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बीजेपी नेता सर्वानंद सोनोवाल बने असम के मुख्यमंत्री
हम असम को एक विकसित राज्य बनाएंगे। जिस तरह आपने हमें अपार बहुमत से जिताया, उम्मीद है हमें अपने कार्यकाल के दौरान भी आपका समर्थन मिलेगा : सर्बानंद सोनोवाल
रैली को संबोधित करते हुए सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, कृपया हमें आशीर्वाद दें ताकि हम काम कर सकें। तरुण गोगोई, प्रफुल्ल कुमार महंत और सभी कैबिनेट सदस्यों का स्वागत है। यह बीजेपी के लिए ऐतिहासिक क्षण है।
आदिवासी समुदाय से संबंध रखने वाला और समाज की सेवा के लिए खुद को समर्पित कर देने वाला एक नेता अब असम का मुख्यमंत्री होगा : पीएम नरेंद्र मोदी
मुझे यकीन है कि सर्बानंद सोनोवाल असम की सेवा करेंगे और असम के परिवर्तन के लिए कठिन परिश्रम करेंगे। उनकी टीम भी यही करेगी : असम में पीएम नरेंद्र मोदी
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'सर्बानंद सोनोवाल की बॉडी लेंग्वेज सादगी से भरपूर है। उन्होंने कहा 'जो राज्य प्रगति करना चाहते हैं उन्हें पूरा सहयोग देना हमारा काम है। कंधे से कंधा मिलाकर राज्य और देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे।'
I am sure that Sarbananda ji will leave no stone unturned for the development of Assam: PM Modi in Guwahati pic.twitter.com/4ZduuNnd7Q
- ANI (@ANI_news) May 24, 2016
I want to thank people of Assam for giving Sarbananda ji and his ministers an opportunity to serve Assam: PM Modi pic.twitter.com/OdY2R1Wrey
- ANI (@ANI_news) May 24, 2016
'मोदी मोदी' के नारे के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित करने के लिए असमिया भाषा का भी प्रयोग किया।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इस मौके पर कहा कि अब सचमुच असम में विकास हो सकता जिससे यह राज्य पिछले एक दशक से वंचित था। यहां एनडीए के 14 मुख्यमंत्री हैं और हमें खुशी है कि बीजेपी का ही एक मुख्यमंत्री असम का नेतृत्व करने जा रहा है।
इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 'असम में इतिहास रचा गया है। आपने बीजेपी के हाथ में सत्ता सौंपी है। जिस भी राज्य में बीजेपी-एनडीए की सरकार है, वहां तेज गति से विकास हुआ है। मैं यह विश्वास के साथ कह सकता हूं कि असम भी तेज गति से तरक्की करेगा।'
कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लने के बाद रैली को संबोधित करते बीजेपी नेता हिमंत बिश्व सरमा।
शपथग्रहण समारोह के दौरान लोगों को संबोधित करते आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू।
शपथ ग्रहण समारोह में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करते असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल।
असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिेंह चौहान के साथ।
शपथ लेने वालों में परिमल शुक्ल वैद्य ने भी मंत्री पद की शपथ ली है।
प्रमिला रानी ब्रह्मा ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। आज मंत्रिमंडल में कुल 10 मंत्रियों ने शपथ ली। इस में 6 बीजेपी के और 4 सहयोगी दलों के नेता हैं।
पीएम की मौजूदगी में असम के सीएम पद की शपथ लेते सर्वानंद सोनोवाल...
