प्रतीकात्मक फोटो
मुंबई:
दाल के बढ़े दामों के पीछे घोटाले का शक जताते हुए मुंबई उपभोक्ता मंच ने इसकी सीबीआई जांच की मांग की है। उपभोक्ताओं के हक की लड़ाई लड़ने वाला यह संगठन दावा कर रहा है कि दाल के बढ़े दामों का घोटाला चार हजार करोड़ रुपये का है।
मुंबई ग्राहक पंचायत ने मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी
मुंबई ग्राहक पंचायत ने बीजेपी सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को खत लिखकर अपनी चिंता जाहिर की है। NDTV इंडिया से बात करते हुए मुम्बई ग्राहक पंचायत के अध्यक्ष एवं उपभोक्ता मामलों के वकील एडवोकेट शिरीष देशपांडे ने दावा किया कि दाल की कीमत बढ़ने की आशंका जताते हुए बार-बार केंद्र सरकार ने तमाम राज्य सरकारों को हिदायत दी थी कि वे इस पर तुरंत कदम उठाएं। महाराष्ट्र सरकार इस मामले में फेल हुई है। आज भी राज्य में तुअर की दाल 170 से 235 रुपए किलो बिक रही है।
प्रति किलोग्राम सौ रुपये से अधिक की मुनाफाखोरी
देशपांडे के अनुसार, महाराष्ट्र में प्रतिदिन 8 हजार टन दाल की खपत होती है। किसानों से 44.50 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदी गई दाल में 110 रुपए प्रतिकिलो की न्यूनतम मुनाफाखोरी भी पकड़ें तो इस साल के जुलाई से नवम्बर इन पांच महीनों में मुनाफाखोरी का यह आंकड़ा 4268 करोड़ रुपए तक जा रहा है। सीबीआई यह जांच करे कि इतना मुनाफा किसने कमाया?
दावे झूठे साबित होने के बाद चुप्पी
वैसे महाराष्ट्र के खाद्य एवं आपूर्ती मंत्री गिरीश बापट की लगातार की गई बयानबाजी दाल के दामों को लेकर संदेह पैदा कर चुकी है। उन्होंने इस मामले पर पूर्ण विफल हो जाने के बाद अब चुप्पी साध ली है। बापट कभी राज्य में दाल के दाम 100 रुपये प्रति किलो होने का दावा कर रहे थे।
मुंबई ग्राहक पंचायत ने मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी
मुंबई ग्राहक पंचायत ने बीजेपी सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को खत लिखकर अपनी चिंता जाहिर की है। NDTV इंडिया से बात करते हुए मुम्बई ग्राहक पंचायत के अध्यक्ष एवं उपभोक्ता मामलों के वकील एडवोकेट शिरीष देशपांडे ने दावा किया कि दाल की कीमत बढ़ने की आशंका जताते हुए बार-बार केंद्र सरकार ने तमाम राज्य सरकारों को हिदायत दी थी कि वे इस पर तुरंत कदम उठाएं। महाराष्ट्र सरकार इस मामले में फेल हुई है। आज भी राज्य में तुअर की दाल 170 से 235 रुपए किलो बिक रही है।
प्रति किलोग्राम सौ रुपये से अधिक की मुनाफाखोरी
देशपांडे के अनुसार, महाराष्ट्र में प्रतिदिन 8 हजार टन दाल की खपत होती है। किसानों से 44.50 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदी गई दाल में 110 रुपए प्रतिकिलो की न्यूनतम मुनाफाखोरी भी पकड़ें तो इस साल के जुलाई से नवम्बर इन पांच महीनों में मुनाफाखोरी का यह आंकड़ा 4268 करोड़ रुपए तक जा रहा है। सीबीआई यह जांच करे कि इतना मुनाफा किसने कमाया?
दावे झूठे साबित होने के बाद चुप्पी
वैसे महाराष्ट्र के खाद्य एवं आपूर्ती मंत्री गिरीश बापट की लगातार की गई बयानबाजी दाल के दामों को लेकर संदेह पैदा कर चुकी है। उन्होंने इस मामले पर पूर्ण विफल हो जाने के बाद अब चुप्पी साध ली है। बापट कभी राज्य में दाल के दाम 100 रुपये प्रति किलो होने का दावा कर रहे थे।
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