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This Article is From Jun 17, 2024

बेहद अहम और करीबी हैं भारत-भूटान संबंध, जिन्हें आगे बढ़ाएगा अदाणी समूह

अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा, अदाणी समूह भूटान में हाइड्रो और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर मिलकर काम करने के लिए उत्सुक है...

Adani Group के चेयरमैन गौतम अदाणी ने थिम्पू में भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे से मुलाकात की...

अदाणी समूह (Adani Group) के चेयरमैन गौतम अदाणी (Gautam Adani) ने रविवार को थिम्पू में भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक (Jigme Khesar Namgyel Wangchuck) और प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे (Dasho Tshering Tobgay) से मुलाकात की. उन्होंने इस दौरान भूटान में 570 मेगावॉट के ग्रीन हाइड्रो प्लांट निर्माण के लिए समझौते पर हस्ताक्षर की भी घोषणा की, और पड़ोसी देश में बुनियादी ढांचे के विकास में सहयोग करने की बात कही. उन्होंने कहा, अदाणी समूह भूटान में हाइड्रो और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर मिलकर काम करने के लिए उत्सुक है.

क्यों अहम है भारत-भूटान रिश्ते...?

दरअसल, भारत और भूटान का रिश्ता बेहद अहम है, क्योंकि भूटान हमारा पड़ोसी देश तो है ही, उसकी सीमाएं भारत के साथ-साथ चीन से भी लगती हैं. इसलिए भूटान सामरिक दृष्टि से बेहद अहम जगह पर है, इसलिए चीन को मद्देनज़र रखते हुए भूटान कूटनीतिक संतुलन में मददगार देश है. इसके अलावा, भूटान 'ग्लोबल साउथ' को लेकर भारत और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल का पुरज़ोर समर्थन भी करता है, और दोनों देशों के बीच ऊर्जा, अंतरिक्ष, कृषि और डिजिटल सेक्टर में सहयोग जारी है.

भारत-भूटान के बीच व्यापार...

यही नहीं, भारत और भूटान के बीच व्यापारिक संबंध भी बहुत अच्छे हैं, और भारत लगातार भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश की सत्ता में आने के बाद से (वर्ष 2014 से) दोनों देशों के बीच व्यापार तीन गुना हो चुका है. वर्ष 2014-15 में दोनों मुल्कों के बीच 48.4 करोड़ अमेरिकी डॉलर का व्यापार हुआ था, जो 2022-23 में बढ़कर 161.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर का हो गया. इसके अलावा, भारत ही भूटान में सबसे ज़्यादा निवेश करने वाला देश है, और भूटान के कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में भारत का हिस्सा 50 फ़ीसदी है. भूटान में फिलहाल लगभग 30 FDI कंपनियां मौजूद हैं, जो बैंकिंग और मैन्युफ़ैक्चरिंग समेत कई क्षेत्रों में काम कर रही हैं. भूटान में फ़िलहाल लगभग 50,000 भारतीय कामगार भी मौजूद हैं.

भारत-भूटान पनबिजली सहयोग...

पनबिजली के क्षेत्र में भारत और भूटान के बीच सहयोग भी लम्बे समय से चल रहा है. भारत अब तक भूटान में चार परियोजनाओं का निर्माण कर चुका है, जिनसे 2136 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होता है. इनके अतिरिक्त 1020-1020 मेगावॉट की दो परियोजनाओं का निर्माणकार्य जारी है, जिनमें से एक परियोजना में वर्ष 2024 में ही बिजली उत्पादन शुरू हो जाने की उम्मीद है.

ऐसे नज़दीक आते गए भारत-भूटान...

दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाए रखने के लिए मौजूदा केंद्र सरकार भी लगातार प्रयासरत रही है. वर्ष 2014 में चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पहली विदेश यात्रा के तौर पर भूटान ही गए थे. इसके बाद, 2019 में दूसरी बार चुनाव जीतने के बाद भी वह अगस्त, 2019 में भूटान दौर पर गए. हाल ही में मार्च, 2024 में भी PM मोदी भूटान की यात्रा पर गए थे. दूसरी ओर, भूटान ने भी भारत से रिश्तों को बहुत अहमियत दी है, और वर्ष 2021 में PM नरेंद्र मोदी को भूटान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो' से सम्मानित किया गया था, और गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूटान का यह सर्वोच्च सम्मान पाने वाले पहले विदेशी नागरिक हैं. वर्ष 2014 के बाद से PM मोदी के तीनों शपथग्रहण समारोहों में भूटान के नेतृत्व ने भाग लिया, जो भारत-भूटान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को प्रदर्शित करने के लिए पर्याप्त सबूत है.

(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)

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