आखिर यह सब क्यों आरोप लगाने वाले कहते हैं कि हिमाचल और गुजरात के घोषणा के बीच 12 दिनों का अंतर था और इस बीच प्रधानमंत्री ने गुजरात में 2000 हजार करोड़ की योजनाओं की घोषणा कर दी जिसमें किसानों को ज़ीएसटी में राहत के साथ फेरी सेवा, दो फ्लाईओवर, पाटीदारों के खिलाफ 468 मुकदमों की वापसी जैसी चीजें थी. इसके बाद शुरू होती है असली जंग की शुरुआत.
अभी तक बीजेपी नेताओं को लगता था कि प्रधानमंत्री और अमित शाह की जोड़ी के सामने कोई नहीं टिक सकता. मगर तभी राहुल गांधी की एंट्री होती है. गुजरात में वो भी द्वारका मंदिर से पूजा करने के बाद.
जाहिर है यह सब बीजेपी को चिढ़ाने के लिए किया गया है फिर राहुल गांधी इस बार बैलगाड़ी पर बैठ गए अपनी गाड़ी छोड़ कर, दूसरी में बैठ गए. एक पत्थर भी उनकी गाड़ी पर लगा तो खबर और बड़ी हो गई. इस सब के बीच राहुल के ट्वीट भी सुर्ख़ियों में रहने लगे. सबसे पहला ट्वीट जिसने सुर्खियां बटोरी वह था ज़ीएसटी यानि गब्बर सिंह टैक्स. ये पैसे मुझे दे दे. फिर आया डॉ जेटली नोटबंदी और ज़ीएसटी से अर्थव्यस्था आसीयू में है. आप कहते हैं आप किसी से कम नहीं, मगर आपकी दवा में दम नहीं. एक और आया मित्रों शाह जादों के बारे में ना बोलूंगा ना बोलने दूंगा.
मोदीजी, आपकी पार्टी 22 साल से यहां सरकार में है और अब आप कहते हैं कि 2022 तक आप गुजरात से गरीबी मिटा देंगे pic.twitter.com/cdWtZt1tqV
— Office of RG (@OfficeOfRG) October 11, 2017
मैं अब आपको उनकी अगली लाइन बताता हूँ, 2025 तक मोदीजी गुजरात के हर व्यक्ति को चाँद पर जाने के लिए Rocket देंगे
— Office of RG (@OfficeOfRG) October 11, 2017
लोग हैरान थे कि खास कर बीजेपी वाले की पप्पू को क्या हो गया क्योंकि अभी तक सोशल मीडिया पर बीजेपी का कब्ज़ा था जिसमें राहुल गांधी ने सेंध लगा दी थी. राहुल के 3 दिनों के गुजरात दौरे के बाद से बीजेपी नेता दबी जुबान में कहने लगे थे कि 150 की कोशिश तो जारी है मगर 115 भी बुरा नहीं है. बीजेपी अपनी रणनीति बदलने में लग गई. अमित शाह को घर-घर जाकर वोट मांगने का कार्यक्रम बनाना पड़ा. आने वाले दिनों में मंत्रियों की फ़ौज गुजरात भेजी जाएगी, मगर सबसे बड़ा सवाल है यह सब होने पर कैसे लगा.मित्रों, शाह-जादे के बारे में ना बोलूंगा, ना बोलने दूंगाhttps://t.co/y9QlHFHFHS
— Office of RG (@OfficeOfRG) October 20, 2017
Madam Chief Minister, with all humility we are in the 21'st century. It's 2017, not 1817. https://t.co/ezPfca2NPS
— Office of RG (@OfficeOfRG) October 22, 2017
Congress GST= Genuine Simple Tax
— Office of RG (@OfficeOfRG) October 24, 2017
Modi ji's GST= Gabbar Singh Tax =''ये कमाई मुझे दे दे"
डॉ जेटली, नोटबंदी और GST से अर्थव्यवस्था ICU में है।
— Office of RG (@OfficeOfRG) October 26, 2017
आप कहते हैं आप किसी से कम नहीं,
मगर आपकी दवा में दम नहीं
Real wages stagnant for 3 yrs,bank lending lowest in 60yrs,Inequality highest in 100yrs.In Modiji's words,this is a MMD(Modi Made Disaster) https://t.co/X3NicY3fK1
— Office of RG (@OfficeOfRG) October 26, 2017
शाह-जादा की 'अपार सफलता' के बाद भाजपा की नई पेशकश - अजित शौर्य गाथाhttps://t.co/9YwOp1EoM8
— Office of RG (@OfficeOfRG) November 4, 2017
दरअसल राहुल ने इस बार कांग्रेस के 'खाम हज' पर मेहनत करने की ठानी. इसमें क्षेत्रिय हरिजन आदिवासी और मुस्लिम का गठबंधन होता था. इस फॉर्मूले पर कांग्रेस ने गुजरात में सालों तक राज़ किया. यही वजह है कf राहुल गांधी का पहला दौरा उन्हीं इलाकों में हुआ, जहाँ आदिवासी और पिछड़े अधिक थे. यहां पर जेडीयू विधायक छोटू भाई वसावा ने भी मदद की. यह वही है जिनके वोट की वजह से अहमद पटेल राज्यसभा का चुनाव जीते थे. दूसरी ओर जिग्नेश मेवाणी जो कि दलित हैं और अल्पेश ठाकोर जो कि पिछड़ी जाति से आते हैं को कांग्रेस ने अपनी ओर करना शुरू किया और अंत में हार्दिक पटेल चुनाव में हवा बनाने के लिए इतना काफी होता है. क्योंकि पटेल हमेशा से बीजेपी के वोटर रहे हैं. भले ही केशु भाई और नरेंद्र मोदी में मतभेद रहे हों मगर वोट बीजेपी को ही जाता रहा है. और अंत में कांग्रेस को लगता है कि गुजरात में नतीजे जो भी हों यदि बीजेपी 115 के नीचे रहती है तो यह राहुल की जीत होगी और यह काफी होगा राहुल गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने के लिए और फिर इसी नोटबंदी और ज़ीएसटी के सहारे 2019 की तैयारी में जुटा जाएगा. देखते हैं 'पप्पू' पास हो पाता है या नहीं...
(मनोरंजन भारती एनडीटीवी इंडिया में सीनियर एक्जीक्यूटिव एडिटर - पॉलिटिकल, न्यूज हैं.)
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