प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
फिक्की ने सरकार से आगामी बजट में इस्पात के सभी उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने की मांग की है क्योंकि विश्व के सबसे बड़े इस्पात उत्पादक और उपभोक्ता, चीन में मांग घटी है। उद्योग मंडल ने कहा कि चीन में मांग में कमी के मद्देनजर वह सस्ते मूल्य पर इस्पात की डंपिंग कर रहा है।
फिक्की ने कहा, ‘‘आम बजट 2016-17 में सभी इस्पात उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाकर 25 प्रतिशत करना चाहिए।’’ उद्योग मंडल ने कहा, ‘‘अंतरिम पहल के तौर पर हमने सुझाव दिया है कि सभी इस्पात उत्पादों पर सीमा शुल्क तुरंत प्रभाव से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जाए।’’
फिक्की ने कहा कि छड़ और चादर जैसे उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने की जरूरत है ताकि घरेलू उद्योग के लिए कारोबार के समान अवसर प्रदान किए जा सकें जो बढ़ते आयात से बुरी तरह प्रभावित है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
फिक्की ने कहा, ‘‘आम बजट 2016-17 में सभी इस्पात उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाकर 25 प्रतिशत करना चाहिए।’’ उद्योग मंडल ने कहा, ‘‘अंतरिम पहल के तौर पर हमने सुझाव दिया है कि सभी इस्पात उत्पादों पर सीमा शुल्क तुरंत प्रभाव से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जाए।’’
फिक्की ने कहा कि छड़ और चादर जैसे उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने की जरूरत है ताकि घरेलू उद्योग के लिए कारोबार के समान अवसर प्रदान किए जा सकें जो बढ़ते आयात से बुरी तरह प्रभावित है।
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