है.
क्रिकेट में बॉक्सिंग-डे !
जहां तक क्रिकेट की बात है, तो साल 1865 में शेफील्ड शील्ड ट्रॉफी के तहत क्रिससम के समय के दौरान विक्टोरिया और न्यू साउथ वेल्स के दौरान मैच खेला गया. क्रिसमस-डे का दिन संपूर्ण मैच के एक दिन में शामिल था. साल 1950-51 एशेज सीरीज में मेलबर्न टेस्ट 22 से 27 दिसंबर तक खेला गया. लेकिन साल 1953 से 1967 तक कोई भी टेस्ट बॉक्सिंग-डे के दिन नहीं खेला गया. साल 1974-75 एशेज सीरीज से बॉक्सिंग-डे से मैच की शुरुआत हुई, लेकिन क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने आधुनिक परंपरा के तहत 1980 से इसे अपने कार्यक्रम में शामिल किया.
मिला-जुला रहा है भारत का रिकॉर्ड
मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में भारत का रिकॉर्ड मिला-जुला रहा है. इस मैदान पर खेले 14 टेस्ट मैचों में भारत ने चार मैचों में जीत दर्ज की है, जबकि आठ में उसे हार का सामना करना पड़ा है. भारत को हालिया जीत साल 2020 में अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में मिली, जब भारत ने स्तब्धकारी हार के बाद वापसी करते हुए मैच जीतकर सीरीज में 1-1 की बराबरी की थी. यह मैच हमेशा रहाणे की आउट-ऑफ-बॉक्स कप्तानी और उनके 112 रन की पारी और पुछल्लों के अहम योगदान के लिए याद किया जाएगा.
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