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थोक महंगाई दर जून में गिरकर 14 महीने के निचले स्तर -0.13 प्रतिशत पर रही

Wholesale Inflation Rate 2025: सरकार द्वारा जारी किए गए डेटा के अनुसार, खाद्य उत्पादों की कीमतों में तेज गिरावट WPI में आई इस बड़ी गिरावट की मुख्य वजह है. जून में खाद्य महंगाई दर -3.75% रही, जबकि मई में यह -1.56% थी.

थोक महंगाई दर जून में गिरकर 14 महीने के निचले स्तर -0.13 प्रतिशत पर रही
Wholesale Inflation Rate India in June 2025: मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की पिछली बैठक के बाद RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महंगाई का अनुमान 4% से घटाकर 3.7% कर दिया था.
  • जून 2025 में थोक महंगाई दर यानी WPI -0.13 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो इस वर्ष का पहला नकारात्मक स्तर और पिछले चौदह महीनों का सबसे कम स्तर है.
  • खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेज गिरावट के कारण जून में खाद्य महंगाई दर -3.75 प्रतिशत रही, जो मई के -1.56 प्रतिशत से अधिक कम हुई है.
  • सब्जियों की महंगाई दर जून में -22.65 प्रतिशत रही, जबकि आलू और प्याज जैसी जरूरी सब्जियों की कीमतें क्रमशः -32.67 और -33.49 प्रतिशत घट गईं.
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नई दिल्ली:

थोक महंगाई दर यानी Wholesale Price Index (WPI) आधारित महंगाई जून 2025 में गिरकर -0.13 प्रतिशत पर पहुंच गई है. यह इस साल का पहला मौका है जब WPI महंगाई नकारात्मक ज़ोन में गई है और यह पिछले 14 महीनों का सबसे निचला स्तर भी है. इससे पहले मई में यह दर 0.39 प्रतिशत थी. यह आंकड़े केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने सोमवार, 14 जुलाई को जारी किए.

खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बड़ी गिरावट

सरकार द्वारा जारी किए गए डेटा के अनुसार, खाद्य उत्पादों की कीमतों में तेज गिरावट WPI में आई इस बड़ी गिरावट की मुख्य वजह है. जून में खाद्य महंगाई दर -3.75% रही, जबकि मई में यह -1.56% थी.

  • सब्जियों की महंगाई दर भी मई के -21.62 प्रतिशत से घटकर जून में -22.65 प्रतिशत पहुंच गई.
  • दालों की महंगाई दर जून में -14.09 प्रतिशत, अंडे, मांस और मछली की दर -0.29 प्रतिशत रही, जो मई में -1.01 प्रतिशत थी.
  • आलू और प्याज जैसी जरूरी सब्जियों की महंगाई दर भी काफी घट गई, जो जून में क्रमशः -32.67% और -33.49% रही.

प्राथमिक वस्तुएं और ईंधन भी सस्ते हुए

  • प्राथमिक वस्तुओं की महंगाई दर भी पिछले महीने के -2.02% से गिरकर जून में -3.38% हो गई.

  • वहीं, ईंधन और बिजली की महंगाई दर जून में -2.65% रही, जो मई में -2.27% थी.
  • हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग उत्पादों में महंगाई दर 1.97% दर्ज की गई है.

आरबीआई ने घटाया महंगाई का अनुमान, स्थिरता का संकेत

मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की पिछली बैठक के बाद RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महंगाई का अनुमान 4% से घटाकर 3.7% कर दिया था.

गवर्नर के अनुसार, पिछले छह महीनों में महंगाई में लगातार नरमी देखी गई है और यह अक्टूबर 2024 के सहनशीलता दायरे से नीचे आ चुकी है. उन्होंने यह भी कहा कि निकट और मध्यम अवधि में महंगाई में स्थिरता के संकेत मिल रहे हैं, और यह पूरे वर्ष लक्ष्य से कुछ कम बनी रह सकती है.

आने वाले समय में महंगाई नियंत्रण से आम लोगों को राहत

जून में थोक महंगाई दर में आई गिरावट से यह साफ है कि खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बड़ी राहत मिली है. हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग और अन्य क्षेत्रों में कीमतें स्थिर बनी हुई हैं. RBI के अनुमान भी दर्शाते हैं कि आने वाले समय में महंगाई नियंत्रण में रह सकती है, जो आम लोगों की जेब के लिए एक राहत की खबर है.

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