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This Article is From Aug 29, 2018

एशियन गेम्‍स में भारत के प्रदर्शन ने जगाई उम्‍मीद...

Manoranjan Bharati
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    अगस्त 29, 2018 15:50 pm IST
    • Published On अगस्त 29, 2018 15:46 pm IST
    • Last Updated On अगस्त 29, 2018 15:50 pm IST
एशियन गेम्‍स 2018 में भारत के प्रदर्शन को लेकर काफी कुछ कहा जा रहा है हालांकि पिछले बार की तुलना में इस बार का प्रदर्शन को खराब नहीं कहा जा सकता. खासकर ऐसे खेलों में भारत उभर कर सामने आया जिसकी लोगों को उम्मीद नहीं थी- जैसे एथलेटिक्स में भारत का शानदार प्रदर्शन, 100 मीटर और 200 मीटर की दौड़, भाला फेंकने जैसी प्रतियोगता में सफल होना भारत के लिए अच्छी खबर है. सबसे पहले शूटिंग में पदक आया वह भी एक 16 साल के एक लड़के ने गोल्ड जीता. सोचिए, हम सब 16 साल की उम्र में क्या कर रहे थे. फिर बैडमिंटन में भारत को सिल्‍वर और ब्रॉन्‍ज मेडल मिला. भारत के लिए पहली बार किसी एशियाई खेल में यह हो पाया है. ओलिंपिक में पीवी सिंधु को रजत मिल चुका है. इस एशियाड में उन्‍होंने यही कारनामा दोहराया और साइना नेहवाल ने भी कांस्य पदक जीता.

दो खेल ऐसे हैं जिनमें काफी प्रगति हुई है वह है शूटिंग और बैडमिंटन. मगर अब एथलेटिक्स ने लोगों को यह उम्‍मीद दी है कि आने वाला समय एथलीटों का होने वाला है. खासकर दुती चंद, हेमा दास और नीरज चोपड़ा, मंजीत सिंह, जिन्‍सन जॉनसन जैसे लोगों से काफी उम्मीदें हैं. इस सब के पीछे फेडरेशन और सरकार की मेहनत साफ दिख रही है.ओलिंपिक में पदक जीतने वाले एक पूर्व खिलाड़ी का खेल मंत्री होना भी एक बहुत बड़ा कारण है. राज्‍यवर्धन राठौड़ का गेम्स विलेज में खिलाड़ि‍यों को अपने हाथ से खाना परोसने की तस्वीर भी वायरल हो रही है.

इन खेलों को छोड़ दें तो हॉकी में हमारी टीम शानदार फॉर्म में है. कुश्ती में यदि सुशील कुमार के प्रदर्शन को छोड़ दें तो बाकी पहलवानों ने निराश नहीं किया. यही हाल बॉक्सिंग का है. मगर सबसे बड़ी निराशा कबड्डी टीम से हुई. महिला और पुरुष टीम ने हमेशा से सोना ही जीतती आई थी मगर इस बार ये सिलसिला टूट गया.दो स्वर्ण पदक हाथ से निकल गए. इसके पीछे कोच की नियुक्ति को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. कोच ने सीनियर प्लेयर को बाहर बैठाए रखा सही समय पर टाइम आउट या ब्रेक नहीं लिया,  लिहाजा सोना हमारे हाथ से निकल गया. सबसे मजेदार बात है कि जिस ईरान की महिला टीम ने सोना जीता, उसकी कोच भारतीय महिला हैं जिनका नाम है शैलजा जैन. उम्मीद की जानी चाहिए कि कबड्डी फेडरेशन इस एशियाड से कुछ सीखेगा. पिछले एशियाड में भारत ने 11 स्वर्ण 10 रजत और 36 कांस्य पदक जीते थे. मगर अभी तक भारत ने 9 स्वर्ण, 19 रजत और 22 कांस्‍य पदक जीते हैं.हॉकी और एथलेटिक्स में भारत को कुछ और स्वर्ण पदक मिलने की उम्मीद है और खेलप्रेमियों को यही आशा होगी कि भारत पिछले एशियाड के आंकड़ों को बेहतर कर सके और इस बार हुई भूलों को न दोहराया जाए. वैसे ओलंपिक और एशियाड के बारे में कहते हैं न कि जीतना जरूरी नहीं है भाग लेना जरूरी होता है और यही सच्ची खेल भावना है. यही वजह है कि सबसे पीछे रहने वाला खिलाडी भी रेस पूरा करके ही दम लेता है भले ही वो पदक से कितना भी दूर क्यों न रह जाए...

मनोरंजन भारती NDTV इंडिया में 'सीनियर एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर - पॉलिटिकल न्यूज़' हैं...

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