आजकल दो नाम काफी चर्चा में हैं पीवी सिंधु और नवजोत सिंह सिद्धू... पीवी सिंधु ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर चर्चा का विषय बनी हुई हैं, और नवजोत सिंह सिद्धू आम आदमी पार्टी में जाएंगे या नहीं, यह चर्चा का विषय है... पिछले कुछ दिनों में भारतीय क्रिकेट टीम को लेकर इतनी चर्चा नहीं हुई है, जितनी पूर्व क्रिकेटर और राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर हुई है... कभी सलामी बल्लेबाज के रूप में आक्रामक खेल खेलने वाले सिद्धू अच्छे 'फॉर्म' में तो नज़र आ रहे हैं, लेकिन उन्हें अपने 'टीम' का 'कप्तान' बनाने के लिए कोई तैयार नहीं है... इसी वजह से हमेशा आगे बढ़कर खेलने वाले, फ्रंटफुट पर छक्के ठोकने वाले सिद्धू बैकफुट पर चल रहे हैं, पूरी तरह डिफेंसिव मूड में दिख रहे हैं...
जी हां, कुछ दिन पहले जब नवजोत सिंह सिद्धू ने बीजेपी के राज्यसभा सांसद के रूप में इस्तीफ़ा दिया था, पूरी तरह उम्मीद की जा रही थी कि वह आम आदमी पार्टी का हाथ थाम लेंगे... उनके इस्तीफ़े के कुछ समय बाद आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता ने बातों-बातों में यह इशारा कर भी दिया था कि सिद्धू पार्टी से जुड़ रहे हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी उन्हें पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाएगी या नहीं, इस सवाल पर सब चुप थे...
सच यह भी है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू ने कभी भी आम आदमी पार्टी में जाने की पुष्टि नहीं की... राज्यसभा सांसद के रूप में इस्तीफ़ा देने के बाद सिद्धू ने कॉन्फ्रेंस में बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा था कि वह बीजेपी के रवैये से दुःखी हैं... उनका दावा था कि बीजेपी के कुछ बड़े नेता उन्हें पंजाब से दूर रखना चाहते हैं, लेकिन उनके लिए कोई भी पार्टी पंजाब से बड़ी नहीं है... जब आम आदमी पार्टी में शामिल होने को लेकर सिद्धू से सवाल पूछा गया, तो वह पूरी तरह चुप रहे थे... इतना ही नहीं, सिद्धू के बारे में कई बार बयान दे चुकीं उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने भी कभी आम आदमी पार्टी में जाने की ख़बरों की पुष्टि नहीं की... नवजोत कौर ने अपने हर इंटरव्यू में यही कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू और वह खुद अकाली शासन से खुश नहीं हैं... उनका कहना था कि अकालियों ने पंजाब के लिए कुछ नहीं किया... लेकिन गौरतलब यह है कि सिद्धू और उनकी पत्नी ने कभी इस बात से इंकार भी नहीं किया है कि वह आम आदमी पार्टी में नहीं जाएंगे...
उधर, नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा अचानक बीजेपी से इस्तीफ़ा दे देना भी कई सवाल खड़े करता है... सबसे पहला सवाल यह है अगर सिद्धू बीजेपी छोड़ना ही चाहते थे, तो लोकसभा चुनाव के दौरान भी छोड़ सकते थे, जब उन्हें अमृतसर संसदीय सीट से पार्टी टिकट नहीं मिला... बीजेपी द्वारा सिद्धू को राज्यसभा की सीट देने के सिर्फ तीन महीने के भीतर इस्तीफ़ा दे देना अपने आप में सवाल है, क्योंकि अगर सिद्धू पार्टी से दुखी थे तो उन्हें राज्यसभा सीट लेनी ही नहीं चाहिए थी... दूसरा सबसे बड़ा सवाल यह है कि नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफ़ा देने के कुछ ही देर बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने सिद्धू को सैल्यूट क्यों किया, जबकि यह वही सिद्धू हैं, जिन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान केजरीवाल को 'नौटंकी कंपनी' बोलकर ज़ोरदार हमला किया था...
कुछ दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री ने यह पुष्टि भी की थी कि नवजोत सिंह सिद्धू उनसे मिल चुके हैं, और पार्टी में शामिल होने के लिए सिद्धू ने कोई शर्त नहीं रखी है, बल्कि सोचने के लिए समय मांगा है... इस बयान से यह तो पुख्ता हो गया कि सिद्धू और आम आदमी पार्टी के बीच कहीं न कहीं कोई न कोई बातचीत चल रही है, लेकिन सवाल यह है कि अगर सिद्धू की कोई शर्त नहीं है तो उन्हें जल्द से जल्द आम आदमी पार्टी में शामिल हो जाना चाहिए...
या फिर यह भी हो सकता है कि सिद्धू राजनीति से दूर रहना चाहते हो, लेकिन एक सवाल इसमें भी है कि अगर वह राजनीति से दूर रहेंगे तो लोगों की सेवा कैसे करेंगे, जो उनका मुख्य मकसद है...
या फिर असल सवाल वही है, जिसे लेकर मीडिया में रोज़ चर्चा हो रही है - सिद्धू आम आदमी पार्टी की तरफ से पंजाब में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनना चाहते हैं... इसके पीछे सोचने वाली बात यह है कि जो सिद्धू राज्यसभा सांसद जैसा पद छोड़ चुके हैं, वह सिर्फ पार्टी सदस्य या ज़्यादा से ज़्यादा विधायक या मंत्री बनने के लिए किसी पार्टी में क्यों जाएंगे... वैसे, नवजोत सिंह सिद्धू को अपनी पार्टी में लेने के लिए कांग्रेस भी तैयार है, लेकिन वह सिद्धू को कभी भी मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनाएगी, सो, सवाल अब यह उठता है कि क्या सिद्धू किसी भी पार्टी में महज सदस्य बनकर लोगों की सेवा करेंगे, या फिर राजनीति से पूरी तरह दूर रहेंगे...
सो, साफ है कि सिद्धू राजनीति में काफी अच्छी 'फॉर्म' में चल रहे हैं, और पंजाब में चार बार लोकसभा चुनाव भी जीत चुके हैं... पंजाब की राजनीति में उनकी छवि भी बिल्कुल साफ-सुथरी है, लेकिन फिलहाल कोई भी उन्हें अपनी टीम का कप्तान, यानी मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने के लिए फिलहाल तैयार नहीं है...
सुशील कुमार महापात्र NDTV इंडिया के चीफ गेस्ट कॉर्डिनेटर हैं...
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This Article is From Aug 22, 2016
'फॉर्म' में हैं नवजोत सिंह सिद्धू, लेकिन 'कप्तान' बनाने को कोई तैयार नहीं...
Sushil Kumar Mohapatra
- ब्लॉग,
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Updated:अगस्त 22, 2016 09:06 am IST
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Published On अगस्त 22, 2016 09:06 am IST
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Last Updated On अगस्त 22, 2016 09:06 am IST
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