एक बार फिर चोट के शिकार हुए 'नेहरा जी' का सफ़ल ऑपरेशन...

एक बार फिर चोट के शिकार हुए 'नेहरा जी' का सफ़ल ऑपरेशन...

आशीष नेहरा करियर में कई बार चोट की वजह से बाहर हो चुके हैं (फोटो : BCCI)

आशीष नेहरा इन दिनों लंदन में हैं। मंगलवार को उनके घुटने का ऑपरेशन किया गया और वीवीएस लक्ष्मण ने यह जानकारी ट्विटर पर क्रिकेट फ़ैन्स से शेयर की। आईपीएल के दौरान वह हाई ग्रेड टेंडन इंजरी से जूझते दिखाई दे रहे थे। हालांकि उनके लिए चोट कोई नई बात नहीं है, क्योंकि वह हमेशा अपनी चोटों के कारण ही टीम से बाहर हुए हैं।

सनराइज़र्स हैदराबाद टीम के मेंटर लक्ष्मण ने ट्वीट किया, 'कल (मंगलवार) रात नेहरा जी का लंदन में ऑपरेशन कामयाब रहा। जल्दी ठीक होने के लिए उन्हें शुभकामनाएं. @BCCI @SunRisers #OrangeArmy"
 

 
8 मैच, 9 विकेट
सनराइज़र्स हैदराबाद टीम के 37 वर्षीय आशीष नेहरा ने आईपीएल 9 के 8 मैचों 9 विकेट हासिल किए। नेहरा ने इस दौरान 7.65 की इकोनॉमी रखते हुए 22.11के औसत से गेंदबाज़ी की।

नेहरा आईपीएल 9 में किंग्स इलेवन पंजाब के ख़िलाफ़ मैच में चोटिल दिखाई पड़े थे जिसमें उनकी टीम को 7 विकेट से जीत हासिल हुई थी। बीसीसीआई ने नेहरा को लंदन के मशहूर ऑर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट (हड्डी के स्पेशलिस्ट डॉक्टर) एंड्रयू  विलियम्स से इलाज करवाने की सलाह दी थी। डॉ. एंड्रयू विलियम्स ने उन्हें सर्जरी की सलाह दी।

37 साल के नेहरा इन दिनों शानदार फ़ॉर्म में दिखे हैं। फ़ैन्स जल्दी उनकी वापसी की दुआ करेंगे। 120 घरेलू टी-20 मैचों में नेहरा के नाम 146 विकेट हैं।

चोट से रहे परेशान, फिर भी हार नहीं मानी
नेहरा का प्रदर्शन हमेशा ही अच्छा रहा है। वे ज्यादातर चोट की वजह से बाहर हुए हैं और फिर किसी अन्य ने उनकी जगह ले ली। उनकी कमर, एंकल, अंगुली, हाथ, पसलियों सभी जगह चोट लग चुकी है। उन्होंने अपना अंतिम वनडे 2011 वर्ल्ड कप के सेमाफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ मोहाली में खेला था और उसमें कमाल की गेंदबाजी की थी। उस अतिमहत्वपूर्ण मैच में उन्होंने 10 ओवर में 33 रन देकर 2 विकेट लिए थे और टीम इंडिया को फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी। हालांकि इस दौरान वे चोटिल हो गए और मुंबई में हुए फाइनल में नहीं खेल पाए। इसके बाद उनकी वापसी कठिन हो गई। वे इंतजार करते रहे, लेकिन चयनकर्ताओं ने उन पर ध्यान नहीं दिया। फिर भी नेहरा ने सोच को पॉजिटिव रखा और कोशिश जारी रखी। 2011 के बाद से चयनकर्ताओं ने नेहरा को छोड़कर वनडे और टी-20 में लगभग 19 गेंदबाजों को आजमाया। नेहरा ने कुछ मौकों पर कहा भी कि पता नहीं क्यों चयनकर्ता उन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं, जबकि अन्य गेंदबाजों की तुलना में उनका रिकॉर्ड बेहतर है। बाद में उन्हें टी-20 वर्ल्ड कप, 2016 में खेलने का मौका मिला।

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