नई दिल्ली: बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को सभी राज्य संघों को भावनात्मक पत्र लिखकर कहा कि ‘आईपीएल के खिलाफ हाल में की गई टिप्पणियों को देखते हुए सभी सदस्यों को मिलकर यह फैसला करना होगा कि क्या इस खेल टूर्नामेंट को रोक देना चाहिए.’
ठाकुर ने लिखा है कि वह ‘आईपीएल को लेकर की गई तल्ख टिप्पणियों से आहत हैं.’ उन्होंने अपने पत्र में आईपीएल से बीसीसीआई को हुए वित्तीय फायदे का भी जिक्र किया है. ठाकुर ने लिखा, ‘पिछले नौ वर्षों में राज्य संघों को आईपीएल से हुए लाभ के कारण 2406 करोड़ रुपये मिले. बीसीसीआई ने आईपीएल के लाभांश से पूर्व क्रिकेटरों में एकमुश्त लाभ के आधार पर 110 करोड़ रुपये वितरित किए.’
ठाकुर ने इसके साथ ही केपीएमजी के अध्ययन का जिक्र किया जिसके अनुसार, ‘आईपीएल 2015 का भारतीय अर्थव्यवस्था पर 2650 करोड़ रुपये का आर्थिक प्रभाव रहा और इसके साथ ही इसने सीधे और परोक्ष रूप से कई लोगों को रोजगार मुहैया कराया. भारतीय जीडीपी में इसका योगदान 1150 करोड़ रुपये रहा.’ बीसीसीआई अध्यक्ष ने कहा कि आईपीएल ने नौ वर्षों में विभिन्न करों के रूप में 2244 करोड़ रुपये का भुगतान किया.
अनुराग ने कहा, '2008 में शुरुआत से ही आईपीएल तेजी से खेल जगत में छा गया. पूरी दुनिया में यह सर्वाधिक देखा जाने वाला क्रिकेट लीग टूर्नामेंट है और पूरी दुनिया में सर्वाधिक लोकप्रिय टूर्नामेंटों में छठे स्थान पर है. ट्विटर के अनुसार, यह सर्वाधिक तेजी से विकसित होने वाला लीग टूर्नामेंट है.'
उल्लेखनीय है कि अनुराग ठाकुर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब सर्वोच्च न्यायालय बीसीसीआई पर लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने का दबाव डाल रहा है. लोढ़ा समिति की सिफारिशों में आईपीएल से 15 दिन पहले और 15 दिन बाद तक विंडो सत्र रखने के लिए कहा है, जबकि इंग्लैंड में अगले वर्ष चैम्पियंस ट्रॉफी होने वाली है.
चैम्पियंस ट्रॉफी अगले वर्ष 1-18 जून के बीच होनी है, जबकि आईपीएल मई के आखिरी सप्ताह में समाप्त होगी. बीसीसीआई इससे पहले चेतावनी भी दे चुका है कि यदि लोढ़ा समिति की सिफारिश को पूरी तरह माना जाए तो भारतीय टीम या तो चैम्पियंस ट्रॉफी में खेल पाएगी या भारतीय खिलाड़ी आईपीएल में हिस्सा ले पाएंगे.