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This Article is From Nov 10, 2015

पाकिस्तान क्रिकेट को लेकर बदल गए बीसीसीआई के सुर, अब 'ना' से 'हां' की ओर ...

पाकिस्तान क्रिकेट को लेकर बदल गए बीसीसीआई के सुर, अब 'ना' से 'हां' की ओर ...
नई दिल्ली: बीसीसीआई के टॉप बॉस शशांक मनोहर ने दीपावली से पहले बीसीसीआई की सफाई तो तेज कर ही दी है साथ ही भारत-पाकिस्तान क्रिकेट को लेकर भी बीसीसीआई ने अपना सुर बदल दिया है। भारतीय क्रिकेट संघ कम से कम अब इस बारे में सरकार से बात करने की तैयारी में है।

बीसीसीआई के अध्यक्ष शशांक मनोहर ने आईपीएल से कॉन्फ़्लिटक्ट ऑफ इंटरेस्ट यानी हितों के टकराव का मसला तो साफ किया ही, धूमिल छवि वाले एन श्रीनिवासन को आईसीसी से बाहर का रास्ता दिखा कर यह भी साफ कर दिया कि क्रिकेट संघ का रुख पहले से अलग होगा। अध्यक्ष शशांक मनोहर मानते हैं कि भारत और पाक बोर्ड के बीच संवाद की स्थिति हमेशा बनी रहनी चाहिए। शशांक कहते हैं, "दोनों देशों के बीच क्रिकेट का होना इस बात पर निर्भर करता है कि सरकार इस बारे में क्या फैसला लेती है।"

आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन राजीव शुक्ला इस बात की पुष्टि करते हैं कि बीसीसीआई अध्यक्ष भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट को लेकर सकारात्मक सोच रखते हैं। वह भी मानते हैं कि सरकार की सहमति के बाद इस बारे में तेज़ी से काम किया जा सकता है। वे ये भी इशारा करते हैं कि अगर दोनों देशों के बीच क्रिकेट का आयोजन हुआ तो भारत में ही सीरीज का होना मुमकिन नजर आता है।

शशांक मनोहर के बीसीसीआई का अध्यक्ष बनने पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भी दोनों टीमों के बीच क्रिकेट की शुरुआत की थोड़ी उम्मीद बढ़ी है। वैसे हर हाल में ये फैसला दोनों सरकारों के रिश्तों पर ही निर्भर करेगा कि दोनों टीमों के बीच क्रिकेट कैसे, कब और कहां शुरू होगी?

वैसे भारतीय क्रिकेट संघ के कई अधिकारियों ने दोनों देशों के बीच क्रिकेट सीरीज को लेकर अब तक जो रुख अख्तियार कर रखा है ऐसे में सीरीज क्यों हो इसे लेकर दलील देना भी आसान नहीं होगा। पूर्व भारतीय क्रिकेटर कीर्ति आजाद कहते हैं कि आतंकवाद और क्रिकेट की बात एक साथ नहीं की जा सकती। वे ये भी कहते हैं, पाकिस्तान हर बार सीजफायर का उल्लंघन करता रहा है। ऐसे में दोनों टीमों के बीच क्रिकेट के रिश्ते रखने की बात कैसे की जा सकती है?

एक स्थिति यह भी है कि अगर भारत-पाकिस्तान सीरीज हाल में मुमकिन नहीं हो पाती तो टीम इंडिया अगले महीने किसी और सीरीज का कार्यक्रम बना ले। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया की सीरीज 7 दिसंबर को खत्म होगी जबकि टीम को जनवरी में ऑस्ट्रेलिया रवाना होना है।

दोनों टीमों के बीच क्रिकेट मैदान पर एक्शन होने का फैसला यकीनन राजनीति के गलियारों में होगा, क्योंकि
खेल और राजनीति को अलग रखने की बात कई एक्सपर्ट्स सही नहीं मानते। कीर्ति आज़ाद कहते हैं, "अगर राजनीति और खेल को हमेशा अलग रणनीति सही है तो दक्षिण अफ़्रीका को लेकर रंगभेद नीति की वजह से दूसरे देशों ने उनका बहिष्कार क्यों किया था या फिर मॉस्को ओलिंपिक्स का कई देशों ने बहिष्कार क्यों किया?"

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