
पूरा क्रिकेट जगत जानता है कि पाकिस्तानी पूर्व कप्तान इमरान खान और जावेद मियांदाद के क्रिकेट के दिनों में कैसे रिश्ते थे!! बहरहाल, अब इस तत्कालीन रिश्ते को लेकर एक बड़ा सबूत पूर्व दिग्गज बल्लेबाज बासित अली ने दिया है. बासित अली ने कहा है कि साल 1993 में यह इमरान खान ही थे, जिनके कारण जावेद मियांदाद की पाक टीम से छुट्टी कर दी गई थी. बासित अली ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि वसीम अकरम ने कप्तान मिलने के बाद 1992 वर्ल्ड कप विजेता कप्तान के दिशा-निर्देशों का पालन किया. बासित अली ने यह भी स्वीकार किया कि उनकी बैटिंग शैली जावेद मियांदाद जैसी ही थी, लेकिन मियांदाद का एक फीसद भी नहीं हैं!!
— Basit Ali (@BasitAOfficial) April 17, 2020
बासित अली ने कहा कि यह तुलना मियांदाद को टीम से बाहर करने के लिए ही की गई. हातलांकि, बाद में मियांदाद साल 1996 में वसीम की कप्तानी में भारत में खेले गए वर्ल्ड कप के लिए पाक टीम में वापसी करने में सफल रहे थे, लेकिन इससे पहले जब उन्हें ड्रॉप किया गया, तो उसकी साजिश इमरान खान के इशारे पर ही हुई. मेरे और जावेद भाई के बीच मीडिया में तुलना का एक नेरेटिव गढ़ा गया. मुझे अगला जावेद मियांदाद बताया गया और फिर जावेद भाई को साइडलाइन कर दिया गया.
वास्तव में इमरान और जावेद के बीच कई बार टकराव देखने को मिला, लेकिन बेहतरीन बल्लेबाज होने के बावजूद जावेद इमरान खान का बाल बांका भी नहीं कर सके और हर बार उन्हें ही नुकसान झेलना पड़ा. मियांदाद टीम का कप्तान बनना चाहते थे, लेकिन इमरान के रहते कभी जावेद का यह सपना सच नहीं हुआ और होना भी बहुत मुश्किल था. और इमरान को जावेद का एक सीमा से बाहर जाना कभी रास नहीं आया.
बासित ने कहा कि साल 1992 वर्ल्ड कप के बाद इमरान खान ने दो संन्साय ले लिया और ऐसे में अकरम को कप्तान बनाया गया. बासित ने यह भी कहा कि उस समय कुछ पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने अकरम के खिलाफ विद्रोह कर दिया.
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बासित ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि खिलाड़ियों का मानना था कि हर कदम पर वसीम पूर्व कप्तान इमरान के आदेश का पालन कर रहे थे. और इसी बात ने इन खिलाड़ियों को अकरम के नेतृत्व में न खेलने के लिए प्रेरित किया.
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