सोनोवाल के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री पहुंचे... पीएम सभी से मिलते हुए...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और असम के राज्यपाल पीबी आचार्य।
सर्वानंद सोनोवाल के इस शपथग्रहण समारोह में पूर्व सीएम तरुण गोगोई भी मौजूद थे।
मुख्ममंत्री सर्वानंद सोनोवाल के साथ हेमंत विश्व शर्मा ने भी मंत्री पद की शपथ ली है।
बीजेपी नेता सर्वानंद सोनोवाल ने असम के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।
इस समारोह में मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, गुजरात की सीएम आनंदीबेन पटेल, राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया भी शामिल हो रहे हैं।
दिल्ली से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल के कई मंत्री जिनमें रेलमंत्री सुरेश प्रभु, नितिन गडकरी भी मौजूद हैं।
शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बाद, आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू और कई केंद्रीय मंत्री मौजूद हैं।
हिमांता बिस्वा सरमा समेत 10 मंत्रियों के साथ सोनोवाल शपथ लेंगे। बिस्वा कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए थे और इन चुनावों में वह अहम रणनीतिकार साबित हुए। इसमें छह मंत्री बीजेपी से और चार गठबंधन दलों से होंगे। इनमें से दो एजीपी और दो बीपीएफ से होंगे। शपथ ग्रहण समारोह 4.30 बजे होगा।
इस समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई भी शिरकत करेंगे। उन्होंने असम में 15 साल तक राज किया। 53 साल के सोनोवाल ने 80 साल के गोगोई को निजी तौर पर निमंत्रण भेजा था और उनका आशीर्वाद मांगा था।
सोनोवाल ने एनडीटीवी से खास बातचीत करते हुए कहा कि मैं लोगों के प्यार और दुआओं की वजह से यहां हूं। पीएम मोदी का इस समारोह में शिरकत करना असम की जनता और मेरे लिए सम्मान की बात है। इससे पता चलता है कि पीएम मोदी असम को दिल से प्यार करते हैं।
नॉर्थ ईस्ट में पहली बीजेपी सरकार बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और कई केंद्रीय मंत्री पहुंच रहे हैं। असम में आज सर्बानंद सोनोवाल मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं।
सर्वानंद के नेतृत्व में मिली असम की इस बड़ी कामयाबी के साथ बीजेपी ने पूर्वोत्तर के किसी राज्य में पहली बार जीत हासिल की है।
बीजेपी के दूसरे नेताओं की ही तरह अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों को लेकर सर्वानंद सोनोवाल का रुख बेहद सख्त है और वे बांग्लादेशियों की भारत में 'घुसपैठ' का मसला सुप्रीम कोर्ट में भी उठा चुके हैं।
सर्वानंद की गिनती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खास सिपहसालारों में की जाती है। पीएम खुद कह चुके हैं कि सर्वानंद के सीएम बनने की स्थिति में यह असम का 'गेन' होगा और केंद्रीय कैबिनेट का एक काबिल मंत्री 'गंवाने' के तौर पर मेरा 'लॉस'।
सोनोवाल के पास एलएलबी की डिग्री है। अपने एक दशक से अधिक के सियासी करियर के दौरान उनकी छवि साफसुथरी रही है और कभी भी उनका नाम विवादों में नहीं आया।
सर्वानंद सोनोवाल असम के कछारी जनजातीय समुदाय से आते हैं। उन्हें 'जातीय नायक' भी कहा जाता है। यह उपमा उन्हें राज्य के सबसे पुराने छात्र संगठन AASU ने दी थी।
वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में एनडीए की सरकार आने के बाद सर्वानंद सोनोवाल को खेल मंत्री बनाया गया। सोनोवाल खेलों के अच्छे जानकार हैं।
2014 के लोकसभा चुनाव में सर्वानंद ने असम की लखीमपुर सीट से जीत हासिल की जबकि इस विधानसभा चुनाव में वे माजुली से उम्मीदवार थे। गौरतलब है कि माजुली असम का लोकप्रिय पर्यटक स्थल भी है लेकिन यहां बुनियादी सुविधाओं के लिए हर रोज जूझना पड़ता है। ब्रह्मपुत्र नदी में बार-बार आने वाली बाढ़ के कारण कई बार यह क्षेत्र देश के बाकी हिस्सों से अलग-थलग हो जाता है।
एजीपी की सीनियर लीडरशिप के रवैये से नाखुश होकर सर्वानंद 2011 में बीजेपी में शामिल हुए। असम में किसी असरदार चेहरे की तलाश कर रही बीजेपी ने उन्हें हाथों हाथ लिया। वे असम बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं।
वर्ष 2004 में उन्होंने पहली बार लोकसभा में एंट्री की। तब उन्होंने डिब्रूगढ़ से कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन सिंह घटोवार को पराजित किया था।
54 वर्षीय सर्वानंद की गिनती असम के युवा तेजतर्रार नेताओं में होती है। उनका जन्म डिब्रूगढ़ जिले के दिनजन में 31 अक्टूबर 1962 को हुआ। वे 1992 से 1999 तक आल असम स्टूडेंट यूनियन (AASU) के अध्यक्ष रहे। बाद में असम गण परिषद (एजीपी) की सदस्य रहे। 2001 में वे पहली बार इस पार्टी से विधायक बने